पशु खरीदते समय स्वस्थ पशु का कैसे जांच करें ?

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आंखें: चमकीली, साफ और प्रवाह से रहित, पपड़ीदार व रक्त रंजित न हो ।

नाक: ठंडा, नम थूथन, नियमित जीभ फेरने के साथ नियमित सांस लेना, जो अस्वाभाविक न हो । घरघराहट, खांसी, छींक या
अनियमित श्वसन के प्रति सचेत रहें ।

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आवरण (बाल): चमकदार, साफ और उलझन रहित, चिचड़ों से रहित ।

वजन: नस्लीय औसत वजन; कमजोर व दुबले पशुओं के प्रति सचेत रहें ।

मनोभाव (रवैया) : जिज्ञासु, सावधान व संतुष्ट; समूह से अलग खड़े पशुओं से सावधान – वे बदमिज़ाज हो सकते हैं

चाल-चलन: पशु आसानी से चले, लंगड़ा के नहीं; धीमी या असंगत चाल या बैठते समय कूबड से सावधान रहें; उठते
समय पशु को कठिनाई न हो ।

थन: स्वस्थ; आकार जरूरी तौर पर एक अच्छे थन का सूचक नहीं है । इसके आगे उन्नत दुग्ध शिराएं होनी चाहिए । थन
लदा हुआ और ज्यादा मांसल नहीं होना चाहिए । गाय को चलते समय ध्यान से देखें, थन एक तरफा झुका हुआ नहीं होना
चाहिए ।

शरीर अंक: पशु स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण सूचक है । एक स्वस्थ पशु का शरीर अंक 3-4 होना चाहिए । (शरीर अंक
अध्याय देखें)

इतिहास: पशु के प्रसव की संख्या, पूर्ववर्ती ब्यॉत में दुग्ध उत्पादन का अभिलेख, कोई विशेष बीमारी जैसे- थनैला, गर्भाशय
भ्रंश, जेर का रूकना, प्रसव में कठिनाई, दुग्ध ज्वर इत्यादि का विस्तृत ऐतिहासिक अभिलेख रखना जरूरी होता है ।

आयु: यद्यपि यह स्वास्थ्य से संबंधित नहीं है, फिर भी किसान को उसके दांत देखकर आयु का निर्धारण कर लेना चाहिए ॥

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