क्या दूध में पाउडर मिला कर फैट और SNF बढ़ा सकते है ?

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दूध की गुणवत्ता अच्छी हो तो उसकी कीमत और मांग दोनों ही बढ़ जाती है। इस बात को डेयरी उद्योग के लोग भली भांति जानते हैं। यही कारण भी है जिसकी वजह से डेयरी उद्योग के लोग दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने के लिए कई तरह के उपाय अपनाते हैं। आज के समय में दूध के अंदर फैट और एसएनएफ बढ़ाने के लिए पाउडर, वनस्पति तेल, इंजेक्शन और घी आदि का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या यह तरीका सही है और क्या सच में इन पदार्थों के जरिए दूध में मौजूद फैट और एसएनएफ को बढ़ाया जा सकता है।

आइए आज विस्तार से जानते हैं, आखिर दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने के लिए मिलाया जाने वाला पाउडर कितना कारगर है और इसके क्या, नुकसान हो सकते हैं। इसके अलावा एक नजर इस बात पर भी डालेंगे कि आखिर क्यों दूध में यह मिलावट की जा रही है।

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दूध में फैट और एसएनएफ क्यों है जरूरी

दूध का उपभोग करने वाले और उसे बेचकर आय अर्जित करने वाले लोग दूध में मौजूद फैट को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं। यह फैट और एसएनएफ ही है जो दूध के जरिए शरीर को लाभ पहुंचाते हैं। आपको बता दें कि दूध के अंदर फैट और एसएनएफ जितना अधिक होता है उतनी ही दूध की कीमत भी बढ़ जाती है। ज्ञात हो की दूध के अंदर फैट के अलावा पाए जाने वाले यौगिक पदार्थ और विटामिन को ही एसएनएफ कहा जाता है। 

फैट और एसएनएफ की मात्रा के लिए जिम्मेदार कारण 

गाय या भैंस के जरिए प्राप्त दूध में फैट और एसएनएफ कितना होगा यह कई बातों पर निर्भर करता है। इसमें दूध की गुणवत्ता अच्छी न होने का सबसे पहला कारण पशु को दिया जाने वाला आहार होता है। अगर पशु को सही मात्रा में सही आहार न दिया जाए तो इसका असर दूध की गुणवत्ता पर पड़ता है। इसके अलावा अगर पशु किसी रोग से पीड़ित हो तो इसका असर भी दूध की गुणवत्ता पर देखा जा सकता है। इसके साथ ही गाय या भैंस की नस्ल भी दूध के फैट और एसएनएफ की मात्रा के लिए जिम्मेदार होती है। अगर पशुपालक पशु को सही आहार दे और उसे रोग से बचाकर रखें तो पशु के दूध की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है, या फिर एक अच्छी नस्ल की गाय या भैंस Animall App के जरिए खरीदें।  

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दूध में पाउडर मिलाना या मिलावट करना कितना फायदेमंद

एक पशुपालक या डेयरी उद्योग का व्यक्ति जब दूध में पाउडर, वनस्पति तेल, घी आदि की मिलावट करता है, तो इससे दूध गाढ़ा तो हो जाता है। लेकिन इसका स्वाद और इसके गुण अवगुणों में भी बदल जाते हैं। जिसका पता ग्राहक आसानी से दूध के स्वाद के जरिए भी लगा लेता है। यही नहीं दूध में पाउडर मिलाने की वजह से एसएनएफ तो बढ़ जाता है। लेकिन इससे दूध के फैट में कोई बढ़ोतरी नहीं होती। इसलिए दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने के लिए सही तरीकों को अपनाया जाना चाहिए। 

दूध में मिलावट की वजह 

आमतौर पर पशुपालक या डेयरी उद्योग के लोग दूध के अंदर मिलावट इसलिए करते हैं, ताकि वह अधिक मुनाफा कमा सकें। दरअसल डेयरी उद्योग के अंदर जिस गाय या भैंस के दूध में फैट और एसएनएफ अधिक होता है। उस गाय और भैंस का दूध अधिक दामों पर बेचा जा सकता है। ऐसे में पशुपालकों और छोटे किसानों के पास आय का जरिया एक पशु के जरिए प्राप्त दूध ही है। यह कारण भी है जिसकी वजह से दूध में मिलावट की जाती है।

दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने का सही तरीका 

दूध में फैट और एसएनएफ को बढ़ाने के लिए पशुपालक भाई उन्हें ब्याने से पहले और ब्याने के बाद सही मात्रा में हरा चारा और सूखा चारा दें। इसके अलावा पशुओं की साफ सफाई का भी ध्यान रखें और इन्हें रोग से बचाकर रखें। वह पशुपालक भाई जो दूध की गुणवत्ता बेहतर चाहते हैं, वे एक अच्छी नस्ल का पशु खरीदें।  पशुपालक भाई इस बात का खास ध्यान रखें कि एक अच्छी नस्ल ही बेहतर दूध उत्पादन क्षमता रखती है। इसलिए अगर आप डेयरी उद्योग के लिए एक गाय या भैंस खरीद रहे हैं तो उसकी नस्ल का चुनाव सोच समझकर करें।  

इन सभी बातों के अलावा एक पशुपालक को यह ध्यान रखना चाहिए कि पशु को अधिक इंजेक्शन या खराब खाद्य सामग्री कभी न दें। ऐसा करने पर न केवल पशु की दूध देने की क्षमता प्रभावित होती है। बल्कि कई बार पशु के द्वारा दिया गया दूध भी दूषित हो जाता है। इसके साथ ही पशु के व्यवहार पर भी नजर बनाकर रखें।

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Animall ऐप करें डाउनलोड

किसान और पशुपालक भाई इस लेख के माध्यम से समझ गए होंगे कि एसएनएफ बढ़ाने का सही और गलत तरीका क्या है। अगर आपको अब भी एसएनएफ से संबंधित किसी तरह की जानकारी हासिल करनी है तो आप हमारी ऐप पर जुड़ सकते हैं। ऐप पर आप न केवल एसएनएफ से जुड़ी जानकारी हासिल कर पाएंगे। बल्कि ऐप के माध्यम से गाय और भैंस खरीद और बेच भी पाएंगे। यानी आप इस ऐप का इस्तेमाल हर तरह से कर सकते हैं। चाहे आपको गाय या भैंस बेचनी हो या खरीदनी हो। इसके अलावा अगर आपका पशु बीमार है तो आप  Animall App पर डॉक्टर से मदद भी मांग सकते हैं। अगर आप एक पशुपालक हैं तो आप इसे आसानी से प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं या फिर आप ऐप डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए विकल्प पर क्लिक करें

जानिए क्या है, दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने का सही तरीका

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दूध बढ़ाने का फ़ोर्मुला

देखिए पशु का दूध बढ़ाने के शानदार तरीक़े।
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पशु का दूध कैसे बढ़ाएँ?

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देखिए पशु का दूध बढ़ाने के शानदार तरीक़े।

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जानिए क्या है, गाय के दूध की मात्रा बढ़ाने का वैदिक उपाय

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पशु के दूध से आय अर्जित करने वाले लोग, अक्सर पशु के दूध की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं। ऐसे में कई बार तो पशुपालक दूध बढ़ाने के लिए पशु को इंजेक्शन या दवाएं देने लगते हैं। जिसकी वजह से दूध की मात्रा तो बढ़ जाती है। लेकिन इसका विपरीत असर पशु की प्रजनन क्षमता पर होने लगता है। पशुपालक की यह गलती पशु को पूरी तरह से बांझ भी बना सकती है। 

पशु पालन करने वालों की इसी समस्या का देसी उपचार लेकर हम हाज़िर हुए हैं। हम अपने इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे गाय के दूध को बढ़ाने की वैदिक खुराक के बारे में। अगर आप डेयरी उद्योग से जुड़े हुए व्यक्ति हैं, तो यह लेख आपके बहुत काम आ सकता है। आइए चलिए विस्तार से जानते हैं गाय की वैदिक खुराक से जुड़ी संपूर्ण जानकारी।

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गाय की वैदिक खुराक क्या है 

किसान भाई गाय के दूध को बढ़ाने के लिए कुछ देसी खाद्य सामग्रियों का विकल्प चुन सकते हैं। इनमें से कुछ की सूची हम आपको नीचे दे रहे हैं। इसके अलावा आपको बता दें कि इस सूची में दी गई सामग्री की मात्रा पूरे महीने में इस्तेमाल की जाने वाली है। पशु को एक ही दिन में इस मात्रा में यह चीजें देना पूरी तरह गलत होगा। 

  • 30 किलोग्राम जौ 
  • 5  किलोग्राम तारा 
  • 15 किलोग्राम सोयाबीन या मूंग की दाल का छिलका 
  • 5 किलोग्राम गुड़
  • 3 किलोग्राम मेथी दाना
  • 10 किलोग्राम सरसों
  • 30 किलोग्राम कपास के बिनौले
  • 30 किलोग्राम दलिया 
  • 20 किलोग्राम चने 
  • 3 किलोग्राम मेथी दाना
  • 2 किलोग्राम सूखे आंवले
  • 1 किलो मीठा सोडा
  • 250 ग्राम जीरा 
  • 250 ग्राम सौंफ
  • 1 किलोग्राम साबुत लहसुन 

इस सूची में जो भी सामग्री आपको दिखाई दे रही हैं। यह एक महीने का आहार है, जो आप अपने पशुओं को दे सकते हैं। 

गाय के दूध को बढ़ाने के लिए वैदिक खुराक में आप उन्हें तारामीरा, सरसों, जौ, गेहूँ, कपास के बिनौले, चने छिलका और मीठा सोडा आदि पीसकर दे सकते हैं। इसके अलावा इनका दलिया बनाकर ठंडा करके पशु को दिया जा सकता है। 

पशुपालक इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी स्थिति में गाय को हरा चारा जरूर दें। इसके अलावा कोशिश करें कि हरे चारे की मात्रा 25 से 30 किलो जरूर हो। 

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गाय को यह न दें

गाय के जरिए आय प्राप्त करने वाले पशुपालक इस बात को जेहन में रखें कि गाय के लिए कच्चा आटा खतरनाक होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह आटा गाय के पेट में जाकर चिपक जाता है। इसके बाद अगर पशु को पेट के कीड़े की दवा दी जाए तो ऐसे में यह कीड़े इस चिपके आटे में छिप जाते हैं। जिसकी वजह से पशु के दूध देने की मात्रा कम हो जाती है। 

हमें उम्मीद है कि किसान भाइयों को हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी। अगर आप इस तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो आप हमारी एनिमॉल ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप के जरिए आप पशु बेच और खरीद भी सकते हैं। इसके अलावा पशु चिकित्सक से भी संपर्क कर सकते हैं। Animall App को डाउनलोड करने के लिए इस विकल्प पर क्लिक करें। 

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जानिए क्या है, दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने का सही तरीका

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दूध और उससे बने उत्पादों का सेवन दुनिया भर में किया जाता है। ऐसे में पशुपालक अक्सर सोचते हैं कि दूध की मात्रा को कैसे बढ़ाया जाए। जबकि पशुपालक भाई दूध की गुणवत्ता को बेहतर करके भी अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। आपको बता दें कि गाय या भैंस के दूध में फैट और एसएनएफ होता है। यह जितना अधिक होता है दूध की गुणवत्ता उतनी ही बेहतर मानी जाती है।

इसके अलावा अधिक फैट और एसएनएफ के दूध से बनी सामग्री की गुणवत्ता भी बेहतर हो जाती है। लेकिन ज्यादातर पशुपालकों को इस बात की जानकारी ही नहीं है। ऐसे में आज हम अपने इस लेख के जरिए बताएंगे कि पशुपालक भाई किस तरह से गाय या भैंस के दूध की गुणवत्ता को सुधार सकते हैं। अगर आप भी एक पशुपालक हैं और अपने पशु के दूध में फैट एसएनएफ बढ़ाने का रास्ता खोज रहे हैं तो आप इस लेख पर अंत तक बने रह सकते हैं। और पढ़ें

दूध में कितना होता है फैट 

देश के ज्यादातर पशुपालक भैंस और गाय के जरिए ही दूध का व्यापार करते हैं। आपको बता दें इनमें से गाय के दूध को पतला और भैंस के दूध को मोटा कहा जाता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि गाय के दूध में कम फैट पाया जाता है और इसमें 90 प्रतिशत तक पानी होता है। वहीं भैंस के दूध में फैट अधिक होता है और इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी अधिक होती है। इसके अलावा आंकड़ों की मानें तो गाय के दूध में 4 से 5 प्रतिशत फैट पाया जाता है। वहीं भैंस के दूध में 6 से 10 प्रतिशत तक फैट पाया जाता है। 

दूध में एसएनएफ क्या होता है

दूध के अंदर पानी और बटरफैट के अलावा जो पदार्थ होते हैं उन्हें एसएनएफ (सोलिड्स-नॉन-फैट) कहते हैं। आपको बता दें कि एसएनएफ में विटामिन, लैक्टोज और खनिज पदार्थ आदि शामिल होते हैं। दूध की गुणवत्ता को बेहतर करने में यह सभी पदार्थ आवश्यक माने जाते हैं। गाय के दूध में अमूमन 8.5 प्रतिशत तक एसएनएफ पाया जाता है।  वहीं भैंस के दूध में 9 प्रतिशत तक एसएनएफ मौजूद होता है। और पढ़ें

पशुओं के आहार में करें यह बदलाव

गाय या भैंस को पालने वाले पशुपालक अक्सर दूध के अंदर फैट और SNF को बढ़ाने के लिए हरे चारे की मात्रा को बढ़ा देते हैं।  जबकि यह पूरी तरह विपरीत असर करता है। गाय या भैंस का हरा चारा अधिक मात्रा में देने से उनकी दूध देने की क्षमता तो बढ़ जाती है। लेकिन दूध से फैट और एसएनएफ कम हो जाता है। वहीं पशु को सूखा चारा देने से दूध में फैट और एसएनएफ की मात्रा को बढ़ जाती है।

लेकिन पुश की दूध देने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में पशुपालकों को पशुओं को 60 प्रतिशत हरा चारा और 40 प्रतिशत सुखा चारा देना चाहिए। इस तरह पशु को चारा देने से दूध की गुणवत्ता भी बेहतर होगी और पशु दूध भी सही मात्रा में देगा।

इसके अलावा पशुपालक इस बात पर भी सावधानी बरते कि अचानक पशु के आहार में कोई बड़ा बदलाव न करें। ऐसा करने से पशु की दूध देने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। इसके साथ ही बछड़े को गाय का आखिरी में दूध न पीने दें। जानकार बताते हैं कि गाय या भैंस जो दूध दोहने के आखिरी समय पर देती हैं। उनमें सबसे अधिक फैट और एसएनएफ पाया जाता है। और पढ़ें

दूध में एसएनएफ और फैट क्यों हो सकता है कम

दूध में फैट और एसएनएफ की मात्रा कितनी होगी यह गाय या भैंस की नस्ल पर भी बहुत हद तक निर्भर करता है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि दूध में फैट और एसएनएफ का स्तर अधिक से अधिक हो, तो ऐसे में सबसे जरूरी है कि एक उन्नत नस्ल वाली गाय या भैंस खरीदे। इसके अलावा अगर आपके पास कोई भैंस और गाय है तो इन्हें सही मात्रा में आहार दें और बताई गई चारे को नियमित रूप से दें। इस तरह भी दूध में फैट और एसएनएफ को बढ़ाया जा सकता है।  इसके अलावा कुछ अन्य तरीके भी आजमा सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार है। 

दूध में एसएनएफ और फैट क्यों हो सकता है कम

दूध में फैट और एसएनएफ की मात्रा कितनी होगी यह गाय या भैंस की नस्ल पर भी बहुत हद तक निर्भर करता है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि दूध में फैट और एसएनएफ का स्तर अधिक से अधिक हो, तो ऐसे में सबसे जरूरी है कि एक उन्नत नस्ल वाली गाय या भैंस खरीदे। इसके अलावा अगर आपके पास कोई भैंस और गाय है तो इन्हें सही मात्रा में आहार दें और बताई गई चारे को नियमित रूप से दें। इस तरह भी दूध में फैट और एसएनएफ को बढ़ाया जा सकता है।  

  • 100 ग्राम टाटा नमक
  • 200 ग्राम सरसों का तेल
  • 100 ग्राम गुड़
  • 100 ग्राम कैल्शियम

यह सभी पदार्थ अपने पशु को चारे में मिलाकर दें ऐसा करने से पशु अधिक से अधिक दूध तो देगा ही। इसके साथ ही दूध की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। और पढ़ें

दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने का अन्य उपाय

वह पशुपालक भाई जो दूध में फैट बढ़ाने के कुछ दूसरे विकल्प खोज रहे हैं, वह नीचे बताए गए इस उपाय को आजमा सकते हैं। 

  1. सबसे पहले पशुपालक भाई मक्का लें और इसे बिल्कुल बारीक पीस ले ठीक आटे की तरह। 
  2. अब इसे छानकर इसमें कुछ पानी डालें और इसे गूंथ लें। 
  3. इसके बाद इसके छोटे छोटे के पेड़े बनाएं और चकला बेलन से बेल लें। 
  4. अब इसे तवे पर सेकें और रोजाना सुबह इनकी तीन से चार रोटियां अपने पशु को खाने के लिए दें।
  5. इस उपाय को कुछ दिन तक लगातार दोहराते रहें। ऐसा करने से गाय या भैंस के दूध में न केवल फैट की मात्रा बढ़ने लगेगी। बल्कि एसएनएफ भी बढ़ जाएगा।

हमें उम्मीद है कि आप दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने का तरीका समझ गए होंगे। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो आप यही जानकारी हमारे एनिमॉल ऐप के जरिए भी जान सकते हैं। हमारी ऐनिमॉल ऐप आपके काफी काम आ सकती है। इस ऐप के जरिए आप पशु बेचने और खरीदने का काम भी कर सकते हैं। इसके अलावा पशु चिकित्सक से सहायता लेनी हो या फिर पशु खरीदते समय किसी तरह का डिस्काउंट हासिल करना चाहते हैं। हमारी एनिमॉल ऐप को डाउनलोड करने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। और पढ़ें

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