सोनपुर पशु मेला: भारत के सबसे बड़ा मेला के बारे में जाने

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बिहार के सोनपुर जिले में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के वक्त यानी की नवंबर- दिसंबर महीनों में भारत का सबसे बड़ा पशुमेला लगता है। भारत का ही नहीं बल्कि सोनपुर पशु मेला पूरे एशिया का सबसे बड़ा पशुमेला कहलाता है। इसे मेले को हरिहर क्षेत्र मेला के नाम से भी जाना जाता है। वहीं लोकल लोग इसे छत्तर मेला भी कहते हैं। सोनपुर बिहार की राजधानी पटना से 25 किलोमीटर दूर है। इस पशु मेले ने पूरे देश में पशु मेलों को एक अलग ही पहान दी है।

 

सोनपुर मेले से जुड़ा इतिहास

पुरानी मान्यताएं हैं कि ये मेला एक वक्त पर जंगी हाथियों का केंद्र होता था। यहां से चंद्रगुप्त मौर्य, अकबर, वीर कुंवर सिंह ने हाथी यहीं से खरीदें थे। इतना ही नहीं कहा जाता है कि भगवान के दो भक्त हाथी (गज) और मगरमच्छ (ग्राह) के रूप में धरती पर पैदा हुए। बिहार के कोणहारा घाट पर जब गज पानी पीने आया तो ग्राह ने उसे मुंह में पकड़ लिया। गज ग्राह से छुटकारा पाने के लिए लगातार लड़ता रहा। पानी में रहने के बाद भी ग्राह उसे पानी के अंदर नहीं खींच पाया। गज और ग्राह का ये युद्ध इतना रोमांचकारी हो गया था कि समस्त देवता इस युद्ध को देखने के लिए वहां आ गए।

इस युद्ध में गज कमजोर पड़ रहा था। उसने भगवान विष्णु से अपनी जान बचाने की प्रार्थना की। बाद में कार्तिक पूर्णिमा के दिन विष्णु भगवान ने सुदर्शन चक्र चलाकर दोनों के युद्ध को रोका। गज और ग्राह में कौन विजयी हुआ और कौन हारा ये आज तक किसी को पता नहीं चला। कौन हारा के चलते ही उस स्थान का नाम कोणहारा घाट रखा गया है। उसी स्थान पर हरि (विष्णु) और हर (शिव) का मंदिर है। इसलिए उस स्थान को हरिहर क्षेत्र भी कहते हैं।

वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि हरिहरनाथ मंदिर का निर्माण भगवान राम ने सीता स्वयंवर के लिए जाते वक्त अपने हाथों से किया था। इसकी मरम्मत राजा मानसिंह ने कराई थी। मुगलकाल में राजा रामनारायण ने इस मंदिर को एक व्यापक रूप दिया।

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सोनपुर मेले के आकर्षण

सोनपुर मेले में आपको लाखों की संख्या में पशु देखने को मिलते हैं, जो वहां पर बिकने के लिए आए होते हैं। देश भर से पशु बेचने वाले अपने-अपने पशुओं को लेकर इस मेले में पहुंचते हैं। हर साल इस मेले में हजारों पशु खरीदें और बेचे जाते हैं।

इसके अलावा मिट्टी के बर्तन और खिलौने, हस्तकला की वस्तुएं, हस्त निर्मित कपड़ें और आभूषण भी इस मेले के प्रमुख आकर्षण हैं।

ये जगह दुधारू पशुओं के लिए बेहतरीन है। सोनपुर मेला भारत का एकमात्र मेला है, जहां पर इन पशुओं की बिक्री इतनी भारी मात्रा में होती है। बिक्री के लिए इन पशुओं को बहुत ही बारीकी से सजाकर खड़ा किया जाता है। पशुओं के करतब भी आपको यहां पर देखने को मिल जाएंगे, जो पर्यटकों को काफी लुभाते हैं।

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सरकार भी लेती है पूरा हिस्सा

इसके अलावा इस मेले में बिहार सरकार के द्वारा कई प्रदर्शनियां भी लगाई जाती हैं। जिसके जरिये लोगों को उनके स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी जरूरी चीजों की जानकारी दी जाती है। इन प्रदर्शनियों में किसानों के हित में किए जा रहे काम, किसानों के लिए अलग अलग संगठनों द्वारा बनाए गए नए कृषि उपकरणों की भी प्रदर्शनी लगाई जाती है।

यहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए मनोरंजन की भी पूरी व्यवस्था की जाती है। इसमें नौटंकी, पारंपरिक संगीत नाटक, मैजिक शो, सर्कस जैसे मनोरंजक कार्य शामिल है। इन्हें देख कर पर्यटक काफी अच्छा महसूस करते हैं।

सोनपुर पशुमेले में झूले, खेल, मौत का कुआं, सहित और भी कई मनोरंजन के इंतजाम किए जाते हैं। ये पशुमेला लगभग 5 से 6 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला होता है। यहां पर कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जिनमें दंगल तक होते हैं। इस पशुमेले के जरिये सरकार भी ये कोशिश करती है कि यहां आने वाले लोगों को बिहार की संस्कृति के बारे में बताया जा सके। 

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सोनपुर में क्या करें

  • सोनपुर में जब आप पशु मेला देखने के लिए जाए, तो आप हरिहरनाथ मंदिर के दर्शन भी जरूर करें। इस मंदिर में भगवान शिव और विष्णु दोनों की प्रतिमाएं है। कार्तिक पुर्णिमा के दिन देश के अलग अलग हिस्सों से लोग यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं। साथ ही लोग गंगा और गंडक में डुबकी भी लगाते हैं।
  • सोनपुर में जब आप जा रहे हैं तो पशु मेला देखना तो भूलकर भी नहीं छोड़ सकते हैं। यहां पर बहुत से पशु अलग अलग नस्लों के आपको खरीदने और बेचने के लिए मिल जाते हैं।
  • सोनपुर सिर्फ पशु मेले के लिए ही नहीं बल्कि वहां पर होने वाले खेलकूद के लिए भी काफी मशहूर है। यहां पर कुश्ती, दंगल, क्रिकेट, फुटबॉल, हैंडबॉल, रस्सा-कश्शी, रग्बी, कबड्डी जैसे खेलों का आयोजन किया जाता है। ये खेल पुरुष और महिलाओं दोनों के लिए होते हैं।
  • आप सोनपुर में गंगा आरती का भी आनंद ले सकते हैं। ये आरती गंगा और गंडक नदी संगम पर होती है। शाम के वक्त जब घाट दीयों से जगमग होता है तो वो बेहद ही सुंदर नजर आता है।

 

कैसे पहुंचें सोनपुर

फ्लाइट के माध्यम से कैसे जाएं सोनपुर

सोनपुर बिहार की राजधानी पटना से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहां पर पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले पटना जाना पड़ेगा। भारत के लगभग सभी बड़ शहरों जैसे कि कोलकाता, मुंबई और दिल्ली से पटना के लिए सीधी फ्लाइट जाती है। और आप इन शहरों तक बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं।

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ट्रेन के माध्यम से कैसे पहुंचे सोनपुर

पटना उत्तर भारत का एक बहुत ही बड़ा रेलवे जंक्शन है, इसलिए आप ट्रेन के जरिए सोनपुर बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर भारत के लगभग हर बड़े शहर से ट्रेन आती है।

सड़क के जरिये कैसे पहुंचे सोनपुर

अगर आप सड़क मार्ग से सोनपुर जाना चाहते हैं, तो उसमें आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। अच्छे खासे हाईवे से जुड़े सोनपुर तक आप आसानी से पहुंच सकते हैं। आप दिल्ली, लखनऊ, देहरादून से बेहद ही आसानी से सड़क यात्रा कर सकते हैं।

सोनपुर में ठहरने के लिए भी टूरिस्ट विलेज बने हुए हैं जो आपको बेहद ही अच्छे दामों पर मिल जाएंगे और आपको किसी तरह की ठहरने में भी परेशानी नहीं होगी।

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