बछडी(calf) कैसे तैयार करें ?

नवजात बछड़े को दिया जाने वाला सबसे पहला और सबसे जरूरी आहार है मां का पहला दूध, अर्थात् खीस। खीस का निर्माण मां के द्वारा बछड़े के जन्म से 3 से 7 दिन बाद तक किया जाता है और यह बछड़े के लिए पोषण और तरल पदार्थ का प्राथमिक स्रोत होता है। यह बछड़े को आवश्यक प्रतिपिंड भी उपलब्ध कराता है जो उसे संक्रामक रोगों और पोषण संबंधी कमियों का सामना करने की क्षमता देता है। यदि खीस उपलब्ध हो तो जन्म के बाद पहले तीन दिनों तक नवजात को खीस पिलाते रहना चाहिए।

जन्म के बाद खीस के अतिरिक्त बछड़े को 3 से 4 सप्ताह तक मां के दूध की आवश्यकता होती है। उसके बाद बछड़ा वनस्पति से प्राप्त मांड और शर्करा को पचाने में सक्षम होता है। आगे भी बछड़े को दूध पिलाना पोषण की दृष्टि से अच्छा है लेकिन यह अनाज खिलाने की तुलना में महंगा होता है। बछड़े को दिए जाने वाले किसी भी द्रव आहार का तापमान लगभग कमरे के तापमान अथवा शरीर के तापमान के बराबर होना चाहिए।

बछड़े को खिलाने के लिए इस्तेमाल होने वाले बरतनों को अच्छी तरह साफ रखें। इन्हें और खिलाने में इस्तेमाल होने वाली अन्य वस्तुओं को साफ और सूखे स्थान पर रखें।

पानी का महत्व

ध्यान रखें हर वक्त साफ और ताजा पानी उपलब्ध रहे। बछड़े को जरूरत से ज्यादा पानी एक ही बार में पीने से रोकने के लिए पानी को अलग-अलग बरतनों में और अलग-अलग स्थानों में रखें।

खिलाने की व्यवस्था

बछड़े को खिलाने की व्यवस्था इस बात पर निर्भर करती है कि उसे किस प्रकार का भोज्य पदार्थ दिया जा रहा है। इसके लिए आमतौर पर निम्नलिखित व्यवस्था अपनाई जाती है:

  • बछड़े को पूरी तरह दूध पर पालना
  • मक्खन निकाला हुआ दूध देना
  • दूध की बजाए अन्य द्रव पदार्थ जैसे ताजा छाछ, दही का मीठा पानी, दलिया इत्यादि देना
  • दूध के विकल्प देना
  • काफ स्टार्टर देना
… और पढ़ें arrow

क्या है भैंस और गाय के चारा न खाने का कारण, कैसे करें इलाज?

दुधारू पशुओं के लिए अच्छा चारा खाना बेहद जरूरी होता है। जब आपकी गाय या भैंस अच्छे से चारा खाती है, तो उसके दूध देने की क्षमता भी उतनी ही बेहतर हो जाती है। लेकिन तब क्या करें जब पशु खाना-पीना कम कर दें। पशु में भूख और प्यास की कमी हो जाती है, जिस वजह से वो कमजोर होने लग जाता है। इसका सीधा असर उसके दूध देने की क्षमता पर होता है।

पशु खुद से तो भूख न लगने के कारण बोलकर नहीं बता पाता है। इसलिए हमें ही ये समझना होगा कि क्या है आपकी भैंस या गाय के चारा न खाने का कारण। इसके कई कारण हो सकते हैं, तो चलिये सबसे पहले जानते हैं कि आखिर क्यों पशु में भूख की कमी होने लगती है। और साथ ही जानेंगे की इसका उपाय क्या है।

गाय के चारा ने खाने के कारण

  • पाचन क्रिया में गड़बड़ी

गाय के चारा न खाने का कारण अगर जानें तो उसमें सबसे बड़ा पाचन क्रिया में कुछ गड़बड़ी होना होता है। बहुत बार ऐसा होता है कि पशु दूषित खाना खा लेता है, या फिर पशुपालक भी उसे सड़ा-गला खाना दे देते हैं। इतना ही नहीं अगर पशु गंदा पानी भी पी लेगा, तो उसकी वजह से भी उसकी पाचन क्रिया में खराबी हो सकती है। जिसकी वजह से उसकी भूख मर सकती है। जब भी आपकी गाय या भैंस के पाचण क्रिया में गड़बड़ी होगी, तो वो घास चरने की जगह पर एक जगह पर बैठना पसंद करेगी।

कई बार पशुओं को अधिक मात्रा में ऐसा खाना दिया जाता है, जो उनके रोज के आहार में शामिल नहीं होता है। इससे उन्हें अपच की शिकायत हो सकती है और भूख में कमी आ सकती है। जब भी ऐसी स्थिति आए तो तुरंत ही पशु का इलाज कराना जरूरी होता है। बीमार पशु को 5 से 10 ग्राम हीमेटिक पाउडर दिन में 2 बार पानी में मिला कर दें।

  • खनिज पदार्थों की कमी

पशु में जब खनिज पदार्थों की कमी होने लगती है, तो भी उसे भूख की कमी होने लगती है। दरअसल जब गाय या भैंस में कैल्शियम, विटामिन जैसे पदार्थों की कमी होने लग जाती है, तो वो जुगाली करना कम कर देते हैं। जिसकी वजह से भूख कम लगने लगती है। दरअसल इन खनिज पदार्थों से ही पशुओं को ऊर्जा मिलती है। तो ध्यान रखें की जब भी अपनी गाय या भैंस को आहार दें तो वो खनिज से भरपूर होना चाहिये। उन्हें उचित मात्रा में यूरिया, नमक, दाना, चोकर दें।

  • जीवाणु (बैक्टीरिया) के कारण

बहुत बार पशु जीवाणु के संक्रमण की वजह से बीमार हो जाता है। वो चारा खाना कम कर देता है। बेहतर रहेगा कि ऐसी स्थिति में डॉक्टर की ही सलाह जल्दी ही ली जाए। दरअसल जीवाणु का संक्रमण शरीर में बेहद जल्दी फैलता है। साथ ही ये बाकी पशुओं को भी बीमार कर सकता है। इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवा दी जाती है।

कैसे बढ़ाएं गाय या भैंस की भूख

मिनरल मिक्सचर खिलाने के फायदे

अगर आप अपने पशुओं को मिनरल मिक्सचर खिलाते हैं, तो उससे उनके शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी नहीं होती है। ये गाय या भैंस के रोग प्रतिरोधी तंत्र को भी काफी ज्यादा मजबूत करता है। पशु जितना ज्यादा पौष्टिक आहार खाएगा, उतना ज्यादा उसे बीमारी होने का खतरा कम होगा। मिनरल मिक्सचर से पशुओं में गर्भपात भी नहीं होता है। इसलिए पशु चिकित्सक भी इसे रोजाना खिलाने की सलाह देते हैं।

कीड़े की दवा है अचूक बाण

अगर आपके पशु को भूख कम लग रही है, तो उसे कीड़े होने की समस्या हो सकती है। आप उसे तुरंत चिकित्सक को दिखाएं और जरूरत के मुताबिक दवा दें। वहीं पशु में भूख को वापस लाने के लिए कैल्शियम और विटामिन आहार में जोड़ें।

गाय- भैंस में भूख बढ़ाने का देसी नुस्खा

अक्सर गाय-भैंस में भूख बढ़ाने के लिए किसान देसी तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। इन तरीकों का इस्तेमाल कृषि से जुड़े लोग सालों से करते आ रहे हैं। इन तरीकों से भी आपके पशु की भूख बढ़ सकती है।

  1. अगर आपकी गाय या भैंस को भूख कम लग रही है, तो उसे लीवर टॉनिक दें। इसे 50 मिलीग्राम दें। साथ ही जो पशु कम चारा खा रहा है उसे पाचक पाउडर दें।
  2. आप अपने पशु को एक मिक्सर बना कर भी दें, इसमें आप 200 ग्राम काला जीरी डालें और उसमें 50 ग्राम हींग मिलाएं। इसे आप अपने पशु को दें, इससे उसकी भूख बढ़ेगी।
  3. मीठा सोडा भी पशुओं की भूख बढ़ाने में बहुत ही कारगर साबित होता है। पशु को 3 दिन तक सुबह और शाम 50 ग्राम मीठा सोडा दें। उसे भूख लगने लगेगी।

अगर आपका पशु भी ठीक तरीके से नहीं खा रहा है, तो बिना किसी देरी के Animall ऐप पर आएं। यहां पर आप हमारे खास चिकित्सकों से बात कर सकते हैं। साथ ही अगर आप चाहें तो ऐप पर पशु खरीद या बेच भी सकते हैं। इसके अलावा पशु के बेहतर पालन पोषण से जुड़ी सारी जानकारी भी आप Animall ऐप पर हासिल कर सकते हैं।

… और पढ़ें arrow

पसू का लेवा कैसे बढ़ाएं | How to improve Udder Tone in Cow and Buffalo

 
… और पढ़ें arrow

जानें क्या है गाय-भैंस की जेर गिराने का देसी उपाय

अगर आपने गाय या भैंस पाल रखी है, तो आपको उसका पूरा ध्यान रखने की जरूरत होती है। ऐसे में पशुओं के ब्याने के बाद उनका जेर गिरना काफी जरूरी होता है। लेकिन कई बार खुद से जेर नहीं गिरती है। आमतौर पर तो गाभिन पशुओं में ब्याने के कुछ ही घंटों में जेर खुद ही बाहर आ जाती है। लेकिन अगर 12 घंटों तक ऐसा नहीं होता है, तो देर गिराने के उपाय करने की जरूरत होती है। इस आर्टिकल में हम जेर गिराने के देसी उपाय और चिकित्सक उपायों के बारे में जानेंगे।

जब गाय या भैंस में जेर खुद नहीं गिरती है, तो इस स्थिति को जेर का रुकना या रिटेंड प्लेसेंटा कहते हैं। डेरी पशुओं में जेर के अटकने पर तुरंत इलाज करवाने की जरूरत होती है। सबसे पहले जानते हैं पशु में जेर अटकने के कारण।

जेर अटकने के कारण

  • गर्भपात
  • संक्रामक रोग जसे ब्रुसेल्लोसिस, केम्पाईलोबेकटेरी ओसिस आदि
  • पोषक तत्वों का असंतुलन
  • समय से पहले प्रसव
  • कष्टमय प्रसव

जेर न गिरने के क्या है लक्षण

  • जेर घुटनों तक लटकी रहती है
  • पशु के योनि द्वार से बदबूदार स्राव निकलता रहना
  • पशु का तापमान बढ़ना
  • गाय या भैंस की सांसें तेज होना
  • पशु के दुग्ध उत्पादन में कमी हो जाना
  • पशु में भूख की कमी हो जाती है

गाय-भैंस में जेर गिराने के उपाय

गाय-भैंस में जेर गिराने के देसी उपाय

  • अगर आपकी नई ब्याई भैंस या गाय की जेर नहीं गिर रही है तो उसे खुद की ही बाउली पिला दें। इससे पशु की जेर जल्दी गिर जाएगी, क्योंकि बाउली में दूध के मुकाबले कई गुणा ज्यादा खुराकी तत्व होते हैं। ऊर्जा का स्त्रोत होने के साथ-साथ इस में कैलशियम की भी काफी ज्यादा मात्रा होती है।
  • ब्याने के तुरंत बाद पशु को गुड़, सौंफ, अजवायन, मेथी, मिलाकर काढ़ा पिलायें। ये बच्चेदानी के संकुचित होने में भी सहायक होता है, इससे जेर जल्दी गिर जाएगी।
  • जेर ना गिरने में आटा, गुड़, सौंफ, इलायची और जीरा आदि को पशु की खुराक में मिलाकर खिलाएं। आटा और गुड़ ऊर्जा प्रदान करते हैं जो कि ब्याने के बाद सुस्त हुए पशु के लिए काफी जरूरी है। जबकि सौंफ पाचन प्रणाली को दुरूस्त रखती है।
  • अगर आपके पशु की जेर 12 घंटों में नहीं गिरी है तो उसे पीपल के पत्ते खिला दें। दरअसल पीपल के पत्तों में रेशा होता है, जो पशु का पेट भरने में मदद करता है।

जेर गिराने के चिकित्सक उपाय

कई बार ऐसा होता है कि आपकी गाय या भैंस के शरीर में जेर फंस जाती है। जिसके लिए आपको फिर चिकित्सक को बुलाने की जरूरत आ जाती है। लेकिन हमारे किसान भाई डॉक्टर की मदद लेने से डरते हैं। तो अब ऐसे में डरने की जरूरत नहीं है। आप डॉक्टर की मदद लेकर जेर गिरा सकते हैं।

ऐसा करने के लिए अटके हुए जेर को हाथ डालकर धीरे से खींचकर निकाला जाता है। इसे डॉक्टर के द्वारा ही करवाए क्योंकि इसमें थोड़ा खतरा रहता है। अंदर हाथ डालने के कारण गर्भाश्य में संक्रमण हो सकता है। जो पशु में बांझपन का कारण बन सकता है। ये रास्ता ब्याने के 12 घंटों के बाद ही अपनाएं।

अगर आप भी अपने पशु के लिए इस तरह की परेशानियों का समाधान खोज रहे हैं, तो अब कहीं और परेशान होने की जरूरत नहीं है। Animall ऐप पर आप चिकित्सक से बात कर सकते हैं। साथ ही अगर आप पशु खरीदने या बेचने का विचार कर रहे हैं तो उसके लिए भी Animall ऐप डाउनलोड करें।

 

… और पढ़ें arrow