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डेयरी जगत और इस उद्योग को बल देने में छोटे पशुपालकों का भी बहुत बड़ा योगदान होता है। लेकिन कई बार इन पशुपालकों पर बहुत सी समस्याएं आन पड़ती है। जिनमें से सबसे खतरनाक होती है पशु के बीमार पड़ने की या उसे किसी तरह की दिक्कत होने की। ऐसी ही एक दिक्कत है जो गाय और भैंस में देखी जाती है। जिसे डाउनर काऊ सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है।
इस स्थिति में मौजूद पशु अक्सर अपने खड़े होने की क्षमता खो देता है। ऐसे में पशु कई बार अनुपयोगी तक हो जाता है। आज हम यही जानेंगे कि आखिर क्यों ऐसा होता है और इस डाउनर काऊ सिंड्रोम समस्या का क्या उपचार किया जा सकता है। अगर आप एक पशुपालक हैं और गाय या भैंस पालते हैं तो ये लेख और वीडियो आप इस पर अंत तक बने रहें। इससे आपको इस समस्या का कारण और उपचार दोनों पता चल जाएंगे।
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किस नस्ल की गाय में होता है डाउनर काऊ सिंड्रोम
यूं तो डाउनर काऊ सिंड्रोम की समस्या गाय और भैंस में देखी जा सकती है। लेकिन ज्यादातर ये समस्या एचएफ नस्ल की गाय और उन गायों में होती है जिसके अंदर एचएफ नस्ल के सीमेन का इस्तेमाल किया गया हो।
कब होता है डाउनर काऊ सिंड्रोम
ये स्थिति एचएफ गाय में ब्याने के बाद पैदा होती है। वह भी तब जब गाय के शरीर में फास्फोरस और प्रोटीन और कैल्शियम की कमी हो जाए। इस बीमारी को ठीक करने के लिए शुरुआती लक्षणों की पहचान होना बहुत ज्यादा जरूरी है।
डाउनर काऊ सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं
जब किसी गाय को डाउनर काओ सिंड्रोम की समस्या होती है तो वह अधिक देर तक खड़ी नहीं रह पाती और खाना पीना भी ठीक से नहीं करती। अगर आपको ये लक्षण गाय में नजर आए तो सावधान हो जाएं और तुरंत इसकी उपचार प्रक्रिया प्रारंभ कर दें।
लक्षण दिखने पर पशुपालक क्या करें
- गाय को कुछ – कुछ देर में हिलाते डुलाते रहें।
- गाय के लिए ऐसी व्यवस्था करें कि वह किसी चीज के सहारे खड़ी रहे।
- गाय के नीचे एक मुलायम बिस्तर या भूसा बिछा दें और समय समय पर इसकी सफाई करते रहें।
- गाय को तालाब के पानी में ले जाएं ताकि गाय पैरों की मूवमेंट करती रहे।
- अगर गाय को कैल्शियम और फास्फोरस के डोज दे रहे हैं तो ये काम बिना डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
- इन सब के अलावा गाय के खाने पीने का सही तरह ध्यान रखें और उनका दूध समय – समय पर निकालते रहे। इसके अलावा दूध दुहने के बाद थनों की अच्छी तरह सफाई करें।
गाय को इस रोग से बचाने के लिए गर्भावस्था से लेकर प्रसव के समय तक गाय के आहार को अच्छा रखें और अगर पशु को मिल्क फीवर आदि की समस्या है तो इसका तुरंत इलाज कराएं। आपके द्वारा उठाए गए ये छोटे छोटे कदम आपकी गाय को स्वस्थ रखेंगे।
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