दुधारू पशुओं मे बांझपन का कारण और उपचार क्या है ?

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झडेयरी उद्योग से जुड़े हुए लोगों की आय केवल तभी बढ़ सकती है। जब पशु सही मात्रा में दूध दे और उसके जरिए कुछ दूसरे उत्पाद भी तैयार किए जा सकें। लेकिन यह इतना सरल नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज के समय में बहुत से पशु बांझपन का शिकार हो जाते हैं। जिसकी वजह से डेयरी उद्योग को खासा नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं छोटे स्तर पर पशुपालन करने वाले लोगों पर तो इसका और भी बुरा असर पड़ता है।

 पर ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर गाय या भैंस बांझपन का शिकार क्यों हो जाती हैं और क्या इस बांझपन का कोई उपचार भी है। अगर आपके जेहन में भी यही सवाल घूमते रहते हैं तो आप बिल्कुल सही स्थान पर आए हैं। आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि पशु बांझपन का शिकार क्यों हो जाते हैं और इसका उपचार क्या किया जा सकता है। पशु बांझपन से जुड़ी संपूर्ण जानकारी हासिल करने के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। 

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पशु में बांझपन के कारण

पशुओं में बांझपन वह स्थिति है, जिसमें पशु या तो गर्भधारण नहीं कर पाता या फिर पशु का बार – बार गर्भपात हो जाता है। पशुओं में बांझपन की समस्या के कुछ निम्नलिखित कारण हैं जो कुछ इस प्रकार हैं। 

  • जब मादा पशु कुपोषण का शिकार होती है तो उसके लिए गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। 
  • कुछ पशुओं में बांझपन की समस्या जन्म से ही होती है। इसे जन्मजात दोष भी कहा जा सकता है। 
  • पशु के आहार में की गई लापरवाही भी पशु के बांझपन का कारण बन सकती है। 
  • अगर पशु के शरीर में हार्मोन असंतुलित हो तो इसकी वजह से भी पशु बांझपन का शिकार हो सकता है। 
  • पशु की देखरेख में की गई लापरवाही या फिर किसी रोग के चलते भी पशु बांझपन का शिकार हो जाता है।   

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पशु के बांझपन हेतु उपाय और उपचार 

ऐसा कई बार होता है कि पशु पूरी तरह बांझपन का शिकार नहीं होता। बल्कि कुछ दूसरे कारणों के चलते गर्भधारण नहीं कर पाता। ऐसे में पशुपालक भाई कुछ उपाय या उपचार को अपनाकर पशु को ठीक कर सकते हैं। यह उपाय कुछ इस प्रकार हैं। 

  • पशु को बांझपन से बचाने का सबसे आसान तरीका है कि उसकी ब्रीडिंग हीट के समय पर ही कराई जाए। 
  • पशु के   हीट में न आने पर पशु चिकित्सक से बात करनी चाहिए। 
  • अगर पशु के पेट में कीड़े हो गए हों तो डीवॉर्मिंग कराए और उसके बाद आने वाली हीट को खाली जाने दें।
  • पशु को बांझपन की समस्या से बचाने के लिए उसे सही मात्रा में प्रोटीन और खनिज पदार्थ देने चाहिए। ऐसा करने से पशु में बांझपन की समस्या खत्म हो सकती है। 
  • पशु की ब्रीडिंग के बाद 60 से 90 दिनों बाद पशु चिकित्सक से पशु के गर्भ की जांच कराएं। 
  • पशु को बांझपन से बचाने के लिए अधिक गर्म तापमान में न रखें।  

आशा करते हैं आप समझ गए होंगे कि पशु के बांझपन का क्या कारण है और इसके उपाय क्या हैं। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो और आप ऐसी जानकारी पढ़ते रहना चाहते हैं तो आप हमारी Animall App डाउनलोड कर सकते हैं। ऐप के माध्यम से आप पशु खरीद और बेच तो सकते ही है। इसके साथ ही पशु चिकित्सक से भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। एनिमॉल ऐप डाउनलोड करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।   

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