यह एक आम बिमारी है जो नवजात व उन जानवरों में होती है जो सलाब वाली जगह में बांधे जाते है ज्यादा तर यह बिमारी नवजात जिनकी उम्र 3-4 महीने में पाई जाती है| इसके मुख्य लक्षण है आंख व नाक से पानी, सुनाई न देना, बुखार, सांस में कठिनाई व बलगम निकालना| यदि समय पर ईलाज नहीं हुआ तो मृत्यु| नवजात को साफ हवादार भाड़े में रखना व अचानक मौसम व तापमान से बचाव रखना चाहिए|
नवजात बच्छे- बच्छडि़यों में निम्नलिखित बिमारियों का खतरा सर्दियों में अधिक रहता है:-
(क) नेवल “I”
(ख) वाईटस्करड
(ग) निमोनिया
(घ) पेरासाईकिइन्फेक्शन
(ङ) पेराटाईफाईड
दुग्ध ज्वर एक बिमारी है जो आमतौर पर आमतौर पर ज्यादा दूध देने वाले पशु में व्याने के कुछ घण्टों/दिनों बाद होती है| कारण पशु के शरीर में कैल्शियम की कमी| आमतौर पर गाय 5-10 वर्ष की आयु में इससे ग्रसित होती है| अधिकतर पहली बार व्याने पर यह बिमारी नहीं होती है|
किसानों को नियमित रूप से पशुओं कि विभिन्न बीमारियों के रोक थम के लिए टीकाकरण करवाना, कीड़ों की दवाई खिलाना तथा नियमित रूप से उनकी पशु चिकित्सा अधिकारी से जांच करवाना।
टीकाकरण कार्यक्रम रोग के प्रकार , पशुओं कि प्रगति एवम् टिके के प्रकार पर निर्भर करता है। समान्यतः टीकाकरण 3 महीने की पर किया जाता हैं। व्यवहारिक तौर पर पशुपालकों को सलाह दी जाती है की टीकाकरण के लिये पशुचिकित्सक की सलाह लें।