उपयुक्त नस्ल का चयन कैसे करें?

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उपयुक्त नस्ल से अभिप्राय है कि उस गाय का चयन करें जिन की दूध उत्पादन क्षमता अधिक हो| पहाड़ी गाय की दूध उत्पादन क्षमता बडाने के लिए इनका उन्नत नस्ल टीके से कृतिम गर्भाधान किया जा सकता है| (जर्सी होलस्तिम) पैदा हुई मादा बछड़ियों की दूध उत्पादन क्षमता ज्यादा होती है|

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भारत में दूध उत्पादन की क्या स्थिति है?

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भारत में लगभग 7.4 करोड़ टन दूध उत्पादन क्षमता है जो कि विश्व में सर्वाधिक है| परन्तु प्रति व्यक्ति दूध उपलब्ध एवं प्रति गाय दूध उत्पादन में हम विकसित देशों से बहुत पीछे है| इसके प्रमुख कारण निम्न है:-
(क) कम दूध देने वाली नस्लें|
(ख) चारे व दाने की कमी|
(ग) अपर्याप्त देख रेख व पशुओं में रोगों की प्रसंग|

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दुधारू नस्ल की गाय के बारे में विस्त्रित जानकारी दें?

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रेड सिन्धी:- यह नस्ल सर्वोतम दूध उत्पादन क्षमता रखती है| इस गाय का कद छोटा होता है, रंग पीला से लाल है, चौड़ा माथा और गिरे हुए कान, सींग छोटे व झालर लम्बी और गर्दन के नीचे तक जाती है|

साहीवाल:- इस नस्ल की उत्पत्ति पकिस्तान से हुई है| आमतौर पर यह रेड सिन्धी की तरह दिखती है| चमड़ी लचीली होती है व रंग गहरा लाल और कुछ लाल धब्बे होते है|

थरपारकर:- यह नस्ल गुजरात व राजस्थान में प्रमुख है| इस गाय का रंग सफेद से भूरा होता है| माथा चौड़ा व चपटा,व लम्बे कान होते है|

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पशुशाला बनाने के बारे में प्रमुख निर्देश क्या है?

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एक इंसान जब अपना घर बनाता है, तो उससे पहले कई बातों का ध्यान रखता है। लेकिन पशुशाला बनाने के समय वह शायद ही किसी चीज को गंभीरता से लेता हो। लेकिन यह पूरी तरह गलत है। पशुशाला  बनवाने में की गई लापरवाही न केवल पशुओं के लिए खतरनाक है। बल्कि इसकी वजह से पशुपालक के लिए भी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। आज हम अपने इस लेख में आपको बताएंगे कि पशुशाला का निर्माण करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा पशुशाल किस तरह बनवाई जाए, इस बात पर भी गौर करेंगे अगर आप एक पशुपालक हैं तो पशुशाल बनवाने से जुड़े दिशा निर्देश आपको पता होने चाहिए। चलिए विस्तार से समझते हैं कि आखिर पशुशाला किस तरह बनाई जानी चाहिए और किन बातों का ध्यान इसे बनवाने के दौरान रखना चाहिए। ……

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पशुशाला बनाने को लेकर जरूरी बातें 

किसान भाई अक्सर अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा पशुपालन पर खर्च करते हैं। ऐसे में उनकी कमाई यूं ही बर्बाद न हो इसके लिए हम बता रहे हैं कि पशुशाला बनवाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • पशुशाला के निर्माण में सबसे जरूरी चीज है जमीन। अगर आप एक पशुशाला का निर्माण किसी ऐसी जगह पर करा रहे हैं, जो निचाई पर है, तो यह घाटे का सौदा हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश के दिनों में पशुशाला में पानी भर सकता है और इसे निकालने में तो परेशानी होगी ही। इसके अलावा इस स्थिति में पशु के बीमार होने की संभावना भी बढ़ जाएगी। इसलिए पशुशाला का निर्माण थोड़ी ऊंचाई पर करवाएं। अगर ऐसा किया जाए तो इससे पशुशाला में जलभराव की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। 
  • अगर आप पशुशाला का निर्माण ऐसी जगह करा रहें हैं, जहां बिजली का प्रबंध नहीं है, तो यह आप पर भारी पड़ सकता है। दरअसल गर्मियों के दौरान पशु को ठंडक प्रदान करने के लिए पंखा या कूलर आवश्यक होता है। इसके अलावा पशुशाला के अंदर ट्यूब या बल्ब भी जरूर होना चाहिए। 
  • पशुओं को प्राकृतिक रोशनी भी मिले, इसका इंतजाम भी पशुशाला में होना चाहिए। ऐसे में पशु को प्राकृतिक रोशनी मिले इसके लिए पशुशाला का निर्माण पूर्व – पश्चिम की तरफ कराएं। इस तरह पशु को प्राकृतिक रोशनी आसानी से मिल जाएगी। 
  • पशु जिस खोर में चारा खाते हैं उसकी दिशा उत्तर तरफ होनी चाहिए। 
  • पशुशाला का निर्माण कराते समय अक्सर पशुपालक एक गलती कर देते हैं। पशुपालक आमतौर पर पशुशाला का फर्श को चिकना बनवा देते हैं। जिसकी वजह से कई बार पशु फिसल कर गिर जाता है और चोटिल हो जाता है। इसलिए पशुशाला का फर्श पक्का और खुरदरा होना चाहिए। 

हमें उम्मीद है कि हमारे पशुपालक भाइयों को यह जानकारी पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी हासिल करने के लिए आप हमारे ब्लॉग के साथ ऐप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐप डाउनलोड करने के फायदे आपको कई तरह से हो सकते हैं। इसमें सबसे पहला फायदा है कि आप पशु ऑनलाइन खरीद और बेच सकते हैं। इसके अलावा पशु के बीमार होने पर आप तुरंत चिकित्सक से सहायता ले सकते हैं। हमारी Animall App डाउनलोड करने के लिए इस विकल्प का चुनाव करें। 

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