6 से 7 दिन में 30 किलो तक हरा चारा पैदा कर सकती है कंबाला मशीन

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आज देशभर में हरे चारे की किल्लत बढ़ती जा रही है। ये एक बड़ा कारण है जिसकी वजह से पशुपालन करने वाले लोगों ने पशुओं को पालना तक बंद कर दिया है। वहीं मानसून के दौरान ये समस्या अक्सर अधिक बढ़ जाती है और हरा चारा गीला हो जाता है ऐसे में सही हरे चारे की व्यवस्था करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब ये समस्या पूरी तरह से खत्म हो सकती है। 

ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में बैंग्लोर की एग्रीटेक कंपनी ने एक ऐसी मशीन इज़ाद की है। जिसके जरिए पशुओं का हरा चारा बहुत जल्दी उगाया जा सकता है। आज हम आपको अपने इस लेख और वीडियो के जरिए इसी मशीन से जुड़ी जानकारी देंगे। अगर आप इस तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो आप हमारे इस लेख पंर अंत तक बने रहें। इसके अलावा आप चाहें तो वीडियो भी देख सकते हैं। 

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क्या है ये कंबाला मशीन

ये एक ऐसी मशीन है जो हाइड्रोपोनिक तकनीक पर काम करती है। ये मशीन दिखने में लगभग एक फ्रीज की तरह है जिसके सामने के हिस्से पर एक जाली लगी हुई है वहीं मशीन के अंदर माइक्रो स्प्रिंकलर लगे हैं जो हरे चारे को समय – समय पर पानी मुहैया कराते हैं। मशीन की ऊंचाई 7 फुट तक होती है। इस मशीन के अंदर 4 ट्रे लगाई गई हैं।

चारा उगाने वाले मशीन का नाम 

इस हाइड्रोपोनिक मशीन का नाम कंबाला रखा गया है। फसल उगाने वाले इस मशीन का नाम  कंबाला नाम रखने की वजह कर्नाटक में होने वाली एक प्रतियोगिता है। दरअसल ये कर्नाटक में भैंस की दौड़ प्रतियोगिता होती है। इस प्रतियोगिता का नाम ही कंबाला है। इसी के नाम से प्रेरित होकर मशीन का नाम भी कंबाला रखा गया है।  

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कंबाला कैसे काम करती है

ये मशीन फसल उगाने के लिए मिट्टी की जगह पानी का इस्तेमाल करती है। कंबाला मशीन के अंदर 4 ट्रे लगई हैं। इन ट्रे में फसल के बीज डालने होते हैं। बीज डालने के बाद मशीन में पानी रहता है। मशीन के सामने की ओर लगी जाली मशीन के अंदर के तापमान को बढ़ने से रोकती है। 

कंबाला मशीन की उत्पादन क्षमता

इस मशीन के अंदर एक समय पर 700 ग्राम बीज डालने होते हैं और महज एक सप्ताह में 25 से 30 किलो हरा चारा पैदा हो जाता है। मशीन के जरिए पैदा होने वाले चारे से 2 से 3 पशुओं का पेट भर सकती है। 

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कंबाला मशीन के मॉडल

इस मशीन के दो मॉडल बाजार में उतारे गए हैं। एक बिजली से चलता है और दूसरा सौर ऊर्जा के जरिए चलता है। इसमें बिजली मॉडल की कीमत 30 हजार रुपए है। वहीं सौर ऊर्जा वाली मशीन की कीमत 45 हजार रुपए रखी गई है। ये मशीन महज साल भर में 70 रूपए ही बिजली की खपत करती है। वहीं इसमें एक किलो चारे पर केवल 50 लीटर ही पानी खर्च होता है। 

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