डेयरी उद्योग से लेकर टीवी में दिखाई देने वाले कार्टून तक में, आपने काले और सफेद रंग के निशान वाली गाय जरूर देखी होगी। इसी गाय को एचएफ गाय के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि एचएफ का पूरा नाम होल्सटीन फ्रिसियन है और इसे डेयरी उद्योग की जान तक कहा जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एचएफ गाय की नस्ल एक ब्यात में 5600 लीटर से ज्यादा दूध देने की क्षमता रखती है और यही कारण भी है कि ये डेयरी उद्योग से जुड़े पशुपालकों के बीच काफी प्रसिद्ध है। आज हम आपको अपने इस लेख के अंदर एचएफ गाय की पहचान, एचएफ गाय कितना दूध देती है और एचएफ गाय की कीमत कितनी है ये सारी जानकारियां आपको देंगे। अगर आप एचएफ गाय से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं या एच एफ गाय पालन करना चाहते हैं, तो लेख पर पर अंत तक बने रहें।
अंतर्वस्तु : |
---|
1. एचएफ गाय नस्ल कहां पाई जाती है |
2. एचएफ गाय की पहचान क्या है |
3. एचएफ गाय की विशेषताएं |
4. एचएफ गाय के दूध की विशेषताएं |
5. एचएफ गाय पालन कैसे करें |
6. एचएफ गाय का आहार और उसकी मात्रा |
7. गाभिन एचएफ गाय का ध्यान कैसे रखें ? |
8. एचएफ गाय का दूध कैसे बढ़ाएं ? |
9. एचएफ गाय के रोग और उनके इलाज |
10. एचएफ गाय कहां से खरीदें और कहां बेचें ? |
11. एचएफ गाय की कीमत कैसे तय करें ? |
एच एफ गाय सबसे पहले होलैंड में पाई गई थी। इसके बाद ये अमेरिका में ले जाई गई और आज के समय में अकेले अमेरिका में 10 में से 9 डेयरियों में एचएफ गाय ही रखी जाती हैं। यही नहीं आज दुनियाभर में काफी बड़े स्तर पर किया जाता है।
एच एफ गाय की पहचान मुख्य तौर पर उसके रंग से की जाती है। एच एफ नस्ल की गाय सफेद और काले रंग की होती है, इनके सफेद शरीर पर या तो काले रंग के धब्बे दिखाई देंगे या फिर ये काले रंग की होगी और सफेद रंग के धब्बे मौजूद होंगे। ये गाय कद काठी में ऊंची होती हैं और इनका शरीर भी काफी तगड़ा होता है। इसके अलावा एच एफ गाय के शरीर की चमड़ी काफी कसी हुई चमकदार होती है। एच एफ गाय का औसतन वजन 580 किलोग्राम तक हो सकता है।
एच एफ नस्ल की गाय दुनिया में सबसे ज्यादा दूध देने वाली नस्लों में से एक है। आपको बता दें कि एच एफ गाय की नस्ल दुनिया की इकलौती ऐसी नस्ल है, जिसके बुल का ऐसा सीमेन मौजूद है, जिससे केवल बछड़ियां ही पैदा हो सकती है। ये गाय एक ब्यात में 5600 से 10 हजार लीटर तक दूध में दे देती हैं। इसके अलावा ये गाय एक ठंडे प्रदेश की गाय है लिहाजा इसे गर्म स्थान में रखने से इसकी दूध उत्पादकता घट सकती है।
एच एफ गाय के दूध का सेवन आज दुनियाभर में किया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि जर्सी गाय की तरह ही एचएफ गाय के दूध में ए 1 प्रोटीन पाया जाता है, जिसकी वजह से कई रोग होने का खतरा होता है, इसलिए इस गाय के दूध को फिल्ट्रेशन के बाद ही बाजार में भेजा जाता है। इसके अलावा बात करें कि एचएफ गाय कितना दूध देती है तो ये इस नस्ल की शुद्धता पर निर्भर करता है वैसे औसतन एक एचएफ गाय रोजाना 15 से 70 लीटर तक दूध दे सकती है। वहीं बात करें एचएफ गाय एक ब्यात में कितना दूध दे सकती है तो बता दें कि ये गाय एक ब्यात में 5600 से 10 हजार लीटर तक दूध दे सकती है।
एचएफ गाय की उत्पादकता को बेहतर बनाए रखने के लिए एचएफ गाय पालन ठीक से करने की जरूरत है। इसके लिए सबसे पहले एचएफ गाय के रहने के स्थान को ठीक करना चाहिए। एचएफ ऐसा होना चाहिए जहां हवा की आवाजाही बनी रहे। इसके अलावा ये ठंडे इलाके से आती हैं इसलिए गर्मियों के दौरान इनके शरीर को ठंडा रखने के लिए कूलर या अन्य इंतजाम करने चाहिए। एचएफ गाय के रहने का स्थान जमीन से थोड़ा उठाकर बनाएं ताकि बारिश के दौरान पशुशाला में पानी न भर जाए।
एचएफ गाय की नस्ल यूं तो एक ऐसी नस्ल है, जो दूध अधिक मात्रा में देती है, लेकिन अगर एचएफ गाय का आहार अच्छा न हो तो इनकी दूध देने की क्षमता लगातार घटती रहती है। इसलिए इन्हें आहार उचित मात्रा में देना चाहिए। अब आप सोच रहे होंगे कि एच एफ , तो बता दें कि एचएफ गाय को रोजाना 25 किलो हरा चारा और 3 से 6 किलो सूखा चारा खिलाना चाहिए। वहीं अगर एचएफ अपने पीक पर है और दूध अधिक दे रही है तो इस दौरान आहार की मात्रा को थोड़ा बढ़ाया जाना चाहिए। हरे चारे और सूखे चारे के अलावा, दाना मिश्रण, नमक और मिनरल मिक्सचर भी एचएफ गाय को देना चाहिए।
एक साधारण एचएफ और गाभिन एचएफ गाय का रखरखाव काफी अलग ढंग से किया जाना चाहिए। अगर ऐसा न किया जाए तो इसकी वजह से एचएफ का होने वाला बच्चा काफी कमजोर हो सकता है और गाय की दूध उत्पादकता भी कम रह सकती है। वहीं कई बार तो गाभिन एचएफ का ध्यान सही से न रखने पर गर्भपात तक की समस्या हो सकती है। आइए जानते हैं कि एचएफ
एचएफ गाय की पहली बार हीट साइकिल या मद चक्र 24 से 30 महीने के बाद आता है। इसके बाद गाय पहली बार गाभिन होने के लिए तैयार हो जाती है। वहीं इसके बाद एचएफ गाय हर 18 से 21 दिन के बाद हीट में आती है। लेकिन अगर एचएफ एक बार गाभिन हो जाए तो उसके बाद वह प्रसव के 45 दिन बाद फिर से हीट में आती है। ये साइकिल इसी तरह चलती रहती है।
एचएफ गाय को गाभिन करने के लिए सबसे सही समय तब होता है जब । वहीं हीट के बाद ब्रीड कराने के लिए दो विकल्प मौजूद हैं, जिनमें से एक है बैल और दूसरा है एआई (AI) । इनमें से किसी भी तरह से एचएफ गाय को गाभिन करवाया जा सकता है, सटीक परिणाम के लिए आपको एआई (AI) का सहारा लेना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे कि AI किसी प्रशिक्षित व्यक्ति के जरिए ही करवाएं।
एचएफ गाय हो या कोई अन्य नस्ल, प्रसव के समय की गई किसी भी तरह की गलती या लापरवाही गाय और बच्चे दोनों को मौत की नींद सुला सकती है। ऐसे में हर पशुपालक को ये पता होना चाहिए कि एचएफ गाय के प्रसव के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
एचएफ गाय की उत्पत्ति जिस प्रांत या देश से हुई है वहां का तापमान काफी कम रहता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति एचएफ गाय को पालने का विचार बना रहा है तो ध्यान रहे इन्हें ठंडी जगह पर ही पालें। वहीं अगर गर्म जगह पर इन्हें पालना हो तो इनके लिए उचित इंतजाम करके रखें ताकि इनकी दूध उत्पादकता बिल्कुल भी न घटे।
एचएफ ये सवाल कई लोगों के दिमाग में आता है। अगर आप भी इस सवाल का जवाब खोज रहे हैं तो बता दें कि एचएफ गाय का दूध कई तरीकों से बढ़ाया जा सकता है। लेकिन ये सभी तरीके इस बात पर निर्भर करते हैं कि एचएफ गाय का दूध कम क्यों हुआ है। आइए आपको बताते हैं कि एचएफ गाय को क्या खिलाएं जिससे उसका दूध बढ़ने लग जाए।
एचएफ गाय का दूध बढ़ाने के लिए उसे ऐसा आहार खिलाना चाहिए जिसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक हो जैसे सोयाबीन, दलहनी का चारा, मक्के का चारा, हरा चारा, आदि। इसके अलावा गाय को खली, दाना मिश्रण जैसी खाद्य सामग्री भी खिला सकते हैं। इसके साथ ही अगर गाय तनाव में हो या किसी सफर से आई हो तो उसे पिलाएं। आपको बता दें कि एचएफ गाय के दूध को बढ़ाने के लिए ये सबसे जरूरी चीजें हैं। इसके अलावा अगर गाय का दूध इस तरह न बढ़े तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
एचएफ गाय एक विदेशी गाय है और भारत में इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है। जिसकी वजह से इन्हें कई तरह के रोग लग सकते हैं। ऐसे में इन रोगों से बचने का क्या तरीका है और इनका इलाज क्या है, इसके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।
एचएफ नस्ल की होने का खतरा अधिक होता है। ये रोग गाय में बारिश के दौरान तेजी से फैलता है। आपको बता दें कि गलघोंटू Pasteurella multocida नाम के जीवाणु की वजह से होता है। इस रोग के दौरान गाय को तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। वहीं अगर गलघोंटू रोग के शुरुआती लक्षणों के बाद इलाज न कराया जाए तो इसकी वजह से पशु की मौत भी हो सकती है। इस रोग के इलाज हेतु तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
ये रोग भी गाय में बारिश या मानसून के दौरान होता है। इस रोग के अंदर पशु के खुर और मुंह के अंदर दाने हो जाते हैं और कुछ ही दिन में ये फट जाते हैं। जिसकी वजह से पशु के शरीर में ये रोग फैलने लगता है। इस रोग के दौरान पशु को एंटी इंफ्लेमेटरी दवा दी जाती है और पशु की स्थिति के हिसाब से इलाज भी किया जाता है।
एचएफ गाय की नस्ल में थनैला रोग होने का खतरा काफी अधिक रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये गाय अधिक मात्रा में दूध देती है। आपको बता दें कि इस रोग के होने के कई कारण हो सकते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं।
थनैला रोग का उपचार केवल तभी संभव है जब इस रोग के शुरुआती लक्षणों का पता चल जाए। आपको बता दें कि थनैला के होने पर पशु के थनों में गांठ पड़ जाती है, थनों से निकलने वाला दूध फटा हुआ होता है, दूध निकालते समय धार फटने लगती है या उसमे छर्रे आने लगते हैं। इस रोग के दौरान पशु चिकित्सक गाय को लैक्टामेज़ - प्रतिरोधी पेनिसिलिन नाम की दवा देते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि ये दवा केवल डॉक्टर के कहने पर ही पशु को दें।
एचएफ नस्ल को थनैला रोग से बचाने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जो कुछ इस प्रकार हैं।
एचएफ नस्ल की गाय को गंभीर एवं मौसमी रोगों से बचाने के लिए टीकाकरण कराया जाता है। ये टीके गाय को गलघोंटू, खुरपका मुहंपका जैसी बीमारियों से बचाकर रखते हैं।
एचएफ गाय की डीवॉर्मिंग समय - समय पर करानी चाहिए वरना इसकी वजह से गाय गाभिन नहीं हो पाती। गाय जब गाभिन हो तो डॉक्टर की सलाह पर दवा के जरिए डीवॉर्मिंग कराएं। इसके अलावा हर 6 महीने में गाय की डीवॉर्मिंग कराना जरूरी है ताकि उसकी उत्पादकता बनी रहे और वह अंदरूनी तौर पर भी स्वस्थ रहे।
एचएफ नस्ल की गाय आपको पशु मेले या पशु मंडी में मिल जाएगी। लेकिन इसमें आपको काफी परेशानी हो सकती है। वहीं दूसरा विकल्प है कि आप एचएफ गाय को खरीदने के लिए Animall ऐप का इस्तेमाल करें। आपको बता दें कि इसमें केवल आपको ऐप को डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन करना है। इसके बाद आप गाय खरीद पाएंगे।
सबसे सस्ती एचएफ गाय खरीदने का विकल्प भी आपको Animall ऐप पर ही मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इस ऐप हर रोज हजारों की संख्या में बिकाऊ एचएफ गाय की लिस्टिंग अपलोड होती है। ऐसे में यहां आपको सबसे सस्ती एचएफ गाय आसानी से मिल जाएगी।
एचएफ उसके शारीरिक स्वास्थ्य की जांच जरूर कर लें, क्योंकि कई बार गाय का दूध तो ज्यादा होता है लेकिन रोगों की वजह से वह कमजोर होती है। इसके अलावा एचएफ गाय के थन, दूध, ब्यात की अच्छी तरह से जांच करें। इसके साथ ही गाय की उम्र और एचएफ गाय की पहचान भी आपको पता होनी चाहिए।
एचएफ गाय की कीमत तय करने के लिए उसके दूध की मात्रा का पता होना चाहिए। इसके साथ ही आपको ये भी पता होना चाहिए कि गाय कौन सी ब्यात में है और गाय के साथ बछड़ा है या बछड़ी। आपको बता दें कि गाय अगर दूसरे तीसरे ब्यात में होती है और दूध अधिक देती है तो उसकी कीमत अधिक होती है। वहीं अगर साथ में बछड़ी हो तो गाय की कीमत और ज्यादा बढ़ जाती है। एचएफ नस्ल की गाय आपको Animall ऐप पर 30 हजार से लेकर 60 हजार तक मिल जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब |
---|
एचएफ गाय प्रतिदिन कितना खाती है ? उत्तरएचएफ गाय प्रतिदिन 20 से 25 किलो हरा चारा और 3 से 5 किलो सूखा चारा खाती है। इसके अलावा अगर गाय दूध अधिक दे रही है तो आहार की मात्रा बढ़ भी सकती है। |
एचएफ गाय कितने महीने दूध देती है ? उत्तरएचएफ गाय 270 से 290 दिन तक दूध दे सकती है। |
एचएफ गाय की उम्र कितनी है ? उत्तरएचएफ गाय 15 - 16 साल तक ही जीवित रहती है। |
एचएफ गाय कितने लीटर दूध दे सकती है ? उत्तरएचएफ गाय एक दिन में 30 से 70 लीटर तक दूध दे सकती है। वहीं एक ब्यात में ये अधिकतम 10 हजार लीटर तक भी दूध दे सकती है। |
To improve the lives of dairy farmers in a meaningful way by making dairy farming significantly more profitable. Further, more than 15,00,000+ cattle have been sold through Animall which amounts to INR 7500cr+ of GTV. Our dairy farmers have rated us 4.8 out of 5 and 65%+ of them refer Animall to at least one friend monthly.