जानिए मानसून में होने वाले गलघोंटू रोग के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार के तरीके

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बारिश के दौरान पशुपालक दोहरी चुनौतियों से जूझते हुए दिखाई देते हैं। इसमें एक समस्या पशुपालकों को होती है पशु की उत्पादकता को लेकर और दूसरी होती है पशु से जुड़ी बीमारियों को लेकर। आज हम मानसून में पशुओं को होने वाले ऐसे ही रोग गलघोंटू के बारे में बताने वाले हैं। 

ये एक संक्रामक रोग है जिसके होने पर पशु की मौत 24 घंटे के अंदर – अंदर हो जाती है। आज हम अपने इस लेख और वीडियो में आपको बताएंगे कि गलघोटू रोग के कारण, लक्षण और उपाय के बारे में जानकारी देंगे। अगर आप मानसून में होने वाले इस गलघोंटू रोग से जुड़ी किसी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो आप हमारे इस लेख पर अंत तक बने रह सकते हैं।  

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गलघोंटू रोग के कारक 

गलघोंटू रोग मानसून के दौरान बहुत तेजी से अपने पैर पसारता है। आपको बता दें कि ये रोग पशु को पास्चुरेला मल्टोसिडा नामक जीवाणु की चपेट में आने की वजह से होता है। इस रोग के दौरान पशु के सांस की ऊपर वाली नली बुरी तरह प्रभावित होती है। 

गलघोंटू रोग के लक्षण क्या है 

इस रोग के होने पर पशु के ऊपर इसके कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं। 

  • गलघोंटू रोग में पशु को तेज बुखार होने लगता है। 
  • इस रोग के दौरान पशु की आंखे लाल रहने लगती है। 
  • इस रोग के होने पर पशु को सांस लेने में खासी दिक्कत होती है। 
  • यही नहीं गलघोंटू के दौरान पशु की नाक बहने लगती है और उसकी छाती में बेहद दर्द हो जाता है।

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गलघोंटू रोग से पशु को बचाने का तरीका 

कहा जाता है न कि किसी भी रोग के उपचार से बेहतर बचाव होता है। ये बात इंसान और पशु दोनों पर ही लागू होती है। ऐसे में अब हम आपको बताते हैं कि पशु को गलघोंटू रोग से बचाए रखने के लिए आपको क्या करना चाहिए। 

  • मानसून के मौसम से पहले पशु को गलघोटू रोग का टीकाकरण करवाना चाहिए। 
  • पशु के रहने के स्थान की साफ सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। 
  • पशु को खुले में चरने के लिए नहीं छोड़ना चाहिए।

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गलघोटू रोग का उपचार या उपाय 

ये एक बेहद संक्रामक रोग है, ऐसे में इस रोग के उपाय करने में जरा भी वक्त गवाना भारी पड़ सकता है। इसलिए कोशिश करें कि रोग के लक्षणों की पहचान होते ही किसी चिकित्सक से सहायता ले। पशु चिकित्सक इस दौरान पशु को एंटीबायोटिक दवा दे सकता है। लेकिन इस रोग से ठीक होने की संभावना तब भी बेहद कम है। 

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