जानिए क्या है Multi Layer Farming Techniques ? जिससे 4 गुना होगी कमाई।

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देश में किसानों की हालत को सुधारने के लिए सबसे जरूरी है कि हम आधुनिकता और नए तरीकों का सहारा ले। इसके जरिए न केवल किसानों को लाभ होगा। बल्कि फसल की उत्पादकता भी बेहतर होगी। आज हम खेती के अंदर इस्तेमाल होने वाला ऐसा ही तरीका आपको बताने वाले हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं मल्टी लेयर फार्मिंग के बारे में।

खेती के इस तरीके से भूमि के छोटे से हिस्से पर भी आसानी से 4 फसल लगाई जा सकती है। आज इसी मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी साझा करेंगे। अगर आप भी मल्टीलेयर फार्मिंग से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो आप हमारे लेख और वीडियो पर अंत तक बने रहें। 

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क्या है मल्टी लेयर फार्मिंग 

मल्टी लेयर फार्मिंग एक ऐसा तरीका है, जिसमें भूमि के नीचे से लेकर ऊपर तक चार स्तर पर फसल लगाई जाती है। इससे किसानों को रोजाना की आय तो मिलती ही है। इसके अलावा कई फसलें एकमुश्त भी होती हैं। ये फसलें एक बार में किसान को मोटा मुनाफा भी दे देती हैं। 

मल्टी लेयर फार्मिंग में क्या – क्या लगाएं 

  • मल्टी लेयर फार्मिंग के लिए सबसे पहले आपको बांस के डंडों और घास से एक तरह का शेड बनाना होता है। इस शेड के जरिए फसल को धूप और छांव बराबर मिलती रहती है। इसके अलावा पानी की खपत भी इसमें काफी कम होती है। क्योंकि पानी एवोपरेट नहीं होता। 
  • इसके बाद आपको भूमि के अंदर अदरक या ऐसी फसल लगानी होती है जो भूमि के अंदर ही रहे और बाहर उसका कोई प्रभाव न हो। 
  • भूमि के ठीक ऊपर आप पालक, साग और अन्य पत्तेदार सब्जियों को लगा सकते हैं। ऐसा करने से जमीन पर घास नहीं आती और इसे हटाने का खर्चा भी कम हो जाता है। इसके साथ ही इस फसल को रोजाना की आय अर्जित करने के लिए थोड़ी – थोड़ी मात्रा में जड़ से उखाड़ा जाता है। ऐसा उसी फसल के साथ किया जाता है जिसकी लंबाई अधिक हो रही हो। ऐसा करने पर जमीन की निराई और गुड़ाई भी हो जाती है और मिट्टी को नमी भी मिल जाती है। 
  • इसके ठीक ऊपर खीरे या छोटे पत्ते की फसल लगाई जाती है।
  • वहीं सबसे ऊपर रहती है पपीते की फसल। 

कब – कब होगी मल्टी लेयर फार्मिंग से आय

  • इसमें पालक और पत्तेदार सब्जियों से रोजाना आय होती रहती है। ये आय अप्रैल से जुलाई के बीच तक चलती है। 
  • वहीं अप्रैल के बाद नवंबर तक खीरे की फसल होती रहती है। 
  • अगस्त में खीरा और दिसंबर से जनवरी में पपीते की फसल होती रहती है

इस तरह लगभग पूरे साल ही किसान की कमाई होती रहती है और वो आर्थिक रूप से कमजोर नहीं होता। 

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मल्टी लेयर फार्मिंग में लागत और कमाई 

किसान भाई अगर महज एक एकड़ जमीन पर भी मल्टी लेयर फार्मिंग करते हैं तो इसके लिए उन्हें 50 हजार रुपए खर्च करने होंगे। वहीं इस लागत के जरिए होने वाली सालाना कमाई करीब 6 लाख से लेकर 6 लाख 50 हजार रुपए तक पहुंच सकती है। 

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