हरियाणा की मुर्रा भैंस को पशुपालक काला सोना मानते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है मुर्रा भैंस की दूध उत्पादन क्षमता लेकिन आज हम आपको इस लेख में एक ऐसी भैंस के बारे में बताने जा रहे हैं जो दूध उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता में मुर्रा भैंस से कम नहीं है। हम बात कर रहे हैं भाकृअनुप- राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (ICAR-NBAGR) द्वारा पंजीकृत नीली रावी भैंस की। मुख्य रूप से भारत और पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में पाई जाने वाली नीली रावी भैंस को लोग इसकी पहचान के कारण जानते हैं। नीली रावी भैंस दिखने में अन्य भैंसों से बिल्कुल अलग होती है। आपको बता दें कि मुर्रा भैंस के बाद सबसे ज़्यादा पालन नीली रावी नस्ल की भैंसों का किया जाता है। इसका पालन पशुपालक विदेशों में भी करते हैं। कई जगह नीली रावी भैंस को लोग पंचकल्याणी के नाम से भी जानते हैं।
इस लेख में हम आपके साथ नीली रावी भैंस से संबंधित ढेरों रोचक जानकारियां साझा करने वाले हैं जैसे, नीली रावी भैंस का मूल स्थान, नीली रावी भैंस की पहचान और विशेषताएं, नीली रावी भैंस 1 दिन में कितना लीटर दूध देती है, नीली रावी भैंस एवं मुर्रा भैंस में अंतर, नीली रावी भैंस खरीदने से पहले क्या सावधानी रखें, नीली रावी भैंस की फोटो, सबसे सस्ती नीली रावी भैंस कहां मिलेगी और इसकी कीमत आदि।
अंतर्वस्तु : |
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1. नीली रावी भैंस का मूल स्थान |
2. नीली रावी भैंस की पहचान |
3. नीली रावी भैंस की विशेषताएं |
4. नीली रावी भैंस 1 दिन में कितना लीटर दूध देती है |
5. नीली रावी भैंस कहां से खरीदें |
6. नीली रावी भैंस की कीमत |
नीली रावी भैंस का पालन भारत और पाकिस्तान में अधिक देखने को मिलता है। ये भारत में पंजाब के फिरोज़पुर, पटियाला, गुरदासपुर व अमृतसर जैसे ज़िलों में पाई जाती है व पाकिस्तान के मिंटगुमरी समेत अन्य जगहों में भी इसका पालन किया जाता है। इसके अलावा बांग्लादेश, चीन, फिलीपींस, श्रीलंका, ब्राज़ील, वेनेजुएला के पशु किसान भी इसका पालन करते हैं। नीली रावी भैंस की यह नस्ल सतलुज व रावी नदी के दोआब क्षेत्र भारत-पाकिस्तान सरहद तक फैली हुई है। इसका नाम सतलुज नदी के नीले रंग के पानी की वजह से नीली पड़ा तथा रावी नदी के आसपास पाई जाने की वजह से रावी नाम पड़ा ।यह एक मिश्रित नस्ल है।
नीली रावी भैंस पालन, नीली रावी भैंस का पालन मुख्य रूप से डेयरी उद्योग के लिए किया जाता है। नीली रावी भैंस के पालन के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है जैसे; पशु के रहने का स्थान बड़ा और हवादार होना चाहिए, पशु को साफ-सफाई वाली जगह पर रखें, में बारिश का पानी जमा न हो उसके लिए विशेष प्रबंध करें, पशु को पीने का साफ पानी दें, अच्छा आहार दें और समय-समय पर करवाएं।
भाकृअनुप- राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (ICAR-NBAGR) द्वारा पंजीकृत नीली रावी भैंस की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये हर प्रकार की जलवायु में अपने आप को ढाल लेती है। यह भैंस अपनी शारीरिक मज़बूती, रोग प्रतिरोधक क्षमता व ज़्यादा दूध देने के आधार पर पशुपालकों में मशहूर है।
नीली रावी भैंस के भरपूर पाई जाती है जिससे उच्च क्वालिटी के डेयरी प्रोडक्ट्स का उत्पादन कर किसान अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं। नीली रावी एवं मुर्रा भैंस में अंतर, मुर्रा भैंस के मुकाबले पशुपालक नीली रावी भैंस का पालन कम संसाधनों के साथ बड़े आराम से और कम खर्चे में कर सकते हैं और यह भैंस कम खाना खाकर भी अच्छी क्वालिटी का दूध उत्पादन करने की क्षमता रखती है। नीली रावी भैंस पालन, दूध का व्यवसाय करने वाले लोगों और गरीब पशुपालकों के लिए नीली रावी भैंस किसी वरदान से कम नहीं है। इस नस्ल का उपयोग भारी सामान खींचने के लिए भी किया जाता है।
रिकॉर्ड दूध उत्पादन के लिए मशहूर नीली रावी भैंस एक साल में करीब 2000 लीटर दूध दे सकती हैं। इसका रिकॉर्ड दूध उत्पादन 378 दिनों में 6535 लीटर है। इसके दूध में वसा की मात्रा 7 प्रतिशत तक पाई जाती है जिसके कारण पशुपालक बड़े स्तर पर इसका पालन कर डेयरी का व्यापार कर रहे हैं। 1 दिन में नीली रावी भैंस 8 से 10 लीटर तक दूध दे सकती है व प्रति ब्यात में नीली रावी भैंस 1800-2000 लीटर दूध देने की क्षमता रखती हैं। नीली रावी भैंस आहार, नीली रावी भैंस के पालन के दौरान अधिक दूध उत्पादन के लिए इसे देना ज़रूरी होता है। समुचित आहार देने पर इसकी दूध देने की क्षमता बढ़ जाती है और फिर ये एक दिन में 12 से 15 लीटर तक दूध दे सकती है।
नीली रावी बफैलो, पंजाब समेत देश के कई राज्यों में बड़े स्तर पर पशु मेले का आयोजन किया जाता है जहां कई पशुपालक अपनी नीली रावी भैंस को बेचने के लिए आते हैं। ऐसे में आप इसे पशु मेले में जाकर भी खरीद सकते हैं। वहीं, आप इसे अपने आसपास के किसी पशुपालक से भी मोल-भाव करके खरीद सकते हैं।
सबसे सस्ती और स्वस्थ नीली रावी भैंस आपको पर ऑनलाइन ही मिल जाएगी। ऐसा इसलिए कि Animall ऐप पर रोज़ाना पहले, दूसरे और तीसरे सहित सभी अन्य ब्यात की नीली रावी भैंसें खरीद व बिक्री के लिए आती हैं। यहां आप अपनी पसंद की नीली रावी भैंस चुन सकते हैं और कीमत तय करके सीधे पशु के मालिक से उसे खरीद सकते हैं।
आपको बता दें कि भैंसों की कीमत उसके दूध की क्षमता व मात्रा, उसकी ब्यात, उम्र, ब्याए हुए दिन जैसी चीज़ों पर निर्भर करती है। अगर भैंस दूसरे या तीसरे ब्यात में है तो आपको उसकी अच्छी कीमत देनी पड़ सकती है लेकिन अगर आप पशु के मालिक से भाव करें तो यह आपको कम कीमत पर भी मिल सकती है। एक नीली रावी भैंस की कीमत 30 हज़ार से शुरू होकर 80 हज़ार तक हो सकती है।
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