जानें क्या है मिनी डेयरी योजना और इससे मिलने वाले लाभ?

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आजादी के 70 साल के बाद भी देश में किसानों और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति बहुत बुरी है। इसी स्थिति को सुधारने के लिए देश की सरकारें अक्सर कई योजनाएं चलाती रहती है। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों और पशुपालकों की आय को बढ़ाना होता है। ऐसी ही एक योजना है मिनी डेयरी योजना। 

इस योजना के अंतर्गत सरकार पशुपालन की इच्छा रखने वाले लोगों को अनुदान मुहैया करा रही है। इस अनुदान के जरिए पशुपालक डेयरी का कारोबार शुरू कर सकते हैं। आज हम अपने इस लेख में आपको मिनी डेयरी योजना से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां देंगे। अगर आप भी डेयरी उद्योग में पैर जमाने की सोच रहे हैं तो यह लेख आपके लिए है। आइए विस्तार से जानते हैं मिनी डेयरी योजना के बारे में। 

क्या है मिनी डेयरी योजना में खास

भारत के किसान और पशुपालन क्षेत्र से जुड़े हुए लोग मिनी डेयरी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के जरिए 10 गाय या भैंस खरीदने के लिए सरकार की ओर से अनुदान राशि दी जाएगी। इसके अलावा किसानों और पशुपालकों को गोबर से खाद बनाने में भी मदद मुहैया कराई जाएगी। यह योजना इसलिए शुरू की गई है ताकि भारत की दूध उत्पादन की मात्रा को बढ़ाया जा सके। 

कितने पशु पर कितना अनुदान 

मिनी डेयरी योजना के तहत मुहैया कराई जाने वाली अनुदान राशि अलग – अलग हो सकती है। अनुदान राशि इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितने पशुओं के साथ डेयरी खोलने की शुरुआत कर रहे हैं।

  • इस डेयरी योजना का लाभ दो तरह से लिया जा सकता है। अगर आपको 5 पशुओं के साथ डेयरी खोलनी है, तो अनुदान राशि अलग होगी और अगर 10 पशुओं के साथ डेयरी शुरू करनी है, तो अनुदान राशि अलग होगी।
  • मिनी डेयरी योजना के तहत अगर 5 पशुओं के साथ डेयरी शुरू करनी है, तो इसमें अनुदान राशि 50 प्रतिशत होगी। इसके अलावा बची हुई 50 प्रतिशत धनराशि बैंक से लोन में ली जा सकती है। यह लोन आप अपने आस पास के किसी भी सरकारी बैंक से ले सकते हैं। योजना के तहत आवेदनकर्ता को पहले चरण में 3 पशु खरीदने का पैसा बैंक के माध्यम से दिया जाएगा। इसके 6 महीने बाद 2 पशुओं के लिए आवेदनकर्ता को बैंक से लोन की राशि दी जाएगी। आपको बता दें कि योजना के तहत गाय या भैंस खरीदने के लिए 45 हजार रुपए दिए जाते हैं और पशुओं के बीमे के लिए 2 लाख रुपए की अनुदान राशि दी जाती है। 
  • अगर कोई पशुपालक 10 गाय या भैंस के साथ डेयरी खोलना चाहता है तो उसे इसके लिए 40 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाएगी। वहीं बची हुई 60 प्रतिशत धनराशि बैंक से लोन में लेनी होगी। योजना के पहले चरण में लाभार्थी को 5 पशु खरीदने के लिए अनुदान राशि दी जाएगी। वहीं इसके 6 महीने बाद बचे हुए पशु खरीदने के लिए आवेदनकर्ता को लोन दिया जाएगा। 

मिनी डेयरी योजना के फायदे

इस योजना के तहत पशुपालक और किसानों की आय को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा मिनी डेयरी योजना के जरिए भारत की दूध उत्पादन क्षमता को भी बेहतर किया जा सकेगा। यही नहीं ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लाखों बेरोजगार युवाओं को इससे काम करने के अवसर भी प्राप्त होंगे। 

मिनी डेयरी योजना के लिए आवेदन 

मिनी डेयरी योजना का लाभ लेने के लिए आपको अपने जिले के गव्य विकास पदाधिकारी से संपर्क करना होगा। इसके अलावा आप चाहें तो अपने नजदीक डेयरी पशु विकास केंद्र या जिला पशुपालन पदाधिकारी से भी योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यहां से आप आवेदन की प्रक्रिया को भी सही तरह से समझ जाएंगे। 

किसान और पशुपालक भाई हमारे ब्लॉग के अलावा ऐप से भी जुड़ सकते हैं। यह सभी जानकारी तो वह आप पर पा ही सकते हैं। इसके साथ ही सस्ते दामों पर पशु खरीद भी सकते हैं। अगर आप हमारी Animall App को डाउनलोड करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

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जानें क्या है गाय-भैंस की जेर गिराने का देसी उपाय

अगर आपने गाय या भैंस पाल रखी है, तो आपको उसका पूरा ध्यान रखने की जरूरत होती है। ऐसे में पशुओं के ब्याने के बाद उनका जेर गिरना काफी जरूरी होता है। लेकिन कई बार खुद से जेर नहीं गिरती है। आमतौर पर तो गाभिन पशुओं में ब्याने के कुछ ही घंटों में जेर खुद ही बाहर आ जाती है। लेकिन अगर 12 घंटों तक ऐसा नहीं होता है, तो देर गिराने के उपाय करने की जरूरत होती है। इस आर्टिकल में हम जेर गिराने के देसी उपाय और चिकित्सक उपायों के बारे में जानेंगे।

जब गाय या भैंस में जेर खुद नहीं गिरती है, तो इस स्थिति को जेर का रुकना या रिटेंड प्लेसेंटा कहते हैं। डेरी पशुओं में जेर के अटकने पर तुरंत इलाज करवाने की जरूरत होती है। सबसे पहले जानते हैं पशु में जेर अटकने के कारण।

जेर अटकने के कारण

  • गर्भपात
  • संक्रामक रोग जसे ब्रुसेल्लोसिस, केम्पाईलोबेकटेरी ओसिस आदि
  • पोषक तत्वों का असंतुलन
  • समय से पहले प्रसव
  • कष्टमय प्रसव

जेर न गिरने के क्या है लक्षण

  • जेर घुटनों तक लटकी रहती है
  • पशु के योनि द्वार से बदबूदार स्राव निकलता रहना
  • पशु का तापमान बढ़ना
  • गाय या भैंस की सांसें तेज होना
  • पशु के दुग्ध उत्पादन में कमी हो जाना
  • पशु में भूख की कमी हो जाती है

गाय-भैंस में जेर गिराने के उपाय

गाय-भैंस में जेर गिराने के देसी उपाय

  • अगर आपकी नई ब्याई भैंस या गाय की जेर नहीं गिर रही है तो उसे खुद की ही बाउली पिला दें। इससे पशु की जेर जल्दी गिर जाएगी, क्योंकि बाउली में दूध के मुकाबले कई गुणा ज्यादा खुराकी तत्व होते हैं। ऊर्जा का स्त्रोत होने के साथ-साथ इस में कैलशियम की भी काफी ज्यादा मात्रा होती है।
  • ब्याने के तुरंत बाद पशु को गुड़, सौंफ, अजवायन, मेथी, मिलाकर काढ़ा पिलायें। ये बच्चेदानी के संकुचित होने में भी सहायक होता है, इससे जेर जल्दी गिर जाएगी।
  • जेर ना गिरने में आटा, गुड़, सौंफ, इलायची और जीरा आदि को पशु की खुराक में मिलाकर खिलाएं। आटा और गुड़ ऊर्जा प्रदान करते हैं जो कि ब्याने के बाद सुस्त हुए पशु के लिए काफी जरूरी है। जबकि सौंफ पाचन प्रणाली को दुरूस्त रखती है।
  • अगर आपके पशु की जेर 12 घंटों में नहीं गिरी है तो उसे पीपल के पत्ते खिला दें। दरअसल पीपल के पत्तों में रेशा होता है, जो पशु का पेट भरने में मदद करता है।

जेर गिराने के चिकित्सक उपाय

कई बार ऐसा होता है कि आपकी गाय या भैंस के शरीर में जेर फंस जाती है। जिसके लिए आपको फिर चिकित्सक को बुलाने की जरूरत आ जाती है। लेकिन हमारे किसान भाई डॉक्टर की मदद लेने से डरते हैं। तो अब ऐसे में डरने की जरूरत नहीं है। आप डॉक्टर की मदद लेकर जेर गिरा सकते हैं।

ऐसा करने के लिए अटके हुए जेर को हाथ डालकर धीरे से खींचकर निकाला जाता है। इसे डॉक्टर के द्वारा ही करवाए क्योंकि इसमें थोड़ा खतरा रहता है। अंदर हाथ डालने के कारण गर्भाश्य में संक्रमण हो सकता है। जो पशु में बांझपन का कारण बन सकता है। ये रास्ता ब्याने के 12 घंटों के बाद ही अपनाएं।

अगर आप भी अपने पशु के लिए इस तरह की परेशानियों का समाधान खोज रहे हैं, तो अब कहीं और परेशान होने की जरूरत नहीं है। Animall ऐप पर आप चिकित्सक से बात कर सकते हैं। साथ ही अगर आप पशु खरीदने या बेचने का विचार कर रहे हैं तो उसके लिए भी Animall ऐप डाउनलोड करें।

 

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गाय भैंस के थन बढ़ाने के उपाय और अंग्रेजी दवा के बारे में जानिए

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भारत देश में पशुपालन करोड़ों लोगों की आय का जरिया है। लेकिन फिर भी इन पशुपालकों की कई समस्याओं के ऊपर कभी किसी की नजर नहीं जाती। ऐसे में पशुपालक अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए गलत तरीके तक अपनाने लगते हैं। पशुपालकों की ऐसी ही एक समस्या का समाधान हम अपने इस लेख में लेकर आए  हैं।

दरअसल हम बात कर रहे हैं गाय और भैंस के थनों को बढ़ाने के बारे में। बहुत से पशुपालक भाई अपनी गाय या भैंस के थन को बढ़ाने के घरेलू उपाय या दवा खोजते रहते हैं। पशुपालकों की इसी खोज पर हम पूर्ण विराम लगाने आए हैं। हम अपने इस लेख में आपको बताएंगे कि पशुपालक कौन सी दवा और घरेलू उपाय के जरिए गाय या भैंस के थन को बढ़ा सकते हैं।

गाय भैंस के थन बढ़ाने के घरेलू उपाय

गाय या भैंस का पालन करने वाले पशुपालक कुछ घरेलू उपाय के जरिए भी गाय के थनों के आकार को बढ़ा सकते हैं।

  • इसके लिए सबसे पहले पशुपालक भाइयों को कुछ नारियल लेने होंगे
  • अब इन नारियलों को छीलकर इन्हे बारीक पीसना होगा
  • इसके बाद प्रसव से ठीक एक महीने पहले अपनी गाय को रोजाना 150 ग्राम यह बारीक पिसा हुआ नारियल देना होगा
  • इसमें आपको 75 ग्राम नारियल सुबह के समय देना है और बचा हुआ 75 ग्राम नारियल शाम के समय खिलाना है
  • अगर नियमित रूप से आप प्रसव के समय तक गाय या भैंस को यह नारियल खिलाते रहते हैं, तो इससे पशु के थन का आकार बढ़ जाएगा

गाय या भैंस के थन बढ़ाने की दवा

एक पशुपालक जो दूध के जरिए ही अपनी आय अर्जित करता है। उसके लिए पशु के थन का आकार बहुत मायने रखता है। ऐसे में अगर आप गाय, भैंस, बकरी, भेड़ जैसे स्तनधारी जीवों के थनों का आकार भी बढ़ाना चाहते हैं तो आप इन्हें आसानी से बढ़ा सकते हैं। आपको बता दें कि थनों के आकार को बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी विटामिन एच होती है। आप अपने पशु को अगर विटामिन एच सही मात्रा और सही समय पर दें, तो इससे पशु के थनों का आकार चमत्कारी ढंग से बढ़ने लगता है। आइए जानते हैं किस पशु को कब और कितनी मात्रा में देनी चाहिए विटामिन एच की दवा।

  • विटामिन एच आपको पाउडर या तरल पदार्थ के रूप में आसानी से मिल जाएगी।
  • अगर आप तरल विटामिन एच की एक बोतल खरीदते हैं तो इसकी कीमत करीब 700 रुपए तक हो सकती है।
  • आप भैंस या गाय को पाल रहे हैं तो आप उन्हें प्रसव से 2 महीने पहले विटामिन एच की दवा देना शुरू कर सकते हैं
  • विटामिन एच की दवा के जरिए आपके पशु के थन का आकार 50 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। अगर ऐसा हो जाता है तो इससे आपके पशु की कीमत भी बढ़ जाएगी।
  • गाय या भैंस को प्रसव से कुछ समय पहले तक विटामिन एच देने से, उनकी बीमारियां भी कम होने लगती हैं।
  • अगर पशु के थन का आकार बढ़ जाए तो इससे उसकी दूध देने की क्षमता में भी इजाफा हो सकता है।

आपको बता दें कि भले ही यह पशु की दूध उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकता है। लेकिन फिर भी बिना डॉक्टर की राय के आप पशु को विटामिन एच, या कोई भी दवा न दे।

हम किसान और पशुपालक भाइयों के लिए ऐसी ही जानकारी रोजाना लाते रहते हैं। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो आप हमारे ब्लॉग को शेयर कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारे द्वारा बनाई गई Animall App को भी डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप पर आप पशुओं से जुड़ी जानकारी तो हासिल करेंगे ही। इसके साथ ही पशुओं के चिकित्सक से भी बात कर सकेंगे। यही नहीं हमारी ऐप के जरिए आप पशु खरीद और बेच भी सकते हैं। अगर आप Animall App डाउनलोड करना चाहते हैं तो इस विकल्प पर क्लिक करके कर सकते हैं।

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गाय भैंस का दूध बढ़ाने का घरेलू नुस्खा

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किसान और पशुपालक भाईयों के लिए गाय भैंस के दूध की गुणवत्ता और मात्रा दोनों ही मायने रखती हैं। अगर पशु के दूध की गुणवत्ता बेहतर होगी तो पशुपालक दूध के जरिए प्राप्त उत्पादों से अच्छी कमाई कर पाएंगे। वहीं अगर गाय या भैंस दूध अधिक मात्रा में देगी तो उसे बेचकर पशुपालक भाई अपनी आय को बढ़ा पाएंगे। 

इसलिए आज हम यह लेख लेकर आए हैं। अपने इस लेख में हम आपको भैंस और गाय का दूध बढ़ाने का घरेलू उपाय बताएंगे। अगर आप एक पशुपालक हैं और अपने पशु की कम दूध उत्पादन क्षमता से परेशान हो गए हैं, तो यह लेख आपके लिए है। आइए चलिए जानते हैं आखिर किस तरह घरेलू उपाय से भैंस और गाय के दूध की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है

गाय और भैंस के दूध बढ़ाने के घरेलू नुस्खे

किसान और पशुपालकों को दूध बढ़ाने के घरेलू नुस्खों के साथ कुछ बातों को भी ध्यान रखना होगा। इसमें सबसे पहला यह है कि पशु की सेहत का पूरा ध्यान रखें और उन्हें समय पर आहार दें। इसके अलावा पशु के रहने का इंतजाम भी अच्छी तरह करके रखें। आइए अब जानते हैं गाय और भैंस का दूध बढ़ाने का घरेलू उपाय। 

डिवर्मिंग हो सकता है घरेलू उपाय

गाय या भैंस जुगाली करते समय अक्सर कुछ ऐसी सामग्रियों को खा लेते हैं। जिसकी वजह से उनके पेट में कीड़े हो जाते हैं। यह कीड़े न केवल उन्हें अंदरूनी तौर पर कमजोर बना देते हैं। बल्कि उनकी दूध देने की क्षमता पर भी असर डालते हैं। ऐसे में पशुपालक भाई गाय के दूध को बढ़ाने के लिए उन्हें कीड़े मारने की दवा जरूर दें। यह दवा अपने पशु को हर 6 महीने के अंदर देनी चाहिए। ऐसा करने से पशु स्वस्थ रहेंगा और उसकी दूध देने की क्षमता बेहतर हो जाएगी। 

खली और दलिया 

पशु आहार को सही करने पर भी दूध की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। अगर आप अपने पशु को नियमित रूप से दलिया और खली को मिलाकर देते रहें, तो इससे गाय के दूध देने की क्षमता में इजाफा होगा। लेकिन ध्यान रहे कि यह आहा गाय या भैंस को केवल शाम के समय ही दें।  

सरसों के तेल से बढ़ाए गाय का दूध 

भारत के अंदर ज्यादातर घरों के अंदर सरसों के तेल का उपयोग किया जाता है। अगर यही सरसों का तेल गाय या भैंस को खली के अंदर मिलाकर दिया जाए, तो इससे गाय अधिक दूध देने लगती है। 

पशु का दूध बढ़ाने वाली चॉकलेट 

हम सभी ने चॉकलेट का सेवन तो किया ही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाय या भैंस का दूध बढ़ाने के लिए भी एक चॉकलेट आ चुकी है। दरअसल भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान ने एक ऐसी चॉकलेट को तैयार किया है। जिसके जरिए गाय या भैंस के दूध देने की  क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इस चॉकलेट में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक और कॉपर आदि मिलाया गया है। चॉकलेट के यही गुण गाय के दूध की उत्पादकता को बढ़ाते हैं। 

पानी से बढ़ाएं गाय के दूध की मात्रा 

हम इंसानों के शरीर के लिए जिस तरह पानी जरूरी होता है। उसी तरह गाय भैंस और अन्य पशुओं के लिए भी पानी बेहद जरूरी होता है। अगर आप अपने पशुओं को उचित मात्रा में पानी देते हैं, तो इससे उसके दूध देने की मात्रा बढ़ जाती है। 

अपने पशुपालक भाइयों के लिए हम ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियां लाते रहेंगे। अगर आप एक पशुपालक हैं और अपने पशु की उत्पादकता को बढ़ाना चाहते हैं या स्वस्थ रखना चाहते है, तो इसके लिए आप हमारी Animall App को डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप के माध्यम से आप  न केवल विशेषज्ञों की मदद ले सकते हैं। बल्कि ऐप के माध्यम से बेहतर दूध उत्पादन क्षमता के पशु खरीद या बेच भी सकते हैं।  Animall App को डाउनलोड करने के इस लिंक पर क्लिक करें।

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पढ़ें गाय-भैंस के पेट दर्द की दवा और इलाज की संपूर्ण जानकारी

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एक सही आहार ही स्वस्थ रहने का जरिया है, यह बात जितनी इंसानों पर लागू होती है। उतनी ही पशुओं पर लागू होती है। वहीं इंसान तो अपनी तकलीफ या परेशानी बता सकते हैं। लेकिन पशु ऐसा नहीं कर पाते। ऐसे में पशुपालकों को उनकी समस्या का अंदाजा उनके व्यवहार से ही लगाना पड़ता है। आज हम पशुपालकों की ऐसी ही एक दिक्कत को दूर करने वाले हैं।

हम अपने इस लेख में गाय और भैंस के पेट दर्द के इलाज से जुड़ी जानकारी साझा करेंगे। अगर आप एक पशुपालक हैं और गाय, भैंस के पेट दर्द के लक्षण, कारण या इलाज जानने की कोशिश कर रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। आइए पशुओं के पेट दर्द होने की वजह और इसके इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं।

गाय या भैंस को पेट दर्द होने का कारण 

एक पशुपालक गाय या भैंस को होने वाले पेट दर्द को केवल तभी ठीक कर सकता है। जब उसे पशु के पेट दर्द का कारण पता हो। अगर पशु के पेट दर्द का कारण न पता हो तो इसका उपचार करना लगभग असंभव हो जाता है। आइए जानते हैं पेट दर्द के कुछ मुख्य कारणों के बारे में। 

  • गाय या भैंस को होने वाले कोलिक पेट दर्द का मुख्य कारण अफारा हो सकता है। आपको बता दें कि अफारा पशु को तब होता है जब उसे गंदा खाना, गंदा पानी, अधिक अनाज, खिलाया गया हो। इसके अलावा अगर पशु ने कोई कपड़ा या पोलेथीन निगल ली हो तो भी गाय को पेट दर्द हो सकता है। 
  • अगर गाय को ऐसा आहार दिया गया है, जिसे पचाना बहुत ज्यादा मुश्किल हो, तो इसकी वजह से भी पशु को पेट दर्द हो सकता है। इसके अलावा गाय की आंत में संक्रमण की वजह से भी उसे पेट दर्द हो सकता है। यही नहीं कब्ज होने के कारण भी गाय या भैंस को पेट दर्द हो सकता है। इसके अलावा कई दूसरे कारण भी है जिसकी वजह से गाय या भैंस को पेट दर्द की समस्या हो सकती है।  

गाय या भैंस में पेट दर्द के लक्षण

गाय या भैंस को अगर किसी तरह की समस्या या तकलीफ होगी तो उनके व्यवहार को देखकर समझा जा सकता है। वहीं जब पशु को पेट दर्द हो तो उसके कुछ लक्षण जो देखें जा सकते हैं, वह कुछ इस प्रकार हैं। 

  • भैंस या गाय के पेट में दर्द रहने पर वह पेट पर जोर – जोर से लात मारती है
  • पशु को जब पेट दर्द होता है तो वह बार – बार उठता बैठता है
  • पशु को पेट दर्द रहता है तो वह बार – बार पेशाब और गोबर करता है 
  • गाय को पेट दर्द होने पर उसका पेट फूल जाता है
  • गाय या भैंस को पेट दर्द होने पर उसका पेट फूलने लगता है
  • गाय अधिक पतला गोबर करने लगती है
  • पेट दर्द के दौरान पशु जुगाली नहीं करता
  • पेट दर्द के अंदर गाय या भैंस अक्सर दांत पीसती दिखाई दे सकती है
  • पशु को पेट दर्द होने पर उसके दूध देने की क्षमता प्रभावित होती है

गाय या भैंस के पेट दर्द का इलाज और दवा 

गाय को पेट दर्द होने पर उसका इलाज घर पर भी किया जा सकता है। इसके लिए कुछ दवाओं या घरेलू नुस्खों को आजमाया जा सकता है। आइए जानते हैं आखिर किस तरह कर सकते हैं गाय या भैंस के पेट दर्द का इलाज। 

  1. गाय या भैंस को अगर पेट दर्द की शिकायत है तो इसके इलाज के लिए पेट दर्द के कारण को पकड़ा जाता है। जैसे अगर पशु को पेट दर्द अफारा की वजह से हो तो पहले पशु से गैस कम करने की एंटीफोमिंग दवाएं दी जाती हैं।
  2. अगर गाय को पेट दर्द अफारा की वजह से ही है तो ऐसे में उसे साफ चारा और पानी भी खिलाया जाना चाहिए।
  3. पशु को अधिक पेट दर्द होने पर उसे दर्द निवारक दवाएं भी दी जा सकती हैं।
  4. पशु को अगर दस्त, कब्ज, और अन्य कारणों की वजह से पेट दर्द है तो दर्द को नियंत्रित करने के लिए इनके हिसाब से ही दवा दी जाती है।
  5. पशुपालक गाय या भैंस के पेट दर्द का इलाज खुद करने की कोशिश न करें। इसके लिए पहले डॉक्टर से संपर्क करें।

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