नाबार्ड डेयरी सब्सिडी के लिए योग्यता क्या है ?

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1. किसान व्यक्तिगत उधमी और असंगठित क्षेत्र का समूह हो
2. एक आवेदक इस योजना के तहत केवल एक बार लाभ प्राप्त कर सकता है
3 . दो फार्मों के बीच दूरी कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए

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डेयरी फॉर्म प्रारम्भ करने के लिए नाबार्ड से सब्सिडी कैसे प्राप्त करें ?

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1. डेयरी को रजिस्टर्ड करवाएं ।
2. एक अच्छ एवम विस्तृत योजना तैयार करें ।
3. नाबार्ड द्वारा अधिकृत बैंक में जाएं और बैंक लोन के लिए आवेदन करें ।
4. एक बार लोन मिल जाये तो डेयरी का कार्य प्रारंभ करें।

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जानें क्या है मिनी डेयरी योजना और इससे मिलने वाले लाभ?

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आजादी के 70 साल के बाद भी देश में किसानों और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति बहुत बुरी है। इसी स्थिति को सुधारने के लिए देश की सरकारें अक्सर कई योजनाएं चलाती रहती है। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों और पशुपालकों की आय को बढ़ाना होता है। ऐसी ही एक योजना है मिनी डेयरी योजना। 

इस योजना के अंतर्गत सरकार पशुपालन की इच्छा रखने वाले लोगों को अनुदान मुहैया करा रही है। इस अनुदान के जरिए पशुपालक डेयरी का कारोबार शुरू कर सकते हैं। आज हम अपने इस लेख में आपको मिनी डेयरी योजना से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां देंगे। अगर आप भी डेयरी उद्योग में पैर जमाने की सोच रहे हैं तो यह लेख आपके लिए है। आइए विस्तार से जानते हैं मिनी डेयरी योजना के बारे में। 

क्या है मिनी डेयरी योजना में खास

भारत के किसान और पशुपालन क्षेत्र से जुड़े हुए लोग मिनी डेयरी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के जरिए 10 गाय या भैंस खरीदने के लिए सरकार की ओर से अनुदान राशि दी जाएगी। इसके अलावा किसानों और पशुपालकों को गोबर से खाद बनाने में भी मदद मुहैया कराई जाएगी। यह योजना इसलिए शुरू की गई है ताकि भारत की दूध उत्पादन की मात्रा को बढ़ाया जा सके। 

कितने पशु पर कितना अनुदान 

मिनी डेयरी योजना के तहत मुहैया कराई जाने वाली अनुदान राशि अलग – अलग हो सकती है। अनुदान राशि इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितने पशुओं के साथ डेयरी खोलने की शुरुआत कर रहे हैं।

  • इस डेयरी योजना का लाभ दो तरह से लिया जा सकता है। अगर आपको 5 पशुओं के साथ डेयरी खोलनी है, तो अनुदान राशि अलग होगी और अगर 10 पशुओं के साथ डेयरी शुरू करनी है, तो अनुदान राशि अलग होगी।
  • मिनी डेयरी योजना के तहत अगर 5 पशुओं के साथ डेयरी शुरू करनी है, तो इसमें अनुदान राशि 50 प्रतिशत होगी। इसके अलावा बची हुई 50 प्रतिशत धनराशि बैंक से लोन में ली जा सकती है। यह लोन आप अपने आस पास के किसी भी सरकारी बैंक से ले सकते हैं। योजना के तहत आवेदनकर्ता को पहले चरण में 3 पशु खरीदने का पैसा बैंक के माध्यम से दिया जाएगा। इसके 6 महीने बाद 2 पशुओं के लिए आवेदनकर्ता को बैंक से लोन की राशि दी जाएगी। आपको बता दें कि योजना के तहत गाय या भैंस खरीदने के लिए 45 हजार रुपए दिए जाते हैं और पशुओं के बीमे के लिए 2 लाख रुपए की अनुदान राशि दी जाती है। 
  • अगर कोई पशुपालक 10 गाय या भैंस के साथ डेयरी खोलना चाहता है तो उसे इसके लिए 40 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाएगी। वहीं बची हुई 60 प्रतिशत धनराशि बैंक से लोन में लेनी होगी। योजना के पहले चरण में लाभार्थी को 5 पशु खरीदने के लिए अनुदान राशि दी जाएगी। वहीं इसके 6 महीने बाद बचे हुए पशु खरीदने के लिए आवेदनकर्ता को लोन दिया जाएगा। 

मिनी डेयरी योजना के फायदे

इस योजना के तहत पशुपालक और किसानों की आय को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा मिनी डेयरी योजना के जरिए भारत की दूध उत्पादन क्षमता को भी बेहतर किया जा सकेगा। यही नहीं ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लाखों बेरोजगार युवाओं को इससे काम करने के अवसर भी प्राप्त होंगे। 

मिनी डेयरी योजना के लिए आवेदन 

मिनी डेयरी योजना का लाभ लेने के लिए आपको अपने जिले के गव्य विकास पदाधिकारी से संपर्क करना होगा। इसके अलावा आप चाहें तो अपने नजदीक डेयरी पशु विकास केंद्र या जिला पशुपालन पदाधिकारी से भी योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यहां से आप आवेदन की प्रक्रिया को भी सही तरह से समझ जाएंगे। 

किसान और पशुपालक भाई हमारे ब्लॉग के अलावा ऐप से भी जुड़ सकते हैं। यह सभी जानकारी तो वह आप पर पा ही सकते हैं। इसके साथ ही सस्ते दामों पर पशु खरीद भी सकते हैं। अगर आप हमारी Animall App को डाउनलोड करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

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उपयुक्त नस्ल का चयन कैसे करें?

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उपयुक्त नस्ल से अभिप्राय है कि उस गाय का चयन करें जिन की दूध उत्पादन क्षमता अधिक हो| पहाड़ी गाय की दूध उत्पादन क्षमता बडाने के लिए इनका उन्नत नस्ल टीके से कृतिम गर्भाधान किया जा सकता है| (जर्सी होलस्तिम) पैदा हुई मादा बछड़ियों की दूध उत्पादन क्षमता ज्यादा होती है|

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भारत में दूध उत्पादन की क्या स्थिति है?

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भारत में लगभग 7.4 करोड़ टन दूध उत्पादन क्षमता है जो कि विश्व में सर्वाधिक है| परन्तु प्रति व्यक्ति दूध उपलब्ध एवं प्रति गाय दूध उत्पादन में हम विकसित देशों से बहुत पीछे है| इसके प्रमुख कारण निम्न है:-
(क) कम दूध देने वाली नस्लें|
(ख) चारे व दाने की कमी|
(ग) अपर्याप्त देख रेख व पशुओं में रोगों की प्रसंग|

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