मिल्क फीवर या सूतक बुखार क्या होता है?

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ये एक रोग है जो अक्सर ज्यादा दूध देने वाले पशुओं को ब्याने के कुछ घंटे या दिनों बाद होता है। रोग का कारण पशु के शरीर में कैल्शियम की कमी। सामान्यतः ये रोग गायों में 5-10 वर्ष कि उम्र में अधिक होता है। आम तौर पर पहली ब्यांत में ये रोग नहीं होता।

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जानें क्या है गाय-भैंस की जेर गिराने का देसी उपाय

अगर आपने गाय या भैंस पाल रखी है, तो आपको उसका पूरा ध्यान रखने की जरूरत होती है। ऐसे में पशुओं के ब्याने के बाद उनका जेर गिरना काफी जरूरी होता है। लेकिन कई बार खुद से जेर नहीं गिरती है। आमतौर पर तो गाभिन पशुओं में ब्याने के कुछ ही घंटों में जेर खुद ही बाहर आ जाती है। लेकिन अगर 12 घंटों तक ऐसा नहीं होता है, तो देर गिराने के उपाय करने की जरूरत होती है। इस आर्टिकल में हम जेर गिराने के देसी उपाय और चिकित्सक उपायों के बारे में जानेंगे।

जब गाय या भैंस में जेर खुद नहीं गिरती है, तो इस स्थिति को जेर का रुकना या रिटेंड प्लेसेंटा कहते हैं। डेरी पशुओं में जेर के अटकने पर तुरंत इलाज करवाने की जरूरत होती है। सबसे पहले जानते हैं पशु में जेर अटकने के कारण।

जेर अटकने के कारण

  • गर्भपात
  • संक्रामक रोग जसे ब्रुसेल्लोसिस, केम्पाईलोबेकटेरी ओसिस आदि
  • पोषक तत्वों का असंतुलन
  • समय से पहले प्रसव
  • कष्टमय प्रसव

जेर न गिरने के क्या है लक्षण

  • जेर घुटनों तक लटकी रहती है
  • पशु के योनि द्वार से बदबूदार स्राव निकलता रहना
  • पशु का तापमान बढ़ना
  • गाय या भैंस की सांसें तेज होना
  • पशु के दुग्ध उत्पादन में कमी हो जाना
  • पशु में भूख की कमी हो जाती है

गाय-भैंस में जेर गिराने के उपाय

गाय-भैंस में जेर गिराने के देसी उपाय

  • अगर आपकी नई ब्याई भैंस या गाय की जेर नहीं गिर रही है तो उसे खुद की ही बाउली पिला दें। इससे पशु की जेर जल्दी गिर जाएगी, क्योंकि बाउली में दूध के मुकाबले कई गुणा ज्यादा खुराकी तत्व होते हैं। ऊर्जा का स्त्रोत होने के साथ-साथ इस में कैलशियम की भी काफी ज्यादा मात्रा होती है।
  • ब्याने के तुरंत बाद पशु को गुड़, सौंफ, अजवायन, मेथी, मिलाकर काढ़ा पिलायें। ये बच्चेदानी के संकुचित होने में भी सहायक होता है, इससे जेर जल्दी गिर जाएगी।
  • जेर ना गिरने में आटा, गुड़, सौंफ, इलायची और जीरा आदि को पशु की खुराक में मिलाकर खिलाएं। आटा और गुड़ ऊर्जा प्रदान करते हैं जो कि ब्याने के बाद सुस्त हुए पशु के लिए काफी जरूरी है। जबकि सौंफ पाचन प्रणाली को दुरूस्त रखती है।
  • अगर आपके पशु की जेर 12 घंटों में नहीं गिरी है तो उसे पीपल के पत्ते खिला दें। दरअसल पीपल के पत्तों में रेशा होता है, जो पशु का पेट भरने में मदद करता है।

जेर गिराने के चिकित्सक उपाय

कई बार ऐसा होता है कि आपकी गाय या भैंस के शरीर में जेर फंस जाती है। जिसके लिए आपको फिर चिकित्सक को बुलाने की जरूरत आ जाती है। लेकिन हमारे किसान भाई डॉक्टर की मदद लेने से डरते हैं। तो अब ऐसे में डरने की जरूरत नहीं है। आप डॉक्टर की मदद लेकर जेर गिरा सकते हैं।

ऐसा करने के लिए अटके हुए जेर को हाथ डालकर धीरे से खींचकर निकाला जाता है। इसे डॉक्टर के द्वारा ही करवाए क्योंकि इसमें थोड़ा खतरा रहता है। अंदर हाथ डालने के कारण गर्भाश्य में संक्रमण हो सकता है। जो पशु में बांझपन का कारण बन सकता है। ये रास्ता ब्याने के 12 घंटों के बाद ही अपनाएं।

अगर आप भी अपने पशु के लिए इस तरह की परेशानियों का समाधान खोज रहे हैं, तो अब कहीं और परेशान होने की जरूरत नहीं है। Animall ऐप पर आप चिकित्सक से बात कर सकते हैं। साथ ही अगर आप पशु खरीदने या बेचने का विचार कर रहे हैं तो उसके लिए भी Animall ऐप डाउनलोड करें।

 

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