दोगली गाय कौन सी होती है?

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दोगली गाय

भारत में गाय पालन एक बेहद ही बड़ा रोजगार का जरिया है। ऐसे में कई नस्लें भारत में पाई जाती है। इन्हीं में से एक है दोगली नस्ल। ये नस्ल ज्यादा दूध देने के लिए जानी जाती है। इतना ही नहीं भारत के विभिन्न मौसमों में भी ये रह पाती है।

दोगली गाय की पहचान 

दोगली गाय विदेशी नस्लों से अलग दिखती हैं। कई छोटी और मुड़ी हुई सींगे होती हैं तो कई दोगली गायों में मध्यम और खड़ी सींग होती है। छोटी और सुंदर टांगें होती हैं। माथा भी मध्यम होता है। जो दिखने में सुंदर बनाती हैं।

दोगली गाय के दूध की जानकारी

भारतीय मौसम के अनुकूल दोगली गाय काफी अच्छा दूध देती है। ये गाय रोजाना 10 से 20 लीटर की क्षमता में दूध दे सकती है। दोगली गाय 10 से 15 सालों तक दूध दे सकती है। Animall ऐप पर दोगली गाय बेहद ही किफायती दाम पर मिल सकती है। इस नस्ल के दूध में 4 से 5 प्रतिशत फैट पाया जाता है। बिना अधिक खर्च किए गौपालन के लिए पशुपालक दोगली नस्ल का उपयोग कर सकते हैं।

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दोगली गायों की देख रेख कैसे करें ?

दोगली गायों के रखने के स्थान को नियमित रूप से पानी से साफ करते रहें सफाई रखने से पशुओं को कई गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। साफ सफाई रखने से गौशाला में पनपने वाले जीवाणु और परजीवीयों का खतरा नहीं बना रहता है। साफ सुथरे गौशाला वातावरण में रहने से पशु के दूध के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है जहाँ दोगली नस्ल को बांध कर रखा जाता है वहां पर पानी से साफ करने के बाद रोगाणु नाशक दवाई (5ग्राम पोटाशियम परमेगनेट या 50 एम.एल फिनाईल/बाल्टी पानी) से सफाई करें। इसके अलावा डेटॉल से भी गौशाला की  सफाई कर सकते हैंखुरपका मुंह पका,लंगड़ी रोग,एवं थिलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए गौशाला की साफ़ सफाई का महत्वपूर्ण योगदान है।

गौशाला में साफ़ सफाई नहीं रखने से पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है।  फेफड़ों और आंत सम्बन्धी बीमारियाँ होने का खतरा बढ़ जाता है। गोबर और अन्य ठोस पदार्थ जैसे नीचे गिरा हुआ भूसा आदि को गौशाला में से दिन में कम से कम 2 बार हटाना चाहिए इन्हें कम से कम 100 मीटर दूरी पर किसी गड्ढे में इकट्ठा करें, जिसे खाद बनाकर  खेतों में डाला जा सके।

स्वस्थ पशुओं की आंखें चमकीली होती हैं। इसमें किसी भी तरह के तरल पदार्थ जैसे पानी या खून के धब्बे नजर नहीं आते। स्वस्थ दोगली गायें बहुत ज्यादा खांसती नहीं हैं, घर्राने की आवाजें भी नहीं आती है। इसमें सांस लेने की प्रक्रिया बिल्कुल सामान्य होती है। आपको स्वस्थ दोगली गाय का चमड़ा भी चमकदार दिखाई देगा, शरीर पर कहीं से भी जूं-चीचड़ नहीं दिखाई देगा। स्वस्थ पशु को चलने-फिरने या उठने-बैठने में परेशानी नहीं होती है।

चारा 

दुधारू दोगली गाय को ये पशु आहार दें

दोगली गाय की क्षमता का पूरा उपयोग करने के लिए 40 से 50 किलोग्राम हरा चारा और 3 किलो दाना प्रति किलोग्राम दूध देने के लिए दें। जब पशु आहार में प्रोटीन, वसा और खनिज लवन मिलता है तो दूध में बढ़ोतरी देखने को मिलती है।

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गाभिन दोगली गाय को ये पशु आहार दें

एक 250 किलोग्राम वजन के गाय को एक दिन में कितना पशु आहार दें। 

भूसा – 4 किलो 

दाना मिश्रण – ढाई किलो 

चारा बाँट कर दिन में 3-4 बार खिलाएं। साथ में दाना मिश्रण भी 2 बार बराबर मात्रा में खिलाएं। हरा और सूखा चारा दोनों मिलाकर खिलाएं। चारा के दाना मिश्रण के अलावा प्रतिदिन 35- 40 लीटर पानी गाय को जरुर पिलायें।

 

दोगली गायों में होने वाली बीमारियां 

 

  • ब्रुसेला बीमारी : घर की सभी दोगली नस्ल के गायों को ब्रुसेला का टीका लगायें। यदि दोगली   नस्ल की गाय ने बछड़ी को जन्म दिया है तो पैदा होने के 6 महीने बाद ब्रुसेला बीमारी का टीका लगायें। ब्रुसेला एक जानलेवा बीमारी है, जो मनुष्यों से गायों में फैलता है। इसकी चपेट में आने पर गायें तुरंत बीमार हो जाती हैं। भारत में ही बने टीका  ब्रुसेला S-19  पशुओं को  लगाया जाता है।

 

  • दोगली गायों में ब्रुसेला बीमारी के क्या लक्षण हैं?: पशुपालक साथी अभी हम आपको दोगली नस्ल के गायों में होने वाले ब्रुसेला बीमारी के लक्षण के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आपकी दोगली  गाय इस बीमारी से ग्रसित है तो उसे बुखार की शिकायत रहेगी। उस गाय का वजन भी लगातार कम होता जायेगा। रात में गाय को पसीना भी आएगा। अगर आपकी गाय को ये सारे लक्षण दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक से बात करें।

 

  • सर्रा बीमारी : यह एक परजीवी से होने वाला रोग है। ट्रिपैनोसोमा ईवांसी नामक सूक्ष्म परजीवी से ये बीमारी फैलता है। इस बीमारी के फैलने से पशुओं की उत्पादन क्षमता में भारी कमी आती है। तुरंत ही पशुओं की मृत्यु हो जाती है जिससे पशुपालकों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। सबसे पहले साल 1885 में सर्रा बीमारी को देखा गया था। मान लीजिए अगर कोई पशु सर्रा बीमारी से ग्रसित है अगर मक्खी उसका खून चूसकर स्वस्थ पशु को काट लेगा तो उसे ये बीमारी फ़ैल जाएगी। पशु विज्ञान में सर्रा रोग के लिए जिम्मेदार मक्खी को टेबनेस मक्खी कहते हैं। भारत में पशुओं को काटने वाले मक्खी को लोग डांस मक्खी के नाम से जानते हैं।

 

  • दोगली गाय में सर्रा रोग के क्या लक्षण हैं ?: आपके दोगली गाय को रुक रुक कर बुखार आएगा। वो बार बार पेशाब करेगी। इतना ही नहीं आपकी दोगली गाय गोल गोल चक्कर भी काटने लगेगी। सर्रा बीमारी से ग्रसित आपकी जर्सी गाय को भूख भी कम लगेगा। गाय के मुंह से लार गिरने लगेगा । उसके आंख और नाक से पानी गिरने लगेगी।सर्रा बीमारी से ग्रसित आपके दुधारू दोगली गाय का दूध कम हो जायेगा। वो  धीरे धीरे कमज़ोर होते चली जाएगी। कई बार गायों का पिछला भाग लकवाग्रस्त हो जाता है। अगर कोई दोगली  गाय इस बीमारी से ग्रसित है तो आँखों में सफेदी आने लगता है। उस पशु के निचले भाग में भी सूजन आने लगता है।

 

  • थनैला रोग: पशुओं के बांधे जाने वाले स्थान और दूध दुहने के स्थान की सफाई का विशेष ध्यान रखें। दूध दुहने की तकनीक सही होनी चाहिए जिससे थन को किसी प्रकार की चोट न पहुंचे। थन में किसी प्रकार की चोट (मामूली खरोंच भी) का तुरंत इलाज कराएं। थन का उपचार दुहने से पहले व बाद में दवा के घोल में (पोटेशियम परमैगनेट 1:1000 या क्लोरहेक्सिडीन 0.5 प्रतिशत) डुबो कर करें। दूध की धार कभी भी फर्श पर न मारें। रोगी पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें तथा उन्हें दुहने वाले भी अलग हों। अगर ऐसा संभव न हो तो बीमार  पशु का दूध सबसे बाद में निकालें। समय-समय पर दूध की जाँच करवाते रहें। अगर थनों में सुधार न दिखें तो पशु चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।

 

कुछ ही मिनटों में दोगली गाय  को  Animall ऐप से कैसे खरीदें?

 Animall ऐप पर अपने आसपास की ढेर सारी दोगली गाय खरीद सकते हैं। दोगली   गायों की खरीदारी करने के लिए अपने मोबाइल फ़ोन में गाय-भैंस वाला Animall ऐप डालें। ऐप में अपन मोबाइल नंबर दर्ज करा कर गाय पर दबाएँ। दबाते  ही आप ढेर सारी गायों के नस्ल के नाम देख पाएंगे । यहाँ दोगली  नस्ल  चुने और अपने घर मनचाहे ब्यात और दूध क्षमता वाली गाय ले जायें। 

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अपनाएं ये तीन आसान तरीका अपनाएं

  • अपने गाँव या जिले का नाम या पिनकोड डालें।
  • पिनकोड डालने के बाद  गाय  पर दबाएँ । यहाँ दोगली का चयन करें । क्लिक करने  के बाद  यहाँ आप नस्ल के साथ साथ अपने मन के अनुसार दूध क्षमता और ब्यात का का चुनाव भी कर सकते है।
  • अब आपको अपने आसपास की सारी  दुधारू दोगली  नस्ल गाय दिखने लगेंगी । इनमे से अपने पसंद का पशु चुनकर ख़रीदार से बात करें और  घर ले जायें नया पशुधन।

ऐप पर दोगली गाय बेचें

आपको अपनी दोगली गाय बेचनी है ?  Animall ऐप पर  ऐसे अपना पशु बेचें

इन सरल तरीकों को अपनाकर दोगली गाय Animall ऐप पर बेचें। ऐसे Animall ऐप से तुरंत दोगली गाय बेचें। ऊपर लिखे गये तरीके से Animall ऐप में खुद को रजिस्टर कर लें। इसके बाद पशु बेचें पर दबाएँ। इस बटन पर दबाते ही आप  दोगली गाय की दूध क्षमता, ब्यात और कीमत लिख सकते हैं। अपने दोगली   गाय की  सभी जानकारियाँ डालने के बाद आपका पशु ऐप पर दर्ज हो जायेगा।  मुबारक हो, आपकी दोगली गाय ऐप पर दर्ज हो गया है। अब ख़रीदार आपको गाय  के लिए कॉल करेंगे।

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