गाय भैंस में जूँ, चिचड़ी क्यों होता है और कैसे रोकें ?

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पशुपालक भाइयों को पशुओं से संबंधित कई तरह की समस्याओं का सामना अक्सर करना पड़ता है। कभी गाय भैंस की दूध उत्पादन क्षमता कम हो जाती है तो कभी पशु किसी रोग से संक्रमित हो जाता है। ऐसी ही एक समस्या है जिसका समाधान देश में मौजूद लगभग हर पशुपालन करने वाला व्यक्ति चाहता है। यह समस्या है पशुओं में जूँ, चिचड़ी होना। साधारण से दिखने वाले यह जीव पशुओं का खून चूसते रहते हैं। जिसकी वजह से पशु पूरी तरह तनाव में रहने लगता है और कमजोर हो जाता है।

जिसकी वजह से पशु की दूध उत्पादन क्षमता भी घटने लगती है। ऐसे में आज हम अपने इस लेख में आपको बताएंगे कि आप किस तरह पशुओं में जूँ और चिचड़ी होने का कारण क्या है और पशुओं को इस स्थिति से कैसे बचाकर रखा जा सकता है। अगर आप एक पशुपालक हैं और अपनी गाय या भैंस को जूँ, चिचड़ी के प्रकोप से बचाना चाहते हैं, तो हमारे इस लेख पर अंत तक बने रहें।

पशु में जूँ चिचड़ी होने के कारण 

किसान भाई यूं तो अपने पशुओं से बच्चों जैसा स्नेह करते हैं। लेकिन कई बार उनसे कुछ गलतियां हो जाती हैं। जिसकी वजह से पशु न केवल बीमारियों का शिकार हो जाता है। बल्कि कई बार पशु कमजोर होने लगता है। ऐसी ही कुछ गलतियां या लापरवाही हैं जो जूँ और चिचड़ी को पनपने का मौका देती हैं। 

  1. पशुओं में जूँ और चिचड़ी का सबसे मुख्य कारण होता है, गंदगी। अगर पशुपालन करने वाले व्यक्ति पशु के शरीर की सफाई समय – समय पर नहीं करेंगे तो इसकी वजह से भी उनके शरीर में जूँ और चिचड़ी पैदा हो सकती हैं।  
  2. पशुशाला का निर्माण कराते समय अक्सर पशुपालक कुछ भूल कर बैठते हैं। जिसके चलते पशुशाला में गोबर एकत्रित होने लगता है और वह आसानी से बाहर नहीं निकलता। यही गंदगी पशुओं में जूँ और चिचड़ी का तो कारण बनती ही है। इसके साथ ही यह कई दूसरे रोग की वजह भी बन जाती है। 
  3. ऐसा कई बार होता है कि पशु खुले में चरते हुए किसी गंदी जगह पर पहुंच जाते हैं या फिर उस पशु के संपर्क में आ जाते हैं जो जूँ और चिचड़ी की समस्या से पीड़ित है। यह भी एक कारण है जिसकी वजह से पशु जूँ चिचड़ी का शिकार हो जाता है। 

पशु को जूँ और चिचड़ी से बचाने का तरीका

किसान भाई अब तक समझ गए होंगे कि पशु आखिर क्यों जूँ और चिचड़ी का शिकार हो जाते है। ऐसे में अब बारी आती है कि किस तरह अपने पशु को जूँ और चिचड़ी से बचाकर रख सकते हैं और उन्हें स्वस्थ रख सकते हैं। 

  • किसान भाई अगर समय – समय पर पशुओं को नहलाते रहें और इसके साथ ही उनके थनों कानों आदि की सफाई गर्म पानी के जरिए करते हैं तो इससे पशु जूँ और चिचड़ी की चपेट में आने से बच सकते हैं।
  • पशुशाला का निर्माण सही तरह से करें ताकि वहां गंदगी एकत्रित न हो। इसके अलावा रोजाना पशुशाला को पानी से धोएं और झाड़ू भी लगाएं। अगर संभव हो तो पशुशाला साप करने वाले पानी के अंदर 5 ग्राम लाल दवा को मिलाएं। इसके साथ ही कोशिश करें की सप्ताह में एक बार फिनाइल से पशुशाला को साफ करें। इस तरह पशुशाला में खतरनाक जीवाणु भी पैदा नहीं होंगे और पशु जूँ और चिचड़ी से बचे रहेंगे। 
  • अगर पशु को खुले में चरने के लिए छोड़ा है तो पशुशाला में आते ही उन्हें अच्छे से नहलाएं और उनकी सफाई करें। 
  • पशुओं को अन्य खतरनाक रोगों से बचाने के लिए टीकाकरण जरूर करवाएं। 

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा लिखे गए इस लेख से आपकी कुछ समस्या हल हो जाएगी। अगर आपको इसी तरह की जानकारी पढ़नी है या पशुओं के चिकित्सक से संपर्क करना है, तो आप हमारी Animall App डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा ऐप के जरिए आप गाय और भैंस खरीद या बेच भी सकते हैं। हमारी Animall App को डाउनलोड करने के लिए इस विकल्प का चुनाव करें 

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