गाय को दस्त होने के कारन, लक्षण और उसका इलाज

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ये काफी आम बात है कि गाय को दस्त की शिकायत हो रही है। जब भी गाय को ये बीमारी होगी तो वो काफी पतला गोबर करेगी। ऐसे में बार-बार गाय को पतला गोबर आएगा, तो उसका शरीर काफी कमजोर हो सकता है। गाय को दस्त होने के पीछे का मुख्य कारण पशु की पाचन क्रिया खराब होना या फिर पेट में किसी तरह का संक्रमण होने की वजह से होता है। हालांकि ज्यादा गर्मी लगने की वजह से भी पशु को ये बीमारी हो सकती है।

पिचकारी की तरह पतला गोबर निकलना दस्त का मुख्य लक्षण होता है। इसके अलावा गाय के स्वास्थ्य के अनुसार भी कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जैसे कि बुखार, कमजोरी, घास ना खाना। इससे बचने के लिए ज्यादा कछ नहीं करना होता है बस साधारण सफाई अपना कर और उसके खाने के संबंधित सही जानकारी लेकर गाय को दस्त से बचाया जा सकता है।

अगर गाय को दस्त हो जाता है तो उसका इलाज घरेलू उपायों से भी किया जा सकता है। हालांकि गंभीर स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है और डॉक्टर कारण और लक्षणों के मुताबिक अलग अलग दवाएं देते हैं। दवाओं के साथ-साथ शरीर में पानी और पोषक तत्वों को पूरा करने के लिए भी तरीके अपनाए जाते हैं।

बीमारियों से बचाए रखने के लिए गाय का टीका कब लगाना चाहिए

गाय को दस्त होना वैसे तो एक आम स्थिति है, लेकिन कई बार ये गंभीर हो जाती है। जिस कारण इसकी सेहत पर गंभीर असर होता है। गाय को कई प्रकार के दस्त होते हैं, जिनमें के कुछ अन्य जानवरों में फैलने वाले भी होते हैं।

गाय को दस्त के लक्षण

गाय का गोबर काफी पतला आता है या फिर उसमें किसी तरह का द्रव मिला हुआ होता है। इसके अलावा इस रोग में गाय में कई अन्य लक्षण भी देखें जा सकते हैं, जो गाय के स्वास्थ्य और रोग के अंदरूनी कारणों पर निर्भर करते हैं। इसके अलावा गाय को दस्त होने की स्थिति में कई लक्षण देखें जाते हैं।

  • पिचकारी की तरह गोबर आना
  • गोबर में द्रव या फिर झाग आना
  • बदबूदार गोबर का आना
  • हर थोड़ी देर बाद गोबर आना
  • गाय के बैठे हुए में ही गोबर निकल जाना
  • गोबर में खून आना

गाय को कब्ज होने की स्थिति में उसका शरीर काफी ज्यादा प्रभावित होता है। जिस वजह से उसे कई समस्याएं हो सकती है। इन समस्याओं के आधार पर पशु को अन्य लक्षण भी आ सकते हैं।

  • शरीर में कमजोरी का आ जाना, जिस कारण पशु पूरा दिन बैठा रहता है
  • गाय को बुखार हो जाना
  • पशु की आंखों से पानी निकलना
  • जरूरत से ज्यादा ठंड लगना
  • शरीर में कंपन होना
  • पेट की हड्डियां दिखाई देना

डॉक्टर को कब दिखाएं

आमतौर पर दस्त का इलाज घर पर ही किया जाता है, लेकिन अगर एक दिन से ज्यादा होने पर और अगर घरेलू उपाय काम नहीं कर रहे हैं, तो डॉक्टर से बात करें।

किन कारणों से होता है गाय को दस्त रोग

गाय को दस्त लगने के कारण बहुत ही आम हो सकते हैं, जैसे कि ज्यादा हराई खाना या फिर गर्मी लग जाना। जबकि अगर डॉक्टर की माने तो उनके मुताबिक पशु को दस्त होने के 2 कारण होते हैं, जिनमें पाचन संबंधी रोग और अलग अलग तरह के संक्रमण शामिल होते हैं। 

गाय को पाचन से जुड़ी समस्याओं के कारण भी दस्त होते हैं, और इनके कारण है – 

  • ज्यादा हराई खिलाना
  • ज्यादा मात्रा में फीड, चना, या फिर चारा खिलाना
  • गंदा पानी पिलाना
  • पुराना या सड़ा हुआ चारा खिलाना
  • गंदे पानी में उगी घास चराना
  • कीटनाशकों और रसायनों वाली घास खिलाना
  • ज्यादा संख्या में बिनोला या उसकी खल खा लेना

गाय को दस्त कई बार कुछ तरह की दवाओं की वजह से भी हो जाता है। इन दवाइयों में ज्यादातर गाय की त्वचा पर कीड़ों को मारने की दवाएं होती है, वहीं दूध बढ़ाने वाली दवाएं और बाकी गर्म दवाएं भी गाय को दस्त की शिकायत दे सकती है। 

संक्रमण

अगर आपकी गाय को दस्त की बीमारी हो गई है, तो उसके पीछे पेट में होने वाले संक्रमण भी होते हैं। जिसमें आमतौर पर वायरल इंफेक्शन शामिल होता है। गाय को दस्त होने का कारण बनने वाले वायरल इंफेक्शन को बोवाइन वायरल डायरिया कहते हैं। ये रोग ज्यादातर संक्रमित पशु के संपर्क में आने की वजह से ही होता है। नीचे लिखें तरीकों से गाय इस रोग के संपर्क में आती है-

  • संक्रमित जानवर की लार, जुगाली के संपर्क में आने से
  • एक ही बर्तन में पानी पीने से
  • एक ही खुरली में घास खाने से
  • संक्रमित पशु के आस-पास रहने की वजह से

हम अपने जानवरों को संक्रामक रोगों से कैसे बचा सकते है?

गाय को दस्त लगने से कैसे बचाएं

गाय को कई कारणों से दस्त हो सकता है, जिनमें से कुछ मामलों में बचाव किया जा सकता है, लेकिन कई बार रोकथाम मुश्किल हो जाती है। दस्त से बचाव के तरीके उनके कारणों पर निर्भर करते हैं। आप नीचे लिखें तरीकों से दस्त से बचाव कर सकते हैं – 

– गाय को ताजी और साफ घास चराएं

– गंदे पानी में उगी या फिर बासी घास खिलाने से बचें

– सर्दियों में ज्यादा हराई न दें अदर दें तो सूखा भूसा भी उसमें मिलाते रहें

– साफ और ताजा पानी पीने के लिए दें

– फीड, अनाज, दाना, खल सभी चीजों की मात्रा का खास ध्यान रखें, इस बारे में चाहें तो पशु चिकित्सक से बात करें

– गाय को गर्मी ना लगने दें और तेज धूप के दिनों में उसे बांधें नहीं और हवादार जगह पर रखें

– गाय को दिन में कई बार ताजा पानी पिलाएं

– उसकी लार और बाकी द्रवों को तुरंत ही नष्ट कर दें ताकि बाकी जानवर उसके संपर्क में ना आ सकें

 

गाय को दस्त होने का इलाज कैसे करें

गाय को दस्त की बीमारी होने पर सबसे पहले उसके कारणों और रोग की गंभीरता समझनी बेहद जरूरी है। अगर दस्त की समस्या ज्यादा गंभीर ना हो तो घरेलू उपाय भी कर सकते हैं। लेकिन अगर दस्त ठीक नहीं हो रहे हैं तो डॉक्टर से राय लेने के लिए जरा भी नहीं हिचकिचाएं। डॉक्टर इस दौरान गाय को ठंडी चीजें खिलाने की सलाह दे सकते हैं, जैसे सरसों की खल, सरसों का तेल, दही आदि।

साथ ही इस वक्त में गाय को गर्म चीजें देने से परहेज करने के लिए भी डॉक्टर कह सकता है। अगर गाय को वायरल बोवाइन हो गया है तो चिकित्सक गाय के लक्षण और परेशानी को समझ कर दवा देगा। आमतौर पर डॉक्टर रिहाइड्रेशन फ्लूइड, अलग तरह के खनिज और पोषक तत्व देते हैं। जो कि शरीर में पानी और जरूरी पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं। साथ ही ये दस्त को भी नियंत्रण में रखते हैं।