थनैला रोग के रोकथाम के प्रमुख उपाय कौन से है?

featured-image

– पशुओं की शाला को नियमित रूप से सफाई की जानी चाहिये । मल-मूल को एकत्रित नहीं होने देना चाहिये। – थनों को दुहने से पहले साफ़ करने चाहिये। – दुग्ध दोहन स्वच्छ हाथों से करना चाहिये। – दुग्ध दोहन दिन में दो बार अथवा नियमित अंतराल पर करना चाहिये। – शुरू की दुग्ध-धाराओं को गाढ़ेपन एवं रगँ की जांच कर लेनी चाहिये। – थन यदि गर्म , सूजे एवं दुखते हो टो पशुचिकित्सक से परीक्षण करा लेना चाहिये।