जानें लाल सिंधी गाय के बारे में सारी जानकारी!

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पशुपालक अक्सर ऐसी नस्ल की गाय या भैंस की जानकारी हासिल करना चाहते हैं। जिसके जरिए वह अधिक से अधिक मुनाफा कमा सके। ऐसे पशुपालकों के लिए लाल सिंधी गाय काफी फायदेमंद हो सकती है। लाल सिंधी गाय को एक अधिक दूध देने वाली गाय के तौर पर भी जाना जाता है। यह गाय सालाना करीब 2000 से 3000 लीटर तक दूध दे सकती है। साथ ही लाल सिंधी गाय को पालने का खर्च भी कम ही रहता है।

शुरुआती समय में यह गाय केवल पाकिस्तान में पाई जाती थी। लेकिन आज के समय में यह भारत के अलग – अलग राज्यों समेत श्रीलंका और बांग्लादेश में भी पाई जाती है। आज हम अपने इस लेख में लाल सिंधी गाय की पहचान से लेकर इसे ऑनलाइन बेचने और खरीदने का तरीका भी बताएंगे। 

लाल सिंधी गाय की पहचान कैसे करें 


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लाल सिंधी गाय का नाम इसके लाल रंग के कारण पड़ा है। वहीं इसके सिंधी होने की पीछे की वजह पाकिस्तान का सिंध प्रांत है। दरअसल यह सबसे पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत में ही पाई जाती थी। बता दें कि कुछ लोग लाल सिंधी गाय को  कराची और माही के नाम से भी जानते हैं। लाल सिंधी गाय एक मध्यम ऊंचाई वाली गाय है, जिसका सिर चौड़ा, सींग छोटे – मोटे और घुमावदार होते हैं। इस गाय की पूंछ लंबी और टांगे छोटी होती है। 

वहीं इसका रंग हल्का लाल होता है और इसकी त्वचा काफी ढीली होती है। लाल सिंधी गाय की नस्ल सभी तरह के मौसम में रह सकती है। इस लाल सिंधी गाय का वजन करीब 350 किलोग्राम तक हो सकता है। यह गाय अमूमन हल्के लाल रंग की ही होती है। लेकिन यह हल्के पीले लाल और गहरे लाल रंग में भी पाई जाती हैं।  पशुपालकों के लिए यह गाय रखना इसलिए भी अधिक फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि इसे बीमारियों का खतरा बेहद कम होता है। 

लाल सिंधी गाय के दूध की जानकारी

यह लाल सिंधी गाय सालाना 2000 से 3000 लीटर तक दूध दे सकती हैं। लाल सिंधी गाय के दूध में 4 – 5 प्रतिशत फैट पाया जाता है। यूरोपीय देशों में भी दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए इन्हीं गायों का उपयोग किया जाता है। यह साल में एक बार गर्भधारण करने के बाद 300 दिन तक दूध दे सकती है। वहीं गाय का ड्राई पीरियड करीब 180 दिन का होता है। वहीं बच्चे देने के बाद यह करीब 380 दिन का हो हो जाता है।  

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लाल सिंधी गाय की देखरेख कैसे करें

लाल सिंधी गाय की देखरेख सही प्रकार से करने के लिए इन्हें समय – समय पर सही चारा देना होता है। साथ ही इन्हें रखने के लिए आपको एक स्टील का शेड भी लगवाना जरूरी है। ताकि पशु धूप, बारिश और अन्य मौसम के प्रकोप से बच सकें। गाय को चारे के रूप में बरसीम की सूखी घास, लूर्सन की सूखी घास, जई की सूखी घास, पराली, मक्की के टिंडे, दूर्वा की सूखी घास दे सकते हैं। इसके अलावा अनाज, रोटी, चावल, तुड़ा आदि भी इस गाय को दिया जा सकता है। गाय को आवश्यकता के अनुसार ही चारा देना होगा। वरना उन्हें कब्ज की समस्या होने लगती है। 

लाल सिंधी गाय को लगवाएं यह टीके

यूं तो इस गाय को रोग लगने की संभावना थोड़ी कम होती है। लेकिन एक भारी नुकसान से बचने के लिए बछड़े या बछड़ी के पैदा होने के 6 महीने बाद, ब्रुसेला का टीका लगवाएं। इसके अलावा खुर का टीक लगवाएं और गलघोटू का टीका लगवाएं। टीके कब और कितने अंतराल में लगवाने हैं। इसकी सही जानकारी के लिए डॉक्टर से समय – समय पर बात करते रहें। 

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लाल सिंधी गाय को होने वाली बीमारियां और इलाज 

गायों को कई तरह की बीमारियां और समस्याएं पैदा हो सकती है। ऐसे में बीमारियों का समय पर पता लगना और उसके लक्षण की पहचान होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ बीमारियों के बारे में, जो आपकी गाय के दूध की उत्पादकता को प्रभावित कर सकती है। 

थनैला रोग और इलाज

यह रोग अक्सर उन गाय और भैंस को होता है जो अधिक दूध देती है। इस रोग के अंदर पशु के थनों में सूजन आ जाती है और दूध से पस एवं खून आने लगता है। इसके अलावा थनों में भयंकर दर्द होने लगता है। जिसके कारण पशु खाना पीना भी छोड़ देता है। यह कई तरह के फंगस, विषाणु और जीवाणु की वजह से हो जाता है। 

थनैला का इलाजथनैला रोग होने पर अगर शुरुआती समय में ही इसका उपचार करा दिया जाए, तो पशु ठीक हो जाता है। वरना स्थिति बिगड़ने पर थनों को कटवाना पड़ता है। अपनी लाल सिंधी गाय को बचाए रखने के लिए गाय के थनों पर नजर बनाकर रखें और समय – समय पर डॉक्टर से दूध की जांच कराएं। 

तिल्ली रोग और उसका इलाज 

लाल सिंधी गाय को होने वाली यह बीमारी बेहद खतरनाक होती है। यह खराब खुराक और गंदे पानी को पीने से हो सकती है। यह बीमारी आमतौर पर अचानक ही होती है। इस दौरान पशु के शरीर के कई हिस्सों से लुक जैसा खून निकलने लगता है। इसके अलावा यह रोग होने पर गाय को तेज बुखार भी होने लगता है और शरीर अकड़ जाता है। साथ ही सांस लेने में दिक्कत होती है और दौरे भी पड़ने लगते हैं। 

इलाज – यूं तो इस बीमारी का कोई असरदार इलाज मौजूद नहीं है। लेकिन गाय को इससे बचाए रखने के लिए, स्वस्थ खुराक और पानी देना चाहिए। वहीं संक्रमित पशु की मौत हो जाने के बाद उसे एक गहरे गड्ढे में दफनाना चाहिए और उसके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं को भी जला देना चाहिए। 

एनाप्लाजमोसिस और इलाज 

यह एक बेहद संक्रामक रोग है जो एनाप्लाज़मा मार्जिनल की वजह से होती है। इस रोग के दौरान गाय के नाक से एक गाढ़ा तरल पदार्थ निकलने लगता है। साथ ही इस रोग के होने पर पशु के शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है। इसके अलावा शरीर में खून की कमी हो जाती है और मुंह से लार गिरती हुई दिखाई दे सकती है। 

इलाज – इस बीमारी के होने पर लक्षणों का ध्यान रखें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा आप चाहें तो डॉक्टर की निगरानी में अकार्डीकल दवा दें। 

ब्लैक क्वार्टर और इलाज 

ब्लैक क्वार्टर नामक जीवाणु पशुधन पर बहुत बुरा असर डालता है। आमतौर पर यह बारिश के दिनों में मिट्टी के जरिए पैदा होता है। इस जीवाणु से सबसे ज्यादा खतरा उन पशुओं को होता है जिनकी आयु 6 से 24 महीने के बीच है। इस रोग में गाय को तेज बुखार तो होता ही है। साथ ही सांस लेने में भी दिक्कत आती है। 

ब्लैक क्वार्टर का इलाज – अगर समय पर रोग का पता चल जाए तो गाय को पेनसिलिन टीका प्रभावित स्थान पर दिया जा सकता है। इसके अलावा यह रोग होने पर पशु की ड्रेसिंग करने के लिए डॉक्टर से सहायता जरूर लें। 

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गाय को होने वाली अन्य आम बीमारियां और इलाज 

  1. लाल सिंधी गाय में बदहजमी की समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है। इससे अपनी गाय को बचाए रखने के लिए वह चारा दें जो उनके लिए उपयुक्त हो। गाय को सदा ऐसा चारा दें जो आसानी से पच सके। अगर आप ऐसा करते हैं तो गाय को बदहजमी नहीं होगी। 
  2. गाय को कब्ज की समस्या होना भी आम है। इससे राहत दिलाने के लिए आप अलसी का 500 एमएल तेल चारे में मिलाएं और गाय को अधिक पानी पिलाएं। 
  3. अगर आपकी लाल सिंधी गाय मरोड़, दस्त और मोक से पीड़ित है तो आप उन्हें, डॉक्टर की राय पर दवा या टीका दें। साथ ही अधिक ग्लूकोज वाला पानी भी दें। अगर गोबर में कीड़े दिखाई दें या मरोड़ की समस्या दिखाई दे तो डॉक्टर से सलाह लेकर गाय को एंटीबायोटिक दवा दें। 
  4. गाय को ब्रुसेला रोग न हो इसके लिए आप ब्रुसेला S-19 टीका समय पर जरूर लगवाएं। टीका कब लगना चाहिए इसकी सही सलाह डॉक्टर से लें। 
  5. गाय को सर्रा रोग होने पर कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जैसे बार – बार बुखार होना,  अधिक पेशाब आना, भूख कम लगना, मुंह से लार गिरना और आंख नाक से पानी गिरना आदि। गाय पर इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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Animall ऐप पर कैसे खरीदें गाय:

आप गाय खरीदने बेचने या उनसे जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए  Animall App को डाउनलोड करें।  ऐप डाउनलोड करने के लिए  Click Here

          

  1. अब आप इसमें मोबाइल नंबर डालें और अपनी जगह का चुनाव करें।
  2. अब भाषा चुनें।
  3. इसके बाद यहां पर आपके सामने पशु खरीदने या बेचने का विकल्प आएगा।
  4. अगर आपको गाय लेनी है तो आप गाय के विकल्प का चुनाव करें। सहायता के लिए नीचे दिए गए चित्र को देखें।
  5. अब आपके सामने उन सभी गायों की सूची आ जाएगी जो बेचने के लिए ऐप पर डाली गई हैं।
  6. इसके बाद आपको गाय के दूध की क्षमता, ब्यात, नस्ल के विकल्प सामने दिखाई देंगे। इन्हें चुनने के बाद आपके लिए एक सही सूची सामने आ जाएगी। 
  7. गाय के चुनाव के बाद आप उस व्यक्ति से सीधा बात कर सकते हैं, जो गाय का मालिक है।
  8. इस सब के बाद आप गाय बेचने वाले व्यक्ति से मोल भाव कर सकते हैं।

ऐप पर कैसे बेचें पशु

  1. अगर आप गाय बेचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ऐप पर जहां क्लिक करना है। इसे जानने के लिए चित्र से सहायता ले सकते हैं।
  2. अब आपको पशु से संबंधित जानकारी देनी होगी। इसमें गाय की ब्यात,  कीमत, दूध देने की क्षमता, गाय की फोटो और नस्ल की जानकारी अपलोड कर दें।
  3. इस तरह आपकी गाय Animall ऐप पर लिस्ट हो जाएगी। अब गाय को जो भी खरीदने की इच्छा रखेगा। वह आपसे फोन के जरिए बात कर लेगा।   ये भी पढ़ें: 12 महीने होने वाला सस्ता चारा|Hydroponic Green Fodder for Dairy