बछड़ा पालन से जुड़ी संपूर्ण जानकारी पढ़ें

आखरी अपडेट (last updated): 02 Dec 2024
Bachda Palan

और उसकी उचित देखभाल सुनिश्चित करना किसी भी डेयरी फार्म की सफलता का आधार होता है। शुरुआती दिनों में बछड़े के शरीर के वजन को अनुकूल रखने के लिए उसका ध्यान रखना और उसे समुचित आहार देना ज़रूरी होता है। छोटे बछड़े को पर्याप्त आहार न देने से उसकी पहली ब्यात की उम्र बढ़ जाती है और कुल मिलाकर जीवन भर उनकी उत्पादकता में हानि होती है। बछड़े को जन्म के 1-2 घंटे के अंदर ही या मां का दूध देना होता है। जन्म से 3 महीनों के दौरान बछड़े का आहार उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है और उचित आहार न मिलने से बछड़ा कमज़ोर पड़ सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है। आज हम आपसे इस लेख में बछड़ा पालन से जुड़ी और भी बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर रहे हैं जैसे, बछड़े की देखभाल, बछड़ा पालन के फायदे, बछड़े का भोजन (Feeding Calves), बछड़े के रहने के स्थान का महत्व और बछड़े के पोषण से जुड़ी ज़रूरी चीज़ें।

अंतर्वस्तु :
1. बछड़े की देखभाल
2. बछड़ा पालन के फायदे
3. बछड़े का भोजन (Feeding Calves)
4. बछड़े के रहने के स्थान का महत्व
5. बछड़े का पोषण

1. बछड़े की देखभाल

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नवजात पशुओं में बाहरी मौसम से लड़ने की क्षमता बहुत ही कम होती है इसलिए बछड़े के लिए उचित प्रबंधन करना चाहिए। जन्म के ठीक बाद बछड़े के नाक और मुँह से कफ अथवा श्लेष्मा आदि अच्छे से साफ करें। आपने देखा होगा आमतौर पर बछड़े को जन्म देते ही गाय अपने बछड़े को जीभ से चाटने लगती है, गाय को ऐसा करने से रोकना नहीं चाहिए क्योंकि इससे बछड़े के शरीर को सूखने में आसानी होती है और श्वसन व शरीर में रक्त संचार सुचारू होता है।

गाय के बछड़े को न चाटने पर बछड़े के शरीर को सूखे कपड़े से पोंछें। नाभ नाल को 2 इंच की दुरी पर धागे से बांध दें और बची हुई नाल को साफ कैंची से काटकर उसमें टिंचर आयोडीन या कोई अन्य एंटीसेप्टिक लगाना चाहिए ताकि नाभी को संक्रमण से बचाया जा सके। पशु के रहने के स्थान को बिल्कुल साफ और सूखा रखना चाहिए व बछड़े के वजन का रिकॉर्ड हमेशा रखें।

बछड़ा आमतौर पर जन्म के एक घंटे बाद खड़ा होकर दूध पीने की कोशिश करने लगता है। यदि ऐसा न हो तो बछड़े की दूध पिलाने में मदद करें और शुरूआती दिनों में बछड़े को सिर्फ मां का दूध पिलाएं व दूसरे हफ्ते से ही अच्छी गुणवत्ता वाला दाना देना दे सकते हैं।

2. बछड़ा पालन के फायदे

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करने के कई तरह के फायदे हैं अगर बछड़े की अच्छी तरह से देखरेख कर तैयार किया जाए तब भविष्य में कई फायदे मिल सकते हैं।

  • बछड़े के बड़े होने पर इसका प्रयोग अपनी डेयरी की गाय को गाभिन कराने में कर सकते हैं।
  • अगर बछड़ा अच्छी नस्ल का होगा तब दूसरे पशुपालक भी अपनी गाय को गाभिन कराने के लिए लाएंगे इससे आपकी आमदनी भी होगी ।
  • बछड़े को बाद में बैल के रूप में खेतों की जुताई आदि में भी प्रयोग में लाया जा सकता है।
  • खेतों से या किसी अन्य स्थान से सामान ढोने के लिए भी बछड़े का प्रयोग कर सकते हैं।

3. बछड़े का भोजन (Feeding Calves)

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  • जन्म के बाद बछड़े को 3 से 4 सप्ताह तक मां के दूध की आवश्यकता होती है इसलिए नवजात बछड़े को सबसे पहले मां का दूध पिलाना चाहिए।
  • जन्म के आधे घंटे के अंदर बछड़े को खीस देना चाहिए। खीस का निर्माण मां के द्वारा बछड़े के जन्म से 3 से 7 दिन बाद तक किया जाता है और यह बछड़े के लिए पोषण और तरल पदार्थ का प्राथमिक स्रोत होता है।
  • दूध के अलावा अन्य आहार जैसे ताजा छाछ, दही का मीठा पानी, दलिया आदि बछड़े को दें।
  • जन्म के दूसरे हफ्ते से ही अच्छी गुणवत्ता वाला दाना और सूखी घास देनी चाहिए।
  • बछड़े को हमेशा स्वच्छ बरतनों में साफ और ताज़ा पानी ही पिलाएं और ज़रूरत से ज्यादा पानी बछड़े को नहीं देना चाहिए।
  • बछड़े को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए उसके रहने के स्थान को साफ रखें।
  • बछड़े का कृमिनाशक व टीकाकरण समय पर करवाएं।

4. बछड़े के रहने के स्थान का महत्व

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संक्रामक रोगों से बचाने के लिए बछड़ों को अलग-अलग स्थानों पर रखना चाहिए क्योंकि शुरुआती दिनों में बछड़े एक दूसरे को चाटते हैं जिससे बछड़े के किसी रोग की चपेट में आने की संभावना अधिक होती है। साथ ही बछड़ों को अलग बाड़े में तब तक रखें जब तक वे दूध न छोड़ दें। इसके अलावा बछड़े के रहने का स्थान बड़ा और हवादार होना चाहिए, बछड़े को साफ-सफाई वाली जगह पर रखें, पशुशाला में बारिश का पानी जमा न हो उसके लिए विशेष प्रबंध करें। बछड़े को पीने का साफ पानी दें, अच्छा आहार दें और समय-समय पर टीकाकरण करवाएं और बछड़े को तेज़ धूप, अधिक धूल व ठंडी हवा से बचाने के लिए दीवार से घिरी पशुशाला का निर्माण करें।

4. बछड़े का पोषण

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जन्म से 3 महीनों के दौरान बछड़े का आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान अगर बछड़े का खानपान सही न हो तो बछड़ा कमज़ोर पड़ सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है। जन्म के दूसरे सप्ताह से अच्छी गुणवत्ता वाली सूखी घास एवं काल्फ स्टार्टर बछड़े को देना चाहिए। बछड़े को ज़्यादा मात्रा में काल्फ स्टार्टर खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे उसकी शारीरिक वृद्धि हो सके।

मिश्रित आहार जैसे जौ, गेहूं और ज्वार भी बछड़े को दे सकते हैं और अगर चाहें तो मिश्रित आहार में 10% तक गुड़ का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। आपको बता दें कि एक आदर्श मिश्रित आहार में 80% टीडीएन और 22% सीपी होता है और 6 महीने की उम्र में बछड़ा 1.5 से 2.5 किग्रा तक सूखी घास खा सकता है वहीं जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है चारा खाने की यह मात्रा भी बढ़ती जाती है। इसके अलावा नवजात बछड़े को रेशेदार पदार्थ खाने को देना चाहिए।

एक लीटर पुनर्गठित दूध (साबुत या मलाई रहित दूध पाउडर और पानी को मिलाकर तैयार किया गया उत्पाद) को एक लीटर सम्पूर्ण दूध के साथ पिलाना चाहिए और धीरे- धीरे सम्पूर्ण दूध को हटा देना चाहिए और एक महीने की उम्र तक पुनर्गठित दूध को बढ़ा कर दिन में दो लीटर कर देना चाहिए, जिसे दो महीने की आयु तक जारी रखना चाहिए।

बछड़ा पालन को लेकर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब
क्या आप 3 महीने के बछड़े का दूध छुड़ा सकते हैं?
उत्तरतीन महीने तक का बछड़ा चारा के साथ ही अन्य आहार खाने लगता है ऐसे में आप तीन महीने के बछड़े का दूध छुड़ा सकते हैं।
बछड़ा कितने ठंडे मौसम में रह सकता है?
उत्तरबछड़ा कितनी ठंड संभाल सकता है ये उसकी उम्र पर निर्भर करता है। सामान्यतौर पर एक महीने के बछड़े को 55 से 70 °F ( 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास) तक तापमान होने पर कोई समस्या नहीं होती है लेकिन अगर तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ जा जाए तब उसके आसपास हीट की व्यवस्था करना सही रहेगा।
बछड़ा बिना दूध के कितने घंटे तक रह सकता है?
उत्तरबछड़े को पर्याप्त मात्रा में दूध पिलाना चाहिए। अगर आपका बछड़ा सुस्त रहता है, बालों में चमक नहीं है या फिर सिर झुकाए हुए रहता है तब इसके पीछे कारण उसे भरपूर मात्रा में पोषण ना मिलना है। आमतौर पर एक बछड़े को 6 से 8 घंटे के अंदर दूध मिलना चाहिए।
गाय का बछड़ा मर जाए तो क्या करें?
उत्तरअगर बछड़ा मर जाए तब गाय का दूध निकालने से 1 से 2 घंटे पहले उसे मिल्को फ्लेक्स की गोली देने से आप आसानी से दूध निकाल सकते हैं। 10 से 15 दिन के बाद मिल्को फ्लेक्स की गोली देना बंद कर दें ।