21हरे चारा का खर्चा – ₹2 * 20kg = ₹40
सूखे चारा का खर्चा – ₹5 * 2kg = ₹10
फीड का खर्चा – ₹20 * 9 kg = ₹180
मिनरल मिक्सचर – ₹10
प्रतिदिन का खर्चा – ₹239

21हरे चारा का खर्चा – ₹2 * 20kg = ₹40
सूखे चारा का खर्चा – ₹5 * 2kg = ₹10
फीड का खर्चा – ₹20 * 9 kg = ₹180
मिनरल मिक्सचर – ₹10
प्रतिदिन का खर्चा – ₹239
संतुलित दाना मिश्रण कैसे बनायें
पशुओं के दाना मिश्रण में काम आने वाले पदार्थों का नाम जान लेना ही काफी नही है। क्योंकि यह ज्ञान पशुओं का राशन परिकलन करने के लिए काफी नही है। एक पशुपालक को इस से प्राप्त होने वाले पाचक तत्वों जैसे कच्ची प्रोटीन, कुल पाचक तत्व और चयापचयी उर्जा का भी ज्ञान होना आवश्यक है। तभी भोज्य में पाये जाने वाले तत्वों के आधार पर संतुलित दाना मिश्रण बनाने में सहसयता मिल सकेगी। नीचे लिखे गये किसी भी एक तरीके से यह दाना मिश्रण बनाया जा सकता है, परन्तु यह इस पर भी निर्भर करता है कि कौन सी चीज सस्ती व आसानी से उपलब्ध है।
1.
मक्का/जौ/जई | 40 किलो मात्रा |
बिनौले की खल | 16 किलो |
मूंगफली की खल | 15 किलो |
गेहूं की चोकर | 25 किलो |
मिनरल मिक्सर | 02 किलो |
साधारण नमक | 01 किलो |
कुल | 100 किलो |
2.
जौ | 30 किलो |
सरसों की खल | 25 किलो |
बिनौले की खल | 22 किलो |
गेहूं की चोकर | 20 किलो |
मिनरल मिक्स | 02 किलो |
साधारण नमक | 01 किलो |
कुल | 100 किलो |
3.
मक्का या जौ | 40 किलो मात्रा |
मूंगफली की खल | 20 किलो |
दालों की चूरी | 17 किलो |
चावल की पालिश | 20 किलो |
मिनरल मिक्स | 02 किलो |
साधारण नमक | 01 किलो |
कुल | 100 किलो |
4.
गेहूं जौ या बाजरा | 20 किलो मात्रा |
बिनौले की खल | 27 किलो |
दाने या चने की चूरी | 15 किलो |
बिनौला | 15 किलो |
आटे की चोकर | 20 किलो |
मिनरल मिक्स | 02 किलो |
नमक | 01 किलो |
कुल | 100 किलो |
ऊपर दिया गया कोई भी संतुलित आहार भूसे के साथ सानी करके भी खिलाया जा सकता है। इसके साथ कम से कम 4-5 किलो हरा चारा देना आवश्यक है।
दाना मिश्रण के गुण व लाभ
संतुलित दाना मिश्रण कितना खिलायें
1. शरीर की देखभाल के लिए:
नोट : जब हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो तो उपरलिखित कुल देय दाना 1/2 से 1 किलो तक घटाया जा सकता है।
इस रोग के लक्षण ब्याने के 1-3 दिन तक प्रकट होते है। पशु को बेचैनी रहती है। मांसपेशियों में कमजोरी आ जाने के कारण पशु चल फिर नही सकता पिछले पैरों में अकड़न और आंशिक लकवा की स्थिती में पशु गिर जाता है।
उस के बाद गर्दन को एक तरफ पीछे की ओर मोड़ कर बैठा रहता है। शरीर का तापमान कम हो जाता है।
गाय दुहने के लिए ज्यादा व्यक्तियों की जरुरत नहीं पड़ती है।
दूध दुहने के लिए इस मशीन को खरीदना आसान है और इसको उपयोग करना भी सरल है।
बिना किसी परेशानी के इससे गायों दूध निकालना जा सकता है।
इस मशीन को संचालित करने लिए बिजली की आवश्यकता नही होती तथा इसकी सफाई करना भी आसान होता है।
यह निर्वात(वेक्यूम) के सिद्धांत पर कार्य करता है। इसमें वॉल्व के साथ पम्प, प्लास्टिक की ट्यूब और रबर का अस्तर (बुश) लगा होता है। पम्प का एक सिरा गाय के थन में तथा दूसरा सिरा दूध बोतल से जोड़ दिया जाता है, उसके बाद दूध निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
मशीन द्वारा लगभग 1.5 से 2.0 लीटर तक दूध प्रति मिनट दुहा जा सकता है। इसमें न केवल समय व ऊर्जा की बचत होती है बल्कि स्वच्छ दुग्ध दोहन द्वारा उच्च गुणवत्ता का दूध मिलता है। यदि दिन दो बार की अपेक्षा तीन बार दूध निकला जाए तो 20 प्रतिशत तक अधिक दूध प्राप्त हो सकता है।
दूध में किसी प्रकार की बाहरी अशुद्धि जैसे धूल, तिनके, बाल, गोबर अथवा मूत्र मिलने की कोई संभावना नहीं रहती।