नीली रावी से जुड़ी पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें

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दो नदियों के नाम वाली नीली रावी नस्ल आज किसानों के घर दूध की नदियाँ बहाती हैं।

नीली रावी भैंस की उत्पत्ति पंजाब और उसके आसपास के इलाकों में हुई है। दो नदियों के नाम पर इसका नाम नीली रावी रखा गया। नीली रावी बहुत ही बेहतरीन नस्ल की भैंस है जो पंजाब के फिरोजपुर, अमृतसर और तरणतारण इलाकों में पाई जाती है। भारत के अलावा ये नस्ल पाकिस्तान में भी पाई जाती है।

नीली रावी भैंसों की पहचान कैसे करें?

आमतौर पर नीली रावी भैंसों के माथे पर उजले रंग की आकृति बनी होती है। ये भैंसें दिखने में काफी मजबूत होती है। माथे के अलावा इनके पूंछ, और पैरों पर उजले रंग की निशान होते हैं। नीली रावी भैंसों के सींग छोटे और मुड़े हुए होते हैं। नीली रावी भैंसों का सिर छोटा होता है। इनकी आंखें भी चमकीली होती हैं और दोनों आंखों के बीच में छोटा सा गड्ढा भी होता है।

स्वस्थ नीली रावी भैंस की आंखें चमकीली होती हैं। इसमें किसी भी तरह के तरल पदार्थ जैसे पानी या खून के धब्बे नजर नहीं आते। स्वस्थ नीली रावी भैंसें बहुत ज्यादा खांसती नहीं हैं और न ही घर्राने की आवाजें आती है। स्वस्थ्य नीली रावी भैंसों की चमड़ी भी चमकदार होती है, इसमें जूं-चीचड़ बिलकुल भी नहीं दिखता है। स्वस्थ नीली रावी भैंस में सांस लेने की प्रक्रिया बिल्कुल सामान्य होती है। इसके अलावा इन भैंसों में अगर चलने -फिरने, उठने -बैठने में कोई परेशानी नहीं है, तो इसका मतलब पशु बिलकुल स्वस्थ है।

नीली रावी भैंस कितना दूध देती हैं?

नीली रावी भैंस मुर्रा भैंस जितना ही दूध देने की क्षमता रखती है। प्रतिदिन ये भैंसें 15 से 25 लीटर दूध देने की क्षमता रखती हैं। डेयरी बिजनेस में अच्छा मुनाफा कमाने के लिए ये भैंसें काफी सही हैं। साल के दस महीने ताबड़तोड़ दूध देना इस भैंस की खासियत है। नीली रावी भैंस का ड्राई पीरियड सिर्फ दो महीने होता है। प्रति ब्यात नीली रावी भैंस 3000 से 5000 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है। नीली रावी भैंसों के दूध में 6 प्रतिशत फैट पाया जाता है। दूर दूर तक बिना घूमे और पैसे खर्च किए गाय भैंस वाले Animall ऐप पर नीली रावी भैंसों की खरीदारी बड़ी आसानी से कर सकते हैं।

नीली रावी को होने वाले रोग

1. नीली रावी भैंसों में होने वाला पुछकटवा रोग क्या है?

ये बीमारी फफूंद की वजह से होती है। ये बीमारी भैंसों में अधिक देखने को मिलता है। इसे गांव में लोग पुछकटवा या डेगनाला रोग के नाम से भी जानते हैं। इस बीमारी से ग्रसित नीली रावी भैंसों का कान, पूंछ और खुर खिसक कर गिरने लगते हैं। इतना ही नहीं भैंस चारा खाना बंद कर देती है। धीरे धीरे पशु का शरीर कमजोर होने लगता है।

2. पुछ कटवा बिमारी से ग्रसित अपने नीली रावी भैंस की ऐसे रक्षा करें!!

भूल से भी अपनी भैंसों को सड़ा गला हुआ भूसा खाने को न दें। पशुओं के रखने की जगह को फिनायल एवं चूने के पानी से साफ करें। भैंस के शरीर के जिस भाग में घाव हुआ है उसे गुनगुने पानी से साफ करें। अगर घाव में सुधार ना दिखे तो तुरंत ही नजदीकी पशु चिकित्सक से मिलें।

3. नीली रावी भैंसों में होने वाला थनैला रोग क्या है?

थनैला एक संक्रामक रोग है जो दुधारू भैंसों में देखने को मिलता है। यह रोग एक पशु से दुसरे पशु में फैलता है। इसमें रोगाणु पशु के थन में प्रवेश करते हैं, जिससे संक्रमण फैलना शुरु होता है। संतुलित आहार न देने से भी ये रोग हो सकता है।

अगर आप चाहते हैं कि आपकी नीली रावी भैंस को थनैला रोग न हो। तो उसके लिए आपको ध्यान देना होगा की गंदे हाथों से भैंस का दूध बिल्कुल भी न निकालें। अगर भैंस के थनों में चोट लगती है तो उसे थनैला रोग होने का खतरा लगा रहता है। अगर भैंस को गंदी जगह पर रखा है तो भी उसे ये बीमारी होने की संभावना हो सकती है।

4. नीली रावी भैंस को थनैला रोग से बचाने के लिए क्या करें

नीली रावी भैंस को अगर थनैला रोग से बचाना है तो उसका दूध हमेशा सिर्फ साफ बर्तन में ही निकाले। दूध दुहने से पहले अच्छे तरीके से हाथ साफ करें और दूध दुहने के बाद अच्छे से पशु के थन को भी साफ करें।

अगर आपके नीली रावी भैंस को थनैला रोग है तो उसके थनों में सुजन दिखाई देगी। भैंस के दूध में भी खारापन आने लगता है। आपकी भैंस दूध देने से कतराने लगेगी। भैंस के दूध का रंग भी पीला होने लगता है। भैंस के दूध में खून के छिचड़े भी आने लगता है। थन में गांठ आनी शुरू हो जाती है।

नीली रावी भैंस को Animall ऐप से ऐसे खरीदें?

Animall ऐप पर अपने आसपास की ढेर सारी नीली रावी भैंस खरीद सकते हैं। नीली रावी भैंसों की खरीदारी करने के लिए अपने मोबाइल फोन में गाय-भैंस वाला Animall ऐप डालें। ऐप में अपना मोबाइल नंबर दर्ज करा कर गाय पर दबाएं। दबाते ही आप ढेर सारी गायों की नस्ल के नाम देख पाएंगे। यहां पर नीली रावी नस्ल को चुने और अपने घर मनचाहे ब्यात और दूध क्षमता वाली भैंस ले जायें।

इन तीन आसान तरीकों से खरीदें नई नीली रावी भैंस

  1. अपने गांव या जिले का नाम या पिनकोड डालें।
  2. पिनकोड डालने के बाद, पशु में भैंस का चयन करें। यहां पर नस्ल में नीली रावी का चयन करें। इतना करने के बाद अपने मन के अनुसार दूध क्षमता और ब्यात का चुनाव भी कर सकते हैं।
  3. अब आपको अपने आसपास की सारी दुधारू नीली रावी नस्ल की भैंस दिखने लगेंगी। इनमे से अपने पसंद का पशु चुनकर खरीदार से बात करें।

बड़े आराम से ऐसे अपनी नीली रावी भैंस Animall ऐप पर बेचें

इन आसान तरीकों को अपनाकर नीली रावी भैंस को Animall ऐप पर बेचें। सबसे पहले तो अपना मोबाइल नंबर डालकर Animall ऐप पर रजिस्टर करें। इसके बाद मोबाइल में दिख रहे पशु बेचें पर दबाएं। इस बटन पर दबाते ही आप अपने नीली रावी भैंस की दूध क्षमता, ब्यात और कीमत लिख सकते हैं। इससे खरीदने वाले आसानी से आपकी भैंस के बारे में जान सकेंगे।

अपने नीली रावी भैंस की सभी जानकारियां डालने के बाद आपका पशु ऐप पर दर्ज हो जायेगा। जिसके बाद खरीदार आपका पशु ऐप पर देख सकेंगे।

अगर आप भी एक किसान है और अपने लिए पशु खरीदना चाहते हैं या फिर पशु से संबंधित कोई जानकारी हासिल करना चाहते हैं। तो बिना देरी किए अपने स्मार्टफोन में Animall ऐप डाउनलोड करें। इस ऐप पर आप पशु खरीदने और बेचने के अलावा बीमारी होने पर डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं। साथ ही आपको पशु से जुड़ी सारी जरूरी जानकारी भी ऐप पर बेहद आसानी से मिल जाएगी।