पढ़ें गाय-भैंस के पेट दर्द की दवा और इलाज की संपूर्ण जानकारी

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एक सही आहार ही स्वस्थ रहने का जरिया है, यह बात जितनी इंसानों पर लागू होती है। उतनी ही पशुओं पर लागू होती है। वहीं इंसान तो अपनी तकलीफ या परेशानी बता सकते हैं। लेकिन पशु ऐसा नहीं कर पाते। ऐसे में पशुपालकों को उनकी समस्या का अंदाजा उनके व्यवहार से ही लगाना पड़ता है। आज हम पशुपालकों की ऐसी ही एक दिक्कत को दूर करने वाले हैं।

हम अपने इस लेख में गाय और भैंस के पेट दर्द के इलाज से जुड़ी जानकारी साझा करेंगे। अगर आप एक पशुपालक हैं और गाय, भैंस के पेट दर्द के लक्षण, कारण या इलाज जानने की कोशिश कर रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। आइए पशुओं के पेट दर्द होने की वजह और इसके इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं।

गाय या भैंस को पेट दर्द होने का कारण 

एक पशुपालक गाय या भैंस को होने वाले पेट दर्द को केवल तभी ठीक कर सकता है। जब उसे पशु के पेट दर्द का कारण पता हो। अगर पशु के पेट दर्द का कारण न पता हो तो इसका उपचार करना लगभग असंभव हो जाता है। आइए जानते हैं पेट दर्द के कुछ मुख्य कारणों के बारे में। 

  • गाय या भैंस को होने वाले कोलिक पेट दर्द का मुख्य कारण अफारा हो सकता है। आपको बता दें कि अफारा पशु को तब होता है जब उसे गंदा खाना, गंदा पानी, अधिक अनाज, खिलाया गया हो। इसके अलावा अगर पशु ने कोई कपड़ा या पोलेथीन निगल ली हो तो भी गाय को पेट दर्द हो सकता है। 
  • अगर गाय को ऐसा आहार दिया गया है, जिसे पचाना बहुत ज्यादा मुश्किल हो, तो इसकी वजह से भी पशु को पेट दर्द हो सकता है। इसके अलावा गाय की आंत में संक्रमण की वजह से भी उसे पेट दर्द हो सकता है। यही नहीं कब्ज होने के कारण भी गाय या भैंस को पेट दर्द हो सकता है। इसके अलावा कई दूसरे कारण भी है जिसकी वजह से गाय या भैंस को पेट दर्द की समस्या हो सकती है।  

गाय या भैंस में पेट दर्द के लक्षण

गाय या भैंस को अगर किसी तरह की समस्या या तकलीफ होगी तो उनके व्यवहार को देखकर समझा जा सकता है। वहीं जब पशु को पेट दर्द हो तो उसके कुछ लक्षण जो देखें जा सकते हैं, वह कुछ इस प्रकार हैं। 

  • भैंस या गाय के पेट में दर्द रहने पर वह पेट पर जोर – जोर से लात मारती है
  • पशु को जब पेट दर्द होता है तो वह बार – बार उठता बैठता है
  • पशु को पेट दर्द रहता है तो वह बार – बार पेशाब और गोबर करता है 
  • गाय को पेट दर्द होने पर उसका पेट फूल जाता है
  • गाय या भैंस को पेट दर्द होने पर उसका पेट फूलने लगता है
  • गाय अधिक पतला गोबर करने लगती है
  • पेट दर्द के दौरान पशु जुगाली नहीं करता
  • पेट दर्द के अंदर गाय या भैंस अक्सर दांत पीसती दिखाई दे सकती है
  • पशु को पेट दर्द होने पर उसके दूध देने की क्षमता प्रभावित होती है

गाय या भैंस के पेट दर्द का इलाज और दवा 

गाय को पेट दर्द होने पर उसका इलाज घर पर भी किया जा सकता है। इसके लिए कुछ दवाओं या घरेलू नुस्खों को आजमाया जा सकता है। आइए जानते हैं आखिर किस तरह कर सकते हैं गाय या भैंस के पेट दर्द का इलाज। 

  1. गाय या भैंस को अगर पेट दर्द की शिकायत है तो इसके इलाज के लिए पेट दर्द के कारण को पकड़ा जाता है। जैसे अगर पशु को पेट दर्द अफारा की वजह से हो तो पहले पशु से गैस कम करने की एंटीफोमिंग दवाएं दी जाती हैं।
  2. अगर गाय को पेट दर्द अफारा की वजह से ही है तो ऐसे में उसे साफ चारा और पानी भी खिलाया जाना चाहिए।
  3. पशु को अधिक पेट दर्द होने पर उसे दर्द निवारक दवाएं भी दी जा सकती हैं।
  4. पशु को अगर दस्त, कब्ज, और अन्य कारणों की वजह से पेट दर्द है तो दर्द को नियंत्रित करने के लिए इनके हिसाब से ही दवा दी जाती है।
  5. पशुपालक गाय या भैंस के पेट दर्द का इलाज खुद करने की कोशिश न करें। इसके लिए पहले डॉक्टर से संपर्क करें।

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टॉप की कटी बछड़ी तैयार ऐसे करे|Quality calf rearing/ Dairy Farming

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भैंस के दूध से कमाई करने वाले लोग अक्सर भैंस की कटड़ी को पालना सिरदर्दी समझते हैं। लेकिन आपको बता दें कि भैंस की कटड़ी की देखरेख अगर सही तरीके से की जाए तो महज 16 से  17 महीने में यह गर्भधारण करने को तैयार हो जाती हैं। आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि भैंस की कटड़ी को जल्दी – जल्दी तैयार कैसे किया जाता है।

इसके अलावा आप यह भी जानेंगे कि पहली ब्यात की भैंस गाभिन होने पर कितने तक की बेची जा सकती है। अगर आप डेयरी उद्योग से जुड़े हों या आपकी भैंस हाल ही के दिनों में ब्याई है तो यह लेख आपके लिए है। कटड़ी को तैयार कैसे करें इस सवाल का जवाब जानने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें। 

किस तरह करें कटड़ी तैयार 

देश के अधिकतर हिस्सों में भैंस के दूध की मांग बहुत अधिक रहती है। इसलिए ज्यादातर पशुपालक एक ब्याई हुई भैंस ही खरीदना पसंद करते हैं। लेकिन भैंस की कटड़ी की देखभाल ठीक से नहीं करते। ऐसा इसलिए क्योंकि कटड़ी से उन्हें तत्काल आर्थिक लाभ नहीं होता। लेकिन पशुपालक अगर जरा सूझबूझ से काम ले तो वह कटड़ी को तैयार कर कुछ ही समय में एक से डेढ़ लाख रुपए कमा सकते हैं। 

भैंस का दूध पिलाएं

भैंस के ब्याने के बाद अक्सर कटड़ी को रखते समय पशुपालक भाई उन्हें भैंस का दूध पीने नहीं देते, जिसकी वजह से कटड़ी का शरीर कमजोर रह जाता है और आगे चलकर भैंस गर्भधारण नहीं कर पाती। पशुपालक भाइयों को यह गलती बिल्कुल भी नहीं करनी है। बल्कि उन्हें भैंस के बच्चे को तीन माह तक रोजाना उसकी मां का दूध ही पिलाना है। इससे पशु पूरी तरह स्वस्थ रहेगा और जल्दी गाभिन हो सकेगा। 

पशु को छोड़ें खुला 

अमूमन सभी पशुपालन से जुड़े लोग भैंस की कटड़ी को हमेशा बांध कर रखते हैं। जिसकी वजह से कटड़ी तनाव में रहती है और उसका शारीरिक विकास सही तरह से नहीं होता। इसलिए पशु को जितनी देर हो सके खुले में छोड़ दें, हो सकें तो उनके लिए एक बाड़े का निर्माण कराएं ताकि वह आसानी से घूम सकें। ऐसा करने से पशु का शारीरिक विकास सही तरह से होगा और वह गर्भ धारण करने के लिए तैयार हो जाएगा। 

मालिश और चारा जरूरी 

इंसान की तरह ही भैंस की कटड़ी को भी अपने शुरुआती सालों में अधिक देखरेख की जरूरत होती है। इसमें पशुपालक भाइयों को सही मात्रा में चारा तो देना ही चाहिए। इसके अलावा पशु की समय – समय पर मालिश भी करनी चाहिए। ऐसा करने से भैंस का बच्चा तंदुरुस्त होगा और शारीरिक रूप से स्वस्थ होगा।

शेड का निर्माण 

भैंस के कटड़ी को मौसम की मार से बचाए रखना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए पशुपालक भाई उनके शेड का निर्माण सही तरह से कराएं। शेड में हवा की आवा जाही सही तरह से हो और उसमें पानी एवं चारे का इंतजाम भी हो। इसके अलावा शेड की सफाई भी समय – समय पर करते रहें। 

टीकाकरण करवाएं

भैंस की कटड़े को पैदा होने के बाद कई तरह के रोग हो सकते हैं। ऐसे में कटड़ी को इन रोगों से बचाने के लिए टीकाकरण जरूर करवाएं। टीकाकरण से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए अपने आस पास के डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर से ऑनलाइन संपर्क करने के लिए आप हमारी एनिमॉल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप के डाउनलोड करने का लिंक हम आपको नीचे देंगे। 

पहली ब्यात की भैंस की कीमत 

अगर आप कटड़ी को भैंस बनने तक का समय देते हैं और उसका प्रसव हो जाता है। ऐसे में भैंस की दूध की मात्रा के हिसाब से भैंस की कीमत तय हो सकती है। अगर भैंस 15 से 20 लीटर दूध देती है तो उसकी कीमत 1.5 लाख से लेकर 1.75 हजार रुपए तक हो सकती है। वहीं अगर दूध कम होगा तो कीमत भी कम रहेगी। 

हमें उम्मीद है कि कटड़ी की देखरेख की जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। अगर आप इसी तरह के लेख पढ़ना चाहते हैं या भैंस खरीदना और बेचना चाहते हैं तो आप हमारी ऐनिमॉल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। ऐप के जरिए आप पशु चिकित्सक से भी सहायता ले सकते हैं। ऐप डाउनलोड करने के लिए इस विकल्प को चुनें।  

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जानिए सरहिंद पशु मंडी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

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क्या आप एक अच्छी नस्ल का दुधारू पशु खरीदने का मन बना रहे हैं। अगर हां तो आपको बता दें कि यह लेख आपके लिए है। आज हम आपको पंजाब के लुधियाना शहर के सरहिंद पशु मंडी से जुड़ी जानकारी देने वाले हैं। यह विशाल पशु मंडी अच्छी नस्ल के पशुओं के लिए प्रसिद्ध है। इस मंडी के अंदर कारोबारी और पशुपालक को आपको दिखाई देंगे। 

यहां आपको हर तरह की गाय और भैंस मिल जाएगी। अगर आप एक दुधारू भैंस या गाय खरीदना चाहते हैं, तो आप इस मंडी में जा सकते हैं। लेकिन इस मंडी में जाने से पहले आपको कुछ खास जानकारियां जुटानी चाहिए। इस मंडी से जुड़ी हुई जानकारियां हम आपको अपने इस लेख में दे रहे हैं। चलिए विस्तार से जानते हैं सरहिंद की पशु मंडी से जुड़ी जानकारी। 

सरहिंद की पशु मंडी की विशेषता

पंजाब के लुधियाना में मौजूद इस मंडी के अंदर हजारों कारोबारी और पशुपालक आते हैं। इस मंडी के अंदर एक से बढ़कर एक पशु सही कीमत पर मिल जाते हैं। यह मंडी उन लोगों को अधिक लाभ दे सकती है, जो बड़ी संख्या में पशु खरीदना चाहते हैं। बताया जाता है कि सरहिंद पशु मंडी के अंदर ऐसे पशु भी आते हैं जिनकी दूध देने की क्षमता 50 से 80 लीटर तक है। ऐसे में अगर आप डेयरी उद्योग से जुड़े हैं और अपने कारोबार को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं, तो यह मंडी आपके बहुत काम आ सकती है।

सरहिंद मंडी में पशुओं से जुड़ी सावधानियां 

अगर आप सरहिंद मंडी में पशु खरीदने जा रहे हैं, तो इस दौरान आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना है। क्योंकि अगर आपने जरा लापरवाही की तो इससे आपको काफी नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं सरहिंद पशु मंडी में खरीदारी के समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। 

  • यहां आपको एक से एक पशु दिखाई देंगे। जिनकी दूध देने की क्षमता को लेकर आपसे झूठ बोला जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि पशुपालक भाई अपनी संतुष्टि के लिए दूध की मात्रा की जांच जरूर कर लें। 
  • पशुपालक भाई अक्सर कुछ अच्छी नस्ल की गाय या भैंस खरीदने के लिए ही इस मंडी में आते हैं। लेकिन कई बार कारोबारी क्रॉस नस्ल का पशु पशुपालक को बेच देते हैं। इसलिए जब भी पशु खरीदें तो उसकी नस्ल से जुड़ी जानकारी हासिल करें और उस नस्ल से मिलती जुलती चीजें दिखाई दे तो ही गाय या भैंस खरीदें। 
  • गाय या भैंस दूध कितनी मात्रा में देती है, यह जानकारी तो अमूमन सब पूछ लेते हैं। लेकिन बहुत से लोग पशु के दूध में फैट और एसएनएफ की मात्रा कितनी है। यह नहीं पूछते, जिसके चलते कई बार पशु दूध अधिक देता है। लेकिन उसमें फैट और एसएनएफ कम होने की वजह से उसकी गुणवत्ता इतनी बेहतर नहीं होती। जिसकी वजह से पशु का दूध कम बिकता है और पशुपालक को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।
  • पशुपालक मंडी में आते ही सीधा पशु न खरीदें। बल्कि पहले माहौल का जायजा लें और देख लें कि कौन व्यक्ति उन्हें कितने दाम पर पशु बेच रहा है। यह सब देखने के बाद ही पशु खरीदें। 

आशा करते हैं आपको सरहिंद पशु मंडी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मिल गई होंगी। अब अगर आप इस तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं या बिना किसी सिरदर्द के गाय या भैंस खरीदना बेचना चाहते हैं तो इसके लिए आप ऑनलाइन ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह काम आप हमारी Animall App के जरिए आसानी से कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आपका पशु बीमार है तो आप तुरंत ऐप के जरिए डॉक्टर से सहायता भी ले सकते हैं।  हमारी एनिमॉल ऐप डाउनलोड करने के लिए इस विकल्प पर क्लिक करें। 

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