पशु के लिए संतुलित दाना मिश्रण कैसे बनायें, जानें इसका तरीका

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पशु की देखभाल अगर ठीक तरह से की जाए तो न केवल वह अधिक मात्रा में दूध देता है। बल्कि इससे उनके बीमार होने की संभावना भी कम हो जाती है। ऐसे में ज्यादातर पशुपालक आहार और दाने के नाम पर कुछ चीजों के नाम तो जानते हैं। लेकिन पशु को किस मात्रा में क्या देना है यह नहीं जानते। इसलिए आज हम यह लेख लेकर आए हैं।

इस लेख के जरिए पशुपालन के क्षेत्र से जुड़े लोगों को हम बताएंगे कि आखिर संतुलित दाना मिश्रण तैयार कैसे किया जाता है। अगर आप भी अपने पशु को स्वस्थ बनाना चाहते हैं या फिर उनकी उत्पादकता बेहतर करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए ही है। इस लेख के जरिए आपकी यह दोनों ही चिंताए पूरी तरह दूर हो जाएंगी। चलिए जानते हैं आखिर किस तरह संतुलित दाना मिश्रण बनाया जाता है।

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सही दाना मिश्रण तैयार करने की सामग्री

1.

मक्का/जौ/जई 40 किलो मात्रा
बिनौले की खल 16 किलो
मूंगफली की खल 15 किलो
गेहूं की चोकर 25 किलो
मिनरल मिक्सर 02 किलो
साधारण नमक 01 किलो
कुल 100 किलो

2.

जौ 30 किलो
सरसों की खल 25 किलो
बिनौले की खल 22 किलो
गेहूं की चोकर 20 किलो
मिनरल मिक्स 02 किलो
साधारण नमक 01 किलो
कुल 100 किलो

3.

मक्का या जौ 40 किलो मात्रा
मूंगफली की खल 20 किलो
दालों की चूरी 17 किलो
चावल की पालिश 20 किलो
मिनरल मिक्स 02 किलो
साधारण नमक 01 किलो
कुल 100 किलो

4.

गेहूं जौ या बाजरा 20 किलो मात्रा
बिनौले की खल 27 किलो
दाने या चने की चूरी 15 किलो
बिनौला 15 किलो
आटे की चोकर 20 किलो
मिनरल मिक्स 02 किलो
नमक 01 किलो
कुल 100 किलो

ऊपर बताई गई इन सभी सामग्रियों को इसी मात्रा में मिलाकर आप अपने पशु को दे सकते हैं। ध्यान रहे कि पशु को रोजाना 4 से 5 किलो हरा चारा और सूखा भूसा जरूर दें। 

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पशु को दाना मिश्रण देने के फायदे 

  • यह पशुओं को खाने में स्वाद लगता है और इसमें ढेरों पोषक तत्व पाए जाते हैं
  • यह पशुपालक की जेब पर अधिक असर नहीं डालता। यह खल बिनौला से काफी सस्ता पड़ता है
  • पशुओं को पूरी तरह स्वस्थ रखने में दाना मिश्रण एक अहम भूमिका निभाता है
  • दाना मिश्रण के जरिए पशु की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो जाती है
  • गाय या भैंस की दूध देने की क्षमता में वृद्धि होती है
  • दाना मिश्रण के जरिए भैंस का बच्चा जल्दी युवा अवस्था में आ जाता है
  • भैंस की ब्यात नही मरती
  • दाना मिश्रण देने से भैंस लंबे समय तक दूध दे पाती है

पशुपालन करने वाले लोग दाना मिश्रण देने से पहले इस बात को जेहन में रखें कि यह किसी रोग या समस्या का उपचार नहीं है। बल्कि यह पशु को बीमारियों से बचाए रखने और उनकी उत्पादकता बढ़ाने का एक देसी तरीका है। अगर आपके पशु को किसी तरह की समस्या है तो पहले पशु चिकित्सक से संपर्क करें। आप हमारी Animall App के जरिए ऐसा कर सकते हैं। हमारी ऐप पर आपको अनुभवी चिकित्सक मिलेंगे, जो आपके पशु की समस्या का सही उपचार करने में, आपकी सहायता कर सकते हैं।

उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे लेख से अपने कुछ सवालों के जवाब मिल गए होंगे। अगर आप इसी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते है या पशु खरीदना और बेचना चाहते हैं तो आप हमारी एनिमॉल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। ऐप डाउनलोड करने हेतु या तो आप प्ले स्टोर पर जा सकते हैं। या फिर इस विकल्प पर क्लिक कर सकते हैं। 

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गाय के दस्त बंद करने की देसी और अंग्रेजी दवा के बारे में जानिए

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एक पशु का स्वस्थ रहना पशुपालक की आय के लिए बहुत जरूरी है। पशु की जरा भी हालत बिगड़ती है तो इसका सीधा असर पशुपालक की आय पर भी पड़ने लगता है। ऐसी ही एक समस्या है जो अक्सर भैंस और गाय आदि को परेशान करती रहती है। हम बात कर रहे हैं गाय को लगने वाली बीमारी दस्त के बारे में। सुनने में बेहद समान लगने वाला यह रोग, गाय को शारीरिक रूप से कमजोर बना देता है। इसके अलावा दस्त लगने की वजह से गाय की दूध देने की क्षमता भी प्रभावित होती है। इसलिए आज हम अपने इस लेख में आपको गाय के दस्त की देसी और अंग्रेजी दवा के बारे में बताएंगे। अगर आपकी गाय को अक्सर दस्त की समस्या रहती है, तो आप भी अपनी गाय को दस्त की दवा दे सकते हैं। 

गाय को दस्त लगने का कारण 

यूं तो दस्त लगना एक आम समस्या है जो पशुओं और इंसानों को हो जाती है। कई बार तो दस्त लगने की वजह का पता भी नहीं चल पाता। हालांकि दस्त लगने के कुछ सामान्य कारण भी हैं, जिन्हें जानकर दस्त की समस्या का उपचार किया जा सकता है। इसलिए चलिए जानते हैं दस्त लगने के क्या कारण हो सकते हैं।  

  1. अगर गाय को अधिक हराई खिलाई जाए तो इसकी वजह से भी दस्त की समस्या हो सकती है। 
  2. गाय को अगर जरूरत से ज्यादा आहार या चारा खिला दिया जाए तो इसकी वजह से भी उसे दस्त लग सकते हैं।
  3. कई बार पशुपालक घर का सड़ा गला भोजन गाय को दे देते हैं। जिसकी वजह से पशु को दस्त लग सकते हैं। 
  4. गाय को अगर गंदा पानी पिलाया जाए या वह किसी दूषित तालाब का पानी पी ले तो इसकी वजह से भी दस्त हो सकते हैं। 
  5. घास में अगर अधिक मात्रा में कीटनाशक या दवाएं डाली गई हों और यह घास पशु खा ले तो उसे दस्त हो सकते हैं। 
  6. अगर गाय चारे के साथ किसी कीड़े आदि को खा ले तो इसकी वजह से भी उसे दस्त लग सकते हैं। 
  7. गाय को अधिक मात्रा में खल या बिनौला खिलाने की वजह से भी दस्त की समस्या हो सकती है। 

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गाय के दस्त के लक्षण

गाय या किसी भी पशु को दस्त लगे हैं या नहीं इसका बहुत आसानी से पता लगाया जा सकता है। गाय ने कितनी बार गोबर किया है और वह गोबर कैसा है उसे देखकर गाय के दस्त का पता लगाया जा सकता है। गाय को दस्त लगने की सूरत में आपको जो लक्षण देखने को मिल रहे हैं। वह कुछ इस प्रकार हैं। 

  • गाय जब गोबर करती है तो किसी पिचकारी की तरह निकलता है। 
  • गाय को दस्त होने की सूरत में आपको उसके मल में झाग दिखाई देने लगेंगे। 
  • गाय के गोबर से बहुत गंदी बदबू आती है। 
  • गाय बार – बार गोबर करने लगती है। 
  • गोबर करते समय गाय के गोबर में खून आने लगता है। 
  • गाय शारीरिक रूप से कमजोर हो जाती है। 
  • गाय को दस्त लंबे समय तक रहे तो उसे बुखार होने लगता है। 
  • लंबे समय तक गाय को दस्त होने पर उसके शरीर की हड्डियां दिखने लग जाती है। 

गाय के दस्त बंद करने की दवा 

किसान और पशुपालक आमतौर पर पशु को लगे दस्त की समस्या पर ध्यान नहीं देते। लेकिन ऐसा करना पशु की जान भी ले सकता है। ऐसे में अगर गाय को दस्त लगे हो उसे दवा देना बेहद जरूरी है। गाय के दस्त की अंग्रेजी और देसी दवा दोनो ही दी जा सकती है। लेकिन यह गाय की स्थिति पर निर्भर करता है। आइए जानते हैं किस स्थिति में गाय को देसी और अंग्रेजी दवा दी जाती है।  

गाय के दस्त बंद करने की देसी दवा 

गाय को दस्त की देसी दवा तब दी जाती है, जब उसकी स्थिति सामान्य हो। यानी दस्त में खून आदि न आ रहा हो। इस स्थिति में गाय को देसी दवा के तौर पर ठंडी चीजें और आसानी से पचने वाली चीजें दी जानी चाहिए जैसे दही, छाछ, सरसों का खल, सरसों का तेल आदि। इसके अलावा ध्यान रहे कि गाय को जब दस्त लगे हो तो उन्हें किसी भी सूरत में  उन्हें बिनौला और अन्य अनाज नहीं देने चाहिए। 

गाय के दस्त की अंग्रेजी दवा 

गाय को दस्त की अंग्रेजी दवा आप तभी दें जब गाय की स्थिति अधिक गंभीर हो। वह भी डॉक्टर के परामर्श पर ही गाय को अंग्रेजी दवा दे। अगर गाय के दस्त से खून गिर रहा है या गाय अधिक गोबर कर रही है तो इस सूरत में उन्हें आप रिहाइड्रेशन फ्लूइड और अन्य खनिज पदार्थ दे सकते हैं। ध्यान रहे कि गाय को कोई भी दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इसके अलावा गाय की समय – समय पर जांच कराते रहें। 

हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारी दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। आप यही और पशुपालन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां हमारी Animall App के जरिए भी डाउनलोड कर सकते हैं। एनिमॉल ऐप के जरिए न केवल आप जानकारियां पढ़ सकते हैं। बल्कि पशु बेच और खरीद भी सकते हैं। इसके अलावा ऐप पर चल रहे अलग ऑफर की जानकारी भी आपको ऐप के जरिए मिल सकती है। इसके साथ ही पशु चिकित्सक से भी ऐप के जरिए संपर्क किया जा सकता है। हमारी एनिमॉल ऐप को डाउनलोड करने के लिए दिए गए हुए विकल्प का चुनाव करें।

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पशुओं को कितना चारा पानी देना चाहिए ?

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निम्न लिखित अनुसूची अपनाई जानी चाहिए:-
(क) रोज़ का आहार 3-4 भागों में बांटना चाहिए|
(ख) दाना दो बराबर भागों में दिया जाना चाहिए|
(ग) सूखा व हर चारा अच्छी तरह मिलाकर देना चाहिए|
(घ) कमी के समय साईंलेज दिया जाना चाहिए|
(ङ) चारा खिलने के बाद ही दाना देना चाहिए|
(च) औसतन वज़न की गाय को 35-40 लीटर प्रतिदिन पानी की आवश्यकता होती है|

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बछड़ों- बछड़ियों को खीस कितना और कैसे पिलाना चाहिये?

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सबसे ध्यान देने योग्य बात है कि पैदा होने के बाद जितना जल्दी हो सके खीस पिलाना चाहिये। इसे गुनगुना (कोसा) कर के बछड़े के भार का 10 वां हिस्सा वज़न खीस कि मात्रा 24 घंटों में पिलाएं। जन्म के 24 घंटों के बाद बछड़े की आंतों की प्रतिरोधी तत्व (इम्यूनोग्लोब्यूलिन) को सीखने की क्षमता कम हो जाती है। और तीसरे दिन के बाद तों लगभग समाप्त हो जाती है। इसलिए बछडों को खीस पिलाना आवश्यक है।

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घरेलू तरीके से भैंस का दूध कैसे बढाये ?

कई लोग अपने गाय और भैंसों से अधिक दूध प्राप्त करने के लिए टीके आदि का सहारा लेतें हैं, यह पहले कारगर तो साबित होता है लेकिन कई बार इसका प्रभाव विपरीत भी पड़ जाता है.

किसान भाइयों आज हम इस लेख के माध्यम से आपको एक ऐसे रामबाण घरेलू उपाय के बारे में बताएंगे जो गाय और भैंस का दूध बढाने में कारगर साबित होता है. उपाय बहुत सरल है और आपको बहुत ही जल्द इसके नतीजे भी मिलने लगेंगे

 

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