भारत में 7 करोड़ से ज़्यादा घरों में पशुपालन किया जाता है, ये वही घर जिनसे दूध भारत के नगरों और महानगरों में जाता है। इन घरों में खेती बाड़ी के साथ पशु पालन आय का मुख्या हिस्सा है। लॉक-डाउन शुरू होने के बाद से सोशल मीडिया पर ऐसी काफी फोटोज आईं जिसमे दूध को नालों में बहाया जा रहा है, किसान अपनी गाय को महंगे फल खिला रहा है।
“जहाँ पिछले कुछ दिनों से एक बोरी पशु-आहार के रेट 900 रूपए से बढ़कर 1300 रूपए पहुँच गया है, वहां दूध का रेट गिरकर 20 – 25 रूपए लीटर रह गया है। ये सबसे डेयरी फार्मर को बहुत दिक्कत आ रही है।” महाराष्ट्र के गणेश जी ने बताया।शहरों में सप्लाई नहीं जा पाने के कारण दूध से बानी चीज़ें जैसे – आइस क्रीम, पनीर, मिठाइयों की डिमांड भी कम हो गई है।
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बड़ी ट्रांसपोर्टर कंपनियों से बात करने में पता चला है की लगभग पुरे भारत के यही हालत हैं। हाल ही में, सरकार ने सभी बड़े विक्रेताओं और ट्रांसपोर्टरों की मीटिंग में इन्हे लॉक-डाउन में स्पेशल परमिशन दी है, ताकि ये मंडी से दुकानों तक सामान ले जा सकें। उम्मीद की जा रही है की कुछ दिनों में हालात सुधरेंगे और किसान भाई फिर से पशु-पालन का चिंतामुक्त आनंद उठा पाएंगे।