ग्याभिन पशु की पहचान कैसे की जा सकती है?

(क) ग्याभिन होने पर पशु दोबारा 20-21 दिन गर्मी नही आती।
(ख) तीन चार मास में पशु का पेट फूला नज़र आने लगता है।
(ग) पशु कि गुदां में हाथ डाल कर बच्चेदानी का दो में से एक हॉर्न का बढ़ा होना महसूस किया जा सकता है। लेकि यह परीक्षण केवल प्राशिक्षित व अनुभवी पशु चिकित्सक से ही करवाना चाहिये।

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पशुओं की गर्मी का पता कैसे लगाया जा सकता है?

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(क) पशु की योनि से सफेद लेसदार पदार्थ निकलता है।
(ख) पशु की योनि अन्दर से लाल हो जाती है और उसमें

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ब्यात के बाद पशु को कब गाभिन करवाना चाहिए?

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किसान और पशुपालकों की आय का एक बड़ा हिस्सा पशु से प्राप्त दूध से ही होता है। यही कारण भी है जिसकी वजह से पशुपालक गाय भैंस को जल्दी गाभिन कराने के तरीके खोजते रहते हैं। बिना यह समझें कि पशु को गाभिन कराने का एक सही समय होता है। वहीं अगर पशु पहले से ही ब्यात में गाभिन हो चुका है, तो अगला समय और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। 

आज हम अपने इस लेख में पशुपालक भाइयों को इसी से जुड़ी कुछ जानकारिया देने वाले हैं। हम जानते हैं कि पशुओं के जरिए प्राप्त दूध, दही, धी आदि से ही पशुपालक आय अर्जित करते हैं। लेकिन फिर भी पशु की उत्पादकता और जीवनकाल को बढ़ाने के लिए पशुपालकों को उनके गाभिन करवाने का सही समय पता होना चाहिए।

जल्दी – जल्दी गर्भधारण कराने के नुकसान

पशुपालन से जुड़े लोग अक्सर आय को बढ़ाने के लिए पशु को बार – बार या जल्दी – जल्दी गाभिन कराने लगते हैं। जिसकी वजह से पशु का गर्भपात तो होता ही है। बल्कि कई बार पशु पूरी तरह बांझपन का भी शिकार हो जाता है। ऐसे में पशुपालकों को इस मामलें में किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। बल्कि पशुओं को गाभिन कराने से पहले उनकी शारीरिक स्थिति की जांच करा लेनी चाहिए। अगर पशु का शरीर स्वस्थ है और वह गर्भधारण करने के लिए तैयार है तो ही पशु को गाभिन कराना चाहिए।  

पशु को गाभिन कराने का सही समय 

किसान भाइयों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ब्यात के तुरंत बाद पशु को गाभिन कराना न केवल बेकार है। बल्कि बहुत नुसानदायक भी है। इसकी वजह से पशु का गर्भपात हो सकता है। इसलिए पशुपालन से जुड़े लोग ब्यात के बाद कम से कम 2 महीने तक पशु को गाभिन बिल्कुल न कराएं। ब्यात के बाद पशु की एक या दो हीट को छोड़ देना चाहिए। इसके बाद आने वाली तीसरी हीट में आप पशु को गाभिन करा सकते हैं। गाभिन कराने का सस्ता और सटीक तरीका कृत्रिम गर्भाधान ही है। 

गाभिन कराने से पहले सावधानियां 

किसान या पशुपालक भाई अक्सर ब्यात के बाद पशु को गाभिन कराने का उचित समय तो तय कर लेते हैं। लेकिन पशु की शारीरिक स्थिति पर बिल्कुल भी गौर नहीं करते। पशुपालकों को यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि गर्भावस्था के दौरान पशु की देखभाल में की गई लापरवाही। अगले गर्भकाल पर असर डाल सकती है। इसलिए किसी भी स्थिति में गर्भावस्था के अंदर पशु को सही आहार और पेय पदार्थ देने चाहिए। 

हम उम्मीद करतें हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो अपने दोस्तों या पशुपालक साथियों के साथ जरूर शेयर करें। वहीं इसी तरह की जानकारी को पढ़ने के लिए पशुपालक भाई हमारी Animall App भी डाउनलोड कर सकते हैं। ऐप डाउनलोड करने से पशु को बेचना और खरीदना भी आसान हो जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐप के जरिए पशु खरीदे और बेचे जाते हैं। इसके अलावा ऐप के माध्यम से तुरंत चिकित्सीय सहायता ली जा सकती है। हमारी एनिमॉल ऐप को डाउनलोड करने के लिए इस लिंक का चुनाव करें। 

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गाय या पशु के प्रसव समय के संकेत एवं व्यवस्था | Before Cattle Delivery Arrangements

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प्रसव का समय किसी महिला का हो या फिर किसी मादा पशु का। दोनों ही स्थिति में सावधान रहना जरूरी हो जाता है। वहीं पशु के मामले में तो पशुपालक को अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि पशु अपनी स्थिति के बारे में बोलकर नहीं बता सकता। लेकिन अगर कोशिश की जाए तो गाय या पशु के प्रसव के समय की पहचान करके प्रसव से जुड़े जरूरी इंतजाम किए जा सकते हैं।

आज हम अपने इस लेख में आपको बताएंगे कि पशुपालक किस तरह पशु के प्रसव के समय का पता लगा सकते हैं। इसके अलावा पशु के प्रसव के दौरान पशुपालक को किन जरूरी चीजों का इंतजाम करना चाहिए, इसके बारे में भी जानकारी देंगे। अगर आप एक पशुपालक हैं और आपकी गाय का प्रसव करीब है तो इस लेख की जानकारी आपके काफी काम आ सकती है। 

प्रसव के समय से पहले पशु के संकेत

गाय या भैंस के प्रसव का समय जब भी नजदीक होता है, तो उनके व्यवहार के अंदर काफी बदलाव देखने को मिल जाते हैं। इसके अलावा शारीरिक रूप से भी पशु में काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। अब हम आपको बताएंगे कि प्रसव कुछ समय पहले तक एक पशु किस तरह के लक्षण प्रदर्शित करता है। 

  • जब पशु के प्रसव का समय नजदीक आने वाला होता है तो वह अक्सर उदास दिखाई देने लगता है। वह आपको इशारों से अपने दर्द के बारे में बताने की कोशिश करता है। इस दौरान अमूमन पशु पशुपालक के पास जाकर सिर झुका लेते हैं।
  • प्रसव से कुछ समय पहले तक पशु की योनि के आस पास में एक हलचल दिखाई देती है। 
  • प्रसव से कुछ देर पहले पशु के पेट आगे पीछे होता रहता है। 
  • प्रसव से कुछ समय पहले तक पशु बार – बार बैठता और खड़ा होता है। 
  • प्रसव के समय से कुछ पहले पशु खाना पीना कम कर देता है।  
  • पशु अपने प्रसव से पहले जोर – जोर से चिल्लाने भी लगता है। 

प्रसव के जरूरी इंतजाम 

किसान या पशुपालन से जुड़े हुए लोगों को यह समझना बहुत जरूरी है कि प्रसव के समय पशु का ध्यान रखने के लिए कुछ चीजें पास होनी चाहिए। हम आपको इन्ही सामग्रियों के बारे में बताने वाले हैं। 

  • पशु के जब प्रसव का समय आने वाला हो तो उसे अधिक देर के लिए अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। अगर आपको कहीं जाना भी पड़े तो कोई न कोई व्यक्ति पशु के साथ होना चाहिए। 
  • गाय के प्रसव से पहले एक बॉयलर सूट पहनना बहुत जरूरी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर बॉयलर सूट न पहना जाए, तो इससे पशु किसी रोग से संक्रमित भी हो सकता है।  इसलिए हमेशा बॉयलर सूट में ही प्रसव कराए।
  • गाय या पशु के बैठने का सही इंतजाम करना जरूरी है। पशु जहां बैठता या बांधा जाता है। वहां सूखी घास जरूर लगवाएं। ऐसा करने से पशु आसानी से उठ बैठ सकेगा और पशु के थन दबने की संभावना कम हो जाएगी। 
  • गाय के प्रसव से कुछ समय पहले पशुपालक को कुछ  जरूरी इंतजाम करने चाहिए। जैसे साफ सफाई का ध्यान रखना, कैंची का इंतजाम करना, एक टब, बाल्टी आदि पास रखना।
  • पशु के प्रसव के समय डॉक्टर का पास होना बेहद जरूरी होता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि डिलीवरी के समय अक्सर पशुपालक पशु की सहायता हेतु कुछ कदम उठा लेते हैं, जो पूरी तरह गलत होते हैं। पशुपालक की इन गलतियों की वजह से प्रसव के समय दिक्कत आ सकती है। 

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख पसंद आया है और आप इसी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो आप हमारी ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं। हमारी Animall App के जरिए आप पशु खरीदने और बेचने का काम भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप पशु चिकित्सक से भी बात कर सकते हैं। अगर एनिमॉल ऐप डाउनलोड करना हो तो इस विकल्प का चुनाव करें। 

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