जानिए कैसे करें गाय के चिचड़ी का इलाज!
गाय पर चिचड़ी से होने वाला प्रभाव
एक पशुपालक या किसान को यह बात पता होनी चाहिए कि चिचड़ी और जूँ केवल पशु का खून नहीं चूसते। बल्कि इसका प्रभाव गाय के शरीर पर कई तरह से देखने को मिलता है जैसे –
- गाय के शरीर पर चिचड़ी और जूँ होने से उन्हें कब्ज की समस्या हो सकती है। कब्ज एक ऐसी स्थिति है। जिसमें पशु को मल त्यागने में दिक्कत आती है।
- अगर गाय के शरीर पर लगी चिचड़ी का इलाज समय पर न कराया जाए तो इसकी वजह से एनीमिया की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस स्थिति में पशु के शरीर में खून की कमी होने लगती है।
- चिचड़ी और जूँ के चलते गाय को पेट दर्द की समस्या भी रहने लगती है।
- डायरिया की समस्या पशुओं में होने की एक मुख्य वजह जूँ और चिचड़ी होना है।
- अगर चिचड़ी का इलाज समय पर न कराया जाए तो इसकी वजह से गाय के दूध देने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। यही नहीं गाय के बछड़ों की कई बार इनकी वजह से मौत तक हो जाती है।
गाय के चिचड़ी का इलाज का तरीका
गाय के शरीर पर लगने वाली जूँ और चिचड़ी का इलाज कई तरह से करते हैं। जिनमें से ज्यादातर इलाज या उपचार घरेलू ही होते हैं। लेकिन अगर घरेलू उपाय या उपचार काम न आए तो इस स्थिति में गाय को डॉक्टरी इलाज की जरूरत पड़ सकती है। गाय को चिचड़ी होने पर डॉक्टर अमूमन इन्हें कृमिनाशक दवा देते हैं। यह दवा पशुओं को लगभग साल में दो बार चिचड़ी से बचाव के लिए भी दी जाती है।
इसके अलावा गाय को चिचड़ी से राहत दिलाने के लिए आप चाहें तो कुछ देसी दवा का भी उपयोग कर सकते हैं। इसमें अगर आप कुछ समय तक गाय को नमक के पानी से साफ करेंगे तो इससे गाय को चिचड़ी से छुटकारा मिल जाएगा। लेकिन ध्यान रहे की गाय पर किसी भी दवा या उपाय केवल डॉक्टर की राय पर ही आजमाएं। वरना कई बार यह उपाय नुकसानदायक भी हो सकते हैं।
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