जानिए गाय के बछड़े की देखभाल किस तरह से करें

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कहा जाता है कि एक पौधे का जितना अच्छी तरह ध्यान रखा जाएगा, वह उतना ही मजबूत पेड़ बनेगा। इसी तरह पशुपालक जितनी अच्छी तरह बछड़े का ध्यान रखेंगे वह उतना ही तंदुरुस्त बैल या गाय बनेगी। पशुपालक अक्सर गाय के ब्याने के बाद बछड़े के ऊपर ध्यान ही नहीं देते।
जिसकी वजह से न केवल बछड़ा कमजोर रह जाता है। बल्कि कई बार बछड़े की मौत तक हो जाती है। जिसका असर गाय के ऊपर भी पड़ता है और कई बार तो गाय दूध तक देना बंद कर देती है।
इसलिए जरूरी है कि बछड़े के जन्म के साथ ही उनकी देखरेख अच्छी तरह की जाए।
अगर आप भी एक पशुपालक हैं और आपकी गाय ब्याने वाली है, तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि बछड़े की देखभाल किस तरह की जाती है। आज हम आपको अपने इस लेख में बछड़े की देखरेख से जुड़ी संपूर्ण जानकारियां मुहैया कराएंगे। अगर आप यह जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो लेख पर अंत तक बने रहें।
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बछड़े की शुरुआती देखरेख का तरीका

  1. बछड़े के पैदा होने के साथ ही उसके नाक और मुंह में श्लेष्मा होता है। जिसे कुछ लोग कफ भी कहते हैं। इसे बछड़े के पैदा होने के तुरंत बाद ही साफ कर देना चाहिए। अगर ऐसा ना किया जाए तो बछड़े को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। 
  2. पशुपालकों ने अक्सर यह देखा होगा की गाय ब्याने के बाद अपने बछड़े को चाटने लगती है। गाय ऐसा इसलिए करती है ताकि बछड़े की त्वचा आसानी से सूख जाए। लेकिन अगर गाय बछड़े को चाटे ही ना, तो आप बिना वक्त गवाएं, बछड़े के शरीर को टाट से या फिर सूखे कपड़े से साप कर दें। इसके अलावा बछड़े को छाती दबाकर सांस दिलाने की कोशिश करें। 
  3. जिस स्थान पर बछड़े को रखें वह पूरी तरह सूखा रहना चाहिए। गीले स्थान पर रहने से बछड़े को कई गंभीर रोग हो सकते हैं। 
  4. एक स्वस्थ शिशु की पहचान के लिए हम अक्सर उनके वजन पर नजर बनाकर रखते हैं। ठीक उसी तरह आपको बछडे़ के वजन को भी देखना होगा। अगर बछड़े का वजन कम हो तो आप उसके स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टर से बात करें। 
  5. एक शिशु के लिए जिस तरह मां का पहला दूध बेहद महत्वपूर्ण होता है। उसी तरह बछड़े के लिए गाय का पहला दूध जिसे खीस भी कहते हैं। वह पीलानी चाहिए। इस पहले आहार के जरिए बछड़ा कई तरह के रोग से बचा रह सकता है। 
  6. गाय के ब्याने के बाद उसके थनों को क्लोरीन के घोल से धोना चाहिए।
  7. अमूमन गाय के ब्यान के एक घंटे बाद ही बछड़ा दूध पीने का प्रयास करने लगता है। लेकिन अगर ऐसा नहीं हो पाता तो आप इसमें बछड़े की सहायता करें। 

बछड़े का आहार कैसा होना चाहिए 

पशुपालकों को सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बछड़े को पहला आहार खीस ही मिले। आपको बता दें कि गाय के ब्याने के 3 से 7 दिन बात तक भी खीस का निर्माण होता रहता है। यह खीस बछड़े के शारीरिक और मानसिक विकास में तो एक अहम भूमिका निभाता ही है। इसके साथ ही बछड़े की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है। इसलिए बछड़े के जन्म तीन दिन बाद तक कोशिश करें कि बछड़े को यह खीस ही दें। 

एक शिशु के लिए जिस तरह शुरुआती समय में मां का दूध महत्वपूर्ण होता है। उसी तरह बछड़े को भी कम से कम 3 से 4 सप्ताह मांक का दूध पीने दें। इसके बाद आप आगे चाहें तो बछड़े को कुछ हल्का चारा देना शुरू कर सकते हैं। वैसे ज्यादातर समय तक बछड़े के लिए गाय का दूध ही फायदेमंद रहता है। लेकिन यह अनाज और चारे के मुकाबले काफी महंगा पड़ता है। इसलिए कुछ ही समय बाद पशुपालक बछड़े को अन्य आहार देने लगते हैं। 

बछड़े की देखभाल में किसी तरह की कोई लापरवाही ना हो इस बात का खास ध्यान रखें। इसके अलावा जिस भी बरतन में बछड़े को खाना या पानी दें और उस कुछ – कुछ समय में धोते रहें। 

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बछड़े के पीने का पानी 

अमूमन पशुपालक बछड़े के खाने पर तो थोड़ा बहुत ध्यान दे देते है। लेकिन उनके पीने के पानी का ध्यान नहीं रखते। इसलिए ध्यान रहे कि किसी भी स्थिति में बछड़े को पीने का पानी साफ दें। इसके अलावा बछड़ा अधिक मात्रा में पानी न पिए इस बात का भी खास ख्याल रखें। 

बछड़े को खिलाने की व्यवस्था रखें कुछ ऐसे 

  1. अगर गाय का हाल ही में प्रसव हुआ है तो ऐसे में बछड़े के खाने पीने का अधिक ध्यान रखना चाहिए। आप बछड़े को ऐसे में कुछ पेय पदार्थ दे सकते हैं। 
  2. बछड़े को आप मक्खन निकाला हुआ दूध दे सकते हैं। 
  3. आप बछड़े को कुछ अन्य द्रव पदार्थ भी दे सकते हैं जैसे छाछ, दही, मीठा पानी, दलिया आदि। 
  4. बछड़े को पूरी तरह दूध पर भी पाला जा सकता है।
  5. बछड़े को पोषक गाय को दूध पिलाना।
  6. एक नए बछड़े को जिसकी आयु 15 दिन है, उसे सूखे पदार्थ की आवश्यकता अधिक होती है। ऐसे में उसे रोजाना तीन महीने तक डीएम 1.43 किग्राम ही दें।
  7. कोशिश करें की बछड़े को हरे चारे की जगह सूखा चारा दें। 
  8. बछड़े की उम्र तीन महीने से अधिक होने के बाद अगर गाय का दूध अधिक नहीं है तो बछड़े को मक्खन निकाला हुआ दूध, छाछ और अन्य तरल पदार्थ दे सकते हैं। 

बछड़े की विकास से जुड़ी कुछ अहम बातें 

  1. बछड़े का शारीरिक विकास सही तरह से हो रहा है या नहीं, यह कुछ बातों पर निर्भर करता है जो कुछ इस प्रकार हैं। 
  2. बछड़े के वजन की समय – समय पर जांच करते रहें। अगर बछड़े का वजन कम है तो किसी चिकित्सक से बात करें और उसके आहार में कुछ बदलाव करें। 
  3. बछड़े के जन्म के शुरुआती तीन महीनों में उसके आहार का खास ध्यान रखें। 
  4. गर्भावस्था के दौरान गाय को अच्छी मात्रा में और पोषक तत्वों से भरा आहार दें। 
  5. जन्म के समय बछड़े का वजन कम से कम 20 से 25 किलो होना चाहिए। 
  6. जन्म के कुछ घंटे बाद अगर बछड़ा दूध न पी पाए तो उसे उठाकर दूध पीलाने में मदद करें। 
  7. बछड़े को समय – समय पर टीके लगवाते रहें। 

बछड़े को रखने का स्थान 

बछड़े को एक अलग बाड़े में तब तक बांधना चाहिए, जब तक वह दूध पूरी तरह न छोड़ दें। बछड़े को अलग इसलिए भी बांधना जरूरी है क्योंकि अगर बछड़े एक ही जगह पर रहते हैं तो एक दूसरे को चाटने लगते हैं। जिसकी वजह से कई रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा बछड़े को जिस बाड़े में बांधे वहां साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। इसके साथ ही बछड़े के बाड़े में वैंटिलेशन का पूरा इंतजाम करके रखें।  नन्हे बछड़े के बाड़े में एक बिस्तर रखें और कोशिश करें कि वह सूखा ही रहे। 

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