आयरशायर गाय: ताबड़तोड़ दूध के लिए नाम ही काफी है

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आयरशायर नस्ल की स्कॉटलैंड में प्रसिद्ध है। पहली बार अमेरिका से इन गायों को स्कॉटलैंड लाया गया था। ये भी एक संकर नस्ल को गाय है। प्रथम श्वेत क्रांति के समय इन गायों को भारत लाया गया था। आयर शायर नस्ल की गायें अधिक दूध देने के लिए जानी जाती है। इस नस्ल के बच्चे भी दूध देने के लिए प्रसिद्द हैं।

इन गायों का शरीर भूरा रंग का होता है। बीच बीच में शरीर पर उजले रंग के बड़े धब्बे भी होते हैं। वहीं कई आयर शायर गाय उजले रंग के होते हैं और शरीर पर भूरा रंग का घब्बा रहता है। एक औसत गाय का वजन तकरीबन 500 किलोग्राम का होता है।

ये एक दूधारू नस्ल की गाय है। प्रतिदिन आयरशायर गाय 20 से 30 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है। इस गाय के दूध में 4 प्रतिशत फैट पाया जाता है। डेयरी बिजनेस में के लिए यह गाय उपयुक्त है।

आयरशायर गाय की पहचान

इन गायों की सबसे बड़ी पहचान दूध क्षमता है। ठंडी, गर्मी या हो बरसात हर मौसम में आयरशायर गायें 20 से 25 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है। 10 से 15 सालों तक आयरशायर गाय दूध देती हैं।

आयरशायर गाय की दूध क्षमता

इन गायों की सबसे बड़ी पहचान दूध क्षमता है। ठंडी, गर्मी या हो बरसात हर मौसम में आयरशायर गायें 20 से 25 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है। 10 से 15 सालों तक आयरशायर गाय दूध देती हैं। Animall ऐप पर पहले, दुसरे और तीसरे ब्यात की बेहतरीन आयरशायर गायें खरीद बिक्री के लिए उपलब्ध रहती है। आयरशायर गाय के दूध में 4 से 5 प्रतिशत फैट पाया जाता है। मात्र एक फ़ोन कॉल पर गाय-भैंस वाला Animall ऐप से शानदार आयरशायर गायें खरीद सकते है ।

क्या दूध में पाउडर मिला कर फैट और SNF बढ़ा सकते है ?

आयरशायर गायों की देख रेख कैसे करें ?

आयरशायर गायों के रखने के स्थान को नियमित रूप से पानी से साफ करते रहें। सफाई रखने से पशुओं को कई गंभीर बिमारियों से बचाया जा सकता है। साफ सफाई रखने से गौशाला में पनपने वाले जीवाणु और परजीवीयों का खतरा नही बना रहता है। साफ सुथरे गौशाला वातावरण में रहने से पशु के दूध के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है। जहाँ आयरशायर नस्ल को बांध कर रखा जाता है वहां पर पानी से साफ करने के बाद रोगाणु नाशक दवाई (5ग्राम पोटाशियम परमेगनेट या 50 एम.एल फिनाईल/बाल्टी पानी) से सफाई करें। इसके अलावा डेटॉल से भी गौशाला की सफाई कर सकते हैं। खुरपका मुंह पका,लंगड़ी रोग,एवं थिलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए गौशाला की साफ़ सफाई का महत्वपूर्ण योगदान है।

गौशाला में साफ़ सफाई में नहीं रखने से पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। फेफड़ों और आंत सम्बन्धी बीमारियाँ होने का खतरा बढ़ जाता है। गोबर और अन्य ठोस पदार्थ जैसे नीचे गिरा हुआ भूसा आदि को गौशाला में से दिन में कम से कम 2 बार हटाना चाहिए। इन्हें पशु घर से कम से कम 100 मीटर दूरी पर किसी गड्ढे में इकट्ठा करें, जिससे खाद बनाकर खेतों में डाला जा सके।

स्वस्थ पशुओं की आंखें चमकीली होती हैं। इसमें किसी भी तरह के तरल पदार्थ जैसे पानी या खून के धब्बे नजर नहीं आते। स्वस्थ आयरशायर गायें बहुत ज्यादा खांसती नहीं हैं, घर्राने की आवाजें भी नही आती है। इसमें सांस लेने की प्रक्रिया बिल्कुल सामान्य होती है। आपको स्वस्थ्य आयरशायर गाय का चमड़ा भी चमकदार दिखाई देगा, शरीर पर कही से भी जूं-चीचड़ नहीं दिखाई देगा। स्वस्थ पशु के चलने-फिरने या उठने-बैठने में परेशानी नहीं होती है।

चारा

दुधारू आयरशायर गाय को ये पशु आहार दें

आयरशायर गाय की क्षमता का पूरा उपयोग करने के लिए 40 से 50 किलोग्राम हरा चारा और 3 किलो दाना प्रति किलोग्राम दूध देने के लिए दें। जब पशु आहार में प्रोटीन, वसा और खनिज लवन मिलता है तो दूध में बढ़ोतरी देखने को मिलती है।

गाभिन आयरशायर गाय को ये पशु आहार दें

एक 250 किलोग्राम वजन के गाय को एक दिन में कितना पशु आहार दें।

भूसा – 4 किलो
दाना मिश्रण – ढाई किलो

चारा बाँट कर दिन में 3-4 बार खिलाएं। साथ में दाना मिश्रण भी 2 बार बराबर मात्रा में खिलाएं। हरा और सूखा चारा दोनों मिलाकर खिलाएं। चारा के दाना मिश्रण के अलावा प्रतिदिन 35- 40 लीटर पानी गाय को जरुर पिलायें।

आयर शायर गायों में होने वाली बीमारियां

1. ब्रुसेला बीमारी

घर की सभी आयरशायर नस्ल के गायों को ब्रुसेला का टीका लगायें। यदि आयरशायर नस्ल की गाय ने बछड़ी को जन्म दिया है तो पैदा होने के 6 महीने बाद ब्रुसेला बीमारी का टीका लगायें। ब्रुसेला एक जानलेवा बीमारी है, जो मनुष्यों से गायों में फैलता है। इसकी चपेट में आने पर गायें तुरंत बीमार हो जाती हैं। भारत में ही बने टीका ब्रुसेला S-19 पशुओं को लगाया जाता है।

बीमारियों से बचाए रखने के लिए गाय का टीका कब लगाना चाहिए

आयरशायर गायों में ब्रुसेला बीमारी के क्या लक्षण हैं?

पशुपालक साथी अभी हम आपको आयरशायर नस्ल के गायों में होने वाले ब्रुसेला बीमारी के लक्षण के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आपकी आयरशायर गाय इस बीमारी से ग्रसित है तो उसे बुखार की शिकायत रहेगी। उस गाय का वजन भी लगातार कम होता जायेगा। रात में गाय को पसीना भी आएगा। अगर आपकी गाय को ये सारे लक्षण दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक से बात करें।

2. सर्रा बीमारी

यह एक परजीवी से होने वाला रोग है। ट्रिपैनोसोमा ईवांसी नामक सूक्ष्म परजीवी से ये बीमारी फैलता है। इस बीमारी के फैलने से पशुओं की उत्पादन क्षमता में भारी कमी आती है। तुरंत ही पशुओं की मृत्यु हो जाती है जिससे पशुपालकों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। सबसे पहले साल 1885 में सर्रा बीमारी को देखा गया था।

मान लीजिए अगर कोई पशु सर्रा बीमारी से ग्रसित है अगर मक्खी उसका खून चूसकर स्वस्थ पशु को काट लेगा तो उसे ये बीमारी फ़ैल जाएगी। पशु विज्ञान में सर्रा रोग के लिए जिम्मेदार मक्खी को टेबनेस मक्खी कहते हैं। भारत में पशुओं को काटने वाले मक्खी को लोग डांस मक्खी के नाम से जानते हैं।

आयरशायर गाय में सर्रा रोग के क्या लक्षण हैं ?

आपके आयरशायर गाय को रुक रुक कर बुखार आएगा। वो बार बार पेशाब करेगी। इतना ही नहीं आपकी आयरशायर गाय गोल गोल चक्कर भी काटने लगेगी। सर्रा बीमारी से ग्रसित आपकी जर्सी गाय को भूख भी कम लगेगा। गाय के मुंह से लार गिरने लगेगा । उसके आंख और नाक से पानी गिरने लगेगी।

सर्रा बीमारी से ग्रसित आपके दुधारू आयरशायर गाय का दूध कम हो जायेगा।
वो धीरे धीरे कमज़ोर होते चली जाएगी। कई बार गायों का पिछला भाग लकवाग्रस्त हो जाता है। अगर कोई आयरशायर गाय इस बीमारी से ग्रसित है तो आँखों में सफेदी आने लगता है। उस पशु के निचले भाग में भी सूजन आने लगता है।

3. थनैला रोग

पशुओं के बांधे जाने वाले स्थान और दूध दुहने के स्थान की सफाई का विशेष ध्यान रखें। दूध दुहने की तकनीक सही होनी चाहिए जिससे थन को किसी प्रकार की चोट न पहुंचे। थन में किसी प्रकार की चोट (मामूली खरोंच भी) का तुरंत इलाज कराएं। थन का उपचार दुहने से पहले व बाद में दवा के घोल में (पोटेशियम परमैगनेट 1:1000 या क्लोरहेक्सिडीन 0.5 प्रतिशत) डुबो कर करें। दूध की धार कभी भी फर्श पर न मारें। रोगी पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें तथा उन्हें दुहने वाले भी अलग हों। अगर ऐसा संभव न हो तो बीमार पशु का दूध सबसे बाद में निकालें। समय-समय पर दूध की जाँच करवाते रहें। अगर थनों में सुधार न दिखें तो पशु चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।

जानिए क्या है मानसून में थनैला रोग फैलने की वजह, लक्षण और उपचार (वीडियो)

कुछ ही मिनटों में आयरशायर गाय को Animall ऐप से कैसे खरीदें?

Animall ऐप पर अपने आसपास की ढेर सारी आयरशायर गाय खरीद सकते हैं। आयरशायर गायों की खरीदारी करने के लिए अपने मोबाइल फ़ोन में गाय-भैंस वाला Animall ऐप डालें। ऐप में अपन मोबाइल नंबर दर्ज करा कर गाय पर दबाएँ। दबाते ही आप ढेर सारी गायों के नस्ल के नाम देख पाएंगे । यहाँ आयरशायर नस्ल चुने और अपने घर मनचाहे ब्यात और दूध क्षमता वाली गाय ले जायें।

अपनाएं ये तीन आसान तरीका अपनाएं

  1. अपने गाँव या जिले का नाम या पिनकोड डालें।
  2. पिनकोड डालने के बाद गाय पर दबाएँ । यहाँ आयरशायर का चयन करें । क्लिक करने के बाद यहाँ आप नस्ल के साथ साथ अपने मन के अनुसार दूध क्षमता और ब्यात का का चुनाव भी कर सकते है।
  3. अब आपको अपने आसपास की सारी दुधारू आयरशायर नस्ल गाय दिखने लगेंगी । इनमे से अपने पसंद का पशु चुनकर ख़रीदार से बात करें और घर ले जायें नया पशुधन।

 

ऐप पर आयरशायर गाय बेचें

आपको अपनी आयरशायर गाय बेचनी है ? Animall ऐप पर ऐसे अपना पशु बेचें

इन सरल तरीकों को अपनाकर आयरशायर गाय Animall ऐप पर बेचें। ऐसे Animall ऐप से तुरंत आयरशायर गाय बेचें। ऊपर लिखे गये तरीके से Animall ऐप में खुद को रजिस्टर कर लें। इसके बाद पशु बेचें पर दबाएँ। इस बटन पर दबाते ही आप आयरशायर गाय की दूध क्षमता, ब्यात और कीमत लिख सकते हैं। अपने आयरशायर गाय की सभी जानकारियाँ डालने के बाद आपका पशु ऐप पर दर्ज हो जायेगा। मुबारक हो, आपकी आयरशायर गाय ऐप पर दर्ज हो गया है। अब ख़रीदार आपको गाय के लिए कॉल करेंगे।