बहुत से जीवाणु रोग बछड़ों में दस्त रोग का कारण है। वर्षा ऋतु की यह एक प्रमुख समस्या है। कोलिबैसिलोसिस, बछड़ों में दस्त एवम आंतों कि सूजन का एक प्रमुख कारक है, जिसमें बहुत से बछड़ों की मृत्यु भी हो जाती है।
… और पढ़ें
बहुत से जीवाणु रोग बछड़ों में दस्त रोग का कारण है। वर्षा ऋतु की यह एक प्रमुख समस्या है। कोलिबैसिलोसिस, बछड़ों में दस्त एवम आंतों कि सूजन का एक प्रमुख कारक है, जिसमें बहुत से बछड़ों की मृत्यु भी हो जाती है।
छूआछूत रोग संक्रामित व्यक्तियों एवं पशुओं के निकट संपर्क में आने से ही फैलता है जबकि संक्रामक रोग निकट सम्पर्क के अलावा संक्रमित खाद्य पदार्थ, पेयवस्तु एवंम संक्रामित कपड़े विद्वावन वर्तन इत्यादि द्वारा भी फैल सकते है। (सभी छुआछूत रोग संक्रामक रोग होते हैं परन्तु सभी संक्रामक रोग छुआछूत के रोग नहीं होते हैं!)
गौ जाति के पशुओं में इस रोग कि छूत खाने-पीने की वस्तुओं द्वारा फैलती हैं। भेड़ों में यह रोग ऊन उतारने , पूछँ काटने और नपुँसक करने के पश्चात ही होता है।
यह रोग दो सप्ताह से 3 महीने के बछड़ों में होता है। यह रोग गंदगी और भीड़ वाली गौशालाओं में अधिक होता है। इस के मुख्य लक्षण – तेज़ बुखार, खाने में अरुचि, थंथन का सूखना, सुस्ती। गोबर का रंग पीला या गन्दला हो जाता है व बदबू आती है। रोग होते ही पशु चिकित्सक से संपर्क करें।