कैसे लाये अपनी गाय या भैंस को हीट में ?

पशुओं के गर्मी में ना आने के कारण

  • मादा गर्मी के लक्षण तब नहीं दिखा सकती है जब वह बहुत बूढ़ी हो या वह बिना मालिक के ज्ञान के मेल-मिलाप हो जाए I
  • कभी-कभी पशु किसी भी संकेत के बिना गर्मी में आते हैं इसे “चुप्प गर्मी” कहा जाता है और भैंसों में ये आम तौर पर पायी जाती है ।
  • यदि फ़ीड पर्याप्त नहीं है या प्रोटीन, लवण या पानी की कमी है, तो पशु गर्मी में आने में विफल हो सकता है। गर्मी में लाने के लिए आपको मादा की फीड में सुधार करने की आवश्यकता होगी।
  • पशुओं के पेट में कीड़ों क होना या बच्चेदानी में संक्रमण के कारण भी पशु गर्मी में नहीं आते I

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पशुओं को गर्मी में लाने के लिए देशी इलाज

  • “बड़ा गोखरू (पेडलियम म्युरेक्स)” 500 ग्राम किण्वित चावल के पानी के 1000 मिलीलीटर में धोया जाता है जो एक तेलीय उत्सर्जन प्रदान करता है। यह पशुओं के मदकाल की शुरुआत से तीन दिन पहले मौखिक रूप से दिया जाता है। स्पष्ट योनि स्राव को देखने के बाद पशु को टीका लगवाया जा सकता है I

बड़ा गोखरू

  • “अश्वगंधा” (विदेनिया सोमनीफेरा) के राइज़ोम्स 150 ग्राम, जिन्जेली बीज 150 ग्राम को अच्छी तरह से 2 मुर्गी के अण्डों और 2 केले के फलों में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और पशु को 7 दिनों के लिए दें I यदि पशु तब भी गर्मी में नहीं आता तो 7 दिनों के अंतराल पर फिर से इलाज (केवल 1 दिन के लिए) दोहराएं।

अश्वगंधा

  • पशुओं को गर्मी में लाने के लिए प्रजना या जनोवा नामक गोलियों का सेवन करायें I ये गोलियां केवल पशु चिकित्सक की निगरानी में अपने पशु को दें I

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अन्य नुस्खे

  • यदि गाय या भैंस गर्मी में नही आती है तो कुछ गर्म पदार्थ खिलाना चाहिए। जैसे बाजरा, भूसी, खली, मसूर, चुन्नी, अरहर, अण्डा कबूतर का मल इत्यादि। ये सब खिलाने से जानवर को अवश्य ही लाभ मिलेगा।
  • इसके साथ ही साथ खनिज मिश्रण पर्याप्त मात्रा में (20 से 30 मिलीग्राम प्रतिदिन 20 दिनों के लिए) पशु के आहार में जरूर सम्मिलित करना चाहिए।
  • कभी भी गाय या भैंस को गाभिन (टीका लगवाने) कराने के बाद ठण्ड में या छाया वाले स्थान पर रखना चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए कि गाभिन होने के तुरन्त बाद जानवर को बैठने नहीं देना चाहिए, क्योंकि गाभिन होने के तुरन्त बाद बैठ गया तो सारा वीर्य बाहर निकल जाएगा और वो गाभिन नहीं हो पायेगी। गाभिन होने पर जानवर को कुछ ठण्डा चारा खिलाना चाहिए। जैसे चरी, पुआल, बरसीम, जौ, उर्द, चुन्नी इत्यादि।
  • पशुओं को हर 3 महीने बाद पेट के कीड़ों की दवाई दें I

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आप किसान क्रेडिट कार्ड से कितनी राशि लोन ले सकते हैं?

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पहले वर्ष के लिए अल्‍पावधि ऋण सीमा प्रदान की गई है जो कि प्रस्‍तावित फसल पद्धति एवं वित्‍त के मान के अनुसार उगाई गई फसलों पर आधारित होगी।
फसलोत्‍तर / घरेलू / उपभोग की आवश्‍यकताओं एवं कृषि आस्‍तियों,फसल बीमा, वैयक्‍तिक दुर्घटना बीमा योजना (पीएआईएस) एवं आस्‍ति बीमा के रखरखाव संबंधी खर्चों। और पढ़ें

प्रत्‍येक अगले वर्षों (दूसरे, तीसरे, चौथे वर्ष) में यह सीमा10%की दर से बढा दी जाएगी (पॉंचवे वर्ष के लिए किसानों को अल्‍पावधि ऋण की सीमा पहले वर्ष से लगभग 150%अधिक की स्‍वीकृति दी जाएगी)
केसीसी की सीमा का निर्धारण करते समय कृषि यंत्रों /उपकरणों आदि के रूप में छोटी राशियों की निवेश की आवश्‍यकताएं (जैसे स्‍प्रेयर, हल आदि) जो कि एक वर्ष की अवधि में देय होगी को शामिल किया जाएगा। ( ऋण के इस हिससे को दूसरे से पॉंचवे वर्ष के दौरान स्‍वत: आधार पर शामिल नहीं किया जाएगा परन्‍तु संबंधित वर्ष के लिए अधिकतम आहरण सीमा की गणना करते समय प्रत्‍येक वर्ष में इस अंश के लिए ऋण की आवश्‍यकता को शामिल किया जाएगा।

चौथे बिंदु में बताए अनुसार पॉंचवे वर्ष के लिए अल्‍पावधि ऋण सीमा की गणना साथ्‍ा ही ऊपर पांचवे बिंदु में बताए अनुसार दी गई निवेश ऋण अपेक्षाएं (पाँच वर्षों में सर्वाधिक) को अधिकतमअनुमत्‍त सीमा (एमपीएल) होगी एवं उसे किसान क्रेडिट कार्ड सीमा के रूप में संस्‍वीकृत किया जाएगा।
पहले वर्ष के लिए आंकी गई अल्‍पावधि ऋण सीमा के साथ अपेक्षित अनुमानित निवेश ऋण सीमा जैसा कि ऊपर बताया गया है। और पढ़ें

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बछड़ों- बछड़ियों को खीस कितना और कैसे पिलाना चाहिये?

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सबसे ध्यान देने योग्य बात है कि पैदा होने के बाद जितना जल्दी हो सके खीस पिलाना चाहिये। इसे गुनगुना (कोसा) कर के बछड़े के भार का 10 वां हिस्सा वज़न खीस कि मात्रा 24 घंटों में पिलाएं। जन्म के 24 घंटों के बाद बछड़े की आंतों की प्रतिरोधी तत्व (इम्यूनोग्लोब्यूलिन) को सीखने की क्षमता कम हो जाती है। और तीसरे दिन के बाद तों लगभग समाप्त हो जाती है। इसलिए बछडों को खीस पिलाना आवश्यक है।

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क्या पशुपालक घर पर ही पशुआहार तैयार कर सकते है?

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जीहाँ| इसके लिए निम्न संघटक डाल कर हम पशु आहार तैयार कर सकते हैं:-
खत्र- 25-35 कि.ग्रा.
दाने (गेहूं,मक्की,जौ, इत्यादि) :- 25-35 कि.ग्रा.
चोकर (गेहूं): 10-25 कि.ग्रा.
डाल चोकर : 5-20 कि.ग्रा.
मिनरल मिक्स्चर: 1 कि.ग्रा.
विटामिन A,D3 : 20-30 ग्रा.

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पशु कमज़ोर है क्या करें?

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निकट के पशु चिकित्सा अधिकारी से सम्पर्क करना चाहिए। उसके पेट कीड़े भी हो सकते हैं। जिसका उपचार अति आवश्यक है।

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