डेयरी उद्योग में जर्सी गाय का महत्व बहुत अधिक रहा है। आज दुनियाभर में जर्सी गाय की मांग है। ये गाय अपनी असीमित दूध देने की क्षमता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। जानकार बताते हैं कि जर्सी नस्ल की गाय एक बार ब्याने के बाद सबसे ज्यादा लंबे समय तक दूध देती है। आज हम अपने इस लेख के जरिए जर्सी गाय से जुड़ी तमाम जानकारियां साझा करेंगे जैसे एक जर्सी गाय कितना दूध देती है, उसकी पहचान कैसे की जा सकती है, जर्सी गाय कितने महीने दूध देती है आदि। अगर आप जर्सी गाय से जुड़ी ये दिलचस्प जानकारियां हासिल करना चाहते हैं तो इस लेख पर अंत तक बने रहें।
अंतर्वस्तु : |
---|
1. जर्सी गाय की उत्पत्ति कैसे हुई |
2. जर्सी गाय नस्ल की पहचान क्या है? |
3. जर्सी गाय की विशेषताएं |
4. जर्सी गाय की बछिया |
5. जर्सी गाय के दूध की विशेषताएं |
6. जर्सी गाय की देखरेख का तरीका |
7. जर्सी गाय को क्या खिलाना चाहिए और उसकी मात्रा |
8. गाभिन जर्सी गाय का ध्यान कैसे रखें ? |
9. जर्सी गाय के दूध उत्पादन बढ़ाने का तरीका |
10. जर्सी गाय के रोग और इलाज |
11. जर्सी गाय कहां से खरीदें और कहां बेचें ? |
12. जर्सी गाय की कीमत कैसे तय करें ? |
जर्सी नस्ल की गाय सबसे पहले यूके के जर्सी द्वीप पर पाई गई थी। इस नस्ल का जर्सी नाम भी इसी जगह के ऊपर रखा गया है। आज के समय में डेयरी उद्योग के अंदर कार्यरत पशुपालकों के लिए जर्सी गाय दूध की लॉटरी लगाने वाली नस्ल बन गई है, ये एक सबसे बड़ा कारण है कि अब यह दुनिया के हर कोने में देखी जा सकती है।
जर्सी गाय की पहचान उसके रंग, कद काठी और कई दूसरी चीज़ों से की जा सकती है। आपको बता दें कि अधिकतर जर्सी गाय का रंग भूरा होता है और इस पर सफेद रंग के धब्बे मौजूद होते हैं। जर्सी गाय दिखने में भले ही छोटी होती हों, लेकिन इनका शरीर भारी होता है और इनका वजन 400 से 500 किलो तक हो सकता है। बात करें जर्सी गाय के सींग की तो ये बेहद छोटे होते हैं और इसकी आंखें काले रंग की होती है।
जर्सी गाय की विशेषताएं कई हैं जिसकी वजह से इन्हें दुनियाभर में के लिए पाला जाता है। आपको बता दें कि जर्सी गाय की नस्ल सबसे ज्यादा समय तक दूध दे सकती है। जर्सी नस्ल की गाय की रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर होती है और भारत के अंदर इन्हें पालने के लिए कई जरूरी इंतजाम करने पड़ते हैं। इसके अलावा जर्सी नस्ल को सुधारने के लिए जर्सी गाय की बछिया को भी पाला जाता है।
जर्सी को दुनियाभर में नस्ल सुधार के लिए पाला जाता है। इस दौरान जर्सी गाय की बछिया को करीब 25 से 30 महीने अच्छे आहार और सही माहौल के साथ रखा जाता है। इसके अलावा इन्हें समय - समय पर कई टीके दिए जाते हैं, ताकि ये रोगों से दूर रहें और स्वस्थ रहे। इसके साथ ही जब जर्सी गाय की बछिया 2 साल से 2.5 साल के बीच की हो जाती है तो इनका पहला हीट साइकिल होता है, और इस समय ये गाभिन होने के लिए तैयार हो जाती है।
जर्सी जैसे, जर्सी गाय कितने महीने तक दूध देती है या जर्सी गाय कितना दूध देती है? आपको बता दें कि जर्सी गाय लगभग 10 महीने या 290 दिन तक दूध दे सकती है। वहीं बात करें कि जर्सी गाय रोजाना कितना दूध दे सकती हैं तो बता दें कि ये नस्ल रोजाना 15 से 25 लीटर के बीच दूध देने की क्षमता रखती है। जर्सी नस्ल की गाय के दूध में ए 1 प्रोटीन पाया जाता है, जिसके नुकसानदायक होने की बात कही जाती है। हालांकि अब तक इस पर कुछ शोध होने बाकी हैं। इसके अलावा जर्सी गाय एक ब्यात में 3500 से 4000 लीटर तक दूध दे सकती है।
जर्सी गाय की नस्ल जर्सी द्वीप से आती है। ऐसे में इसकी देखरेख भारत के अंदर और अन्य स्थानों पर अलग तरीकों से करनी चाहिए। अगर जर्सी गाय की देखरेख मौसम के अनुसार न की जाए तो इस स्थिति में उनकी उत्पादकता घट सकती है। इसके अलावा जर्सी को साफ रखना चाहिए और गर्मी एवं सर्दी से बचाने के लिए भी जरूरी इंतजाम होने चाहिए।
जर्सी गाय को क्या खिलाना चाहिए या जर्सी गाय प्रतिदिन कितना चारा खाती है, इसका जवाब उसकी स्थिति के आधार पर निर्भर करता है। साधारण शब्दों में समझें तो, अगर जर्सी गाय दूध दे रही है तो उसका आहार अधिक होगा, वहीं अगर जर्सी गाय दूध नहीं दे रही है तो उसके आहार की मात्रा सामान्य रहेगी। एक सामान्य जर्सी गाय को आप रोजाना 18 से 22 किलो हरा चारा और 3 से 5 किलो सूखा चारा दे सकते हैं। इसके अलावा मिनरल मिक्सचर, और खली जैसी सामग्री भी गाय को खिलाई जा सकती है। दाना मिश्रण मात्रा 1 किलो से 2 किलो के बीच हो सकती है। हमें उम्मीद है कि आपको पता चल गया होगा किजर्सी गाय प्रतिदिन कितनी घास खाती है।
गाभिन जर्सी का ध्यान रखने में कुछ बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। अगर इन बातों का ध्यान न रखा जाए तो हो सकता है या फिर उसकी उत्पादकता भी घट सकती है।
जर्सी गाय की हीट साइकिल या जर्सी बछिया किस उम्र में पैदा कर सकते हैं? ये सवाल लोगों के ज़हन में उठता है। बता दें कि जर्सी बछिया जब पहली बार 2 से 2.5 साल की होती है तब हीट में आती है और तभी वह गाभिन होने के लिए तैयार हो जाती है। इसके बाद एक बार जब गाय का प्रसव हो जाता है तो इस स्थिति में 45 दिन तक वह वापस हीट में नहीं आती। इसके अलावा अगर गाय गाभिन न हो तो उसकी हीट साइकिल 18 से 21 दिन के बीच आती है। गाय हीट में आने के दौरान रंभाने लगती है और दूसरे पशुओं के ऊपर चढ़ने की कोशिश करने लगती है।
जर्सी नस्ल की गाय को गाभिन करने का सबसे सही समय तब होता है जब में आए हुए 18 से 24 घंटे बीत चुके हों, इस दौरान गाय गाभिन होने की सबसे सही अवस्था में होती है। इसके अलावा जर्सी गाय को गाभिन करने के लिए आप किसी क्रॉस या जर्सी बुल का भी उपयोग कर सकते हैं। अगर आपके आस पास बुल नहीं है तो आप एआई (AI) करवा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि कृत्रिम गर्भाधान केवल किसी प्रशिक्षित व्यक्ति से ही करवाएं।
जर्सी गाय के प्रसव से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जो कुछ इस प्रकार हैं।
जर्सी नस्ल की गाय एक विदेशी गाय है जो मुख्य रूप से यूके के जर्सी द्वीप पर पाई गई थी। ऐसे में बात करें यहां के वातावरण या तापमान की तो यहां 4 डिग्री से लेकर 25 डिग्री तक ही पारा जाता है। यानी कि ये स्थान थोड़े ठंडे इलाके में आता है। ऐसे में जर्सी गाय के रहने के लिए एक ऐसा स्थान होना चाहिए जहां गर्मी अधिक न पड़ती हो। वहीं अगर आप इन्हें गर्म तापमान वाली जगह पर पालना चाहते हैं तो इनके लिए रहने का इंतजाम ऐसा होना चाहिए, जिसमें इन्हें गर्मी अधिक न लगे, वरना इनकी उत्पादकता घट सकती है।
जर्सी हैं, जिसमें पहला है आहार और दूसरा है सप्लीमेंट एवं तीसरा है दाना मिश्रण। इन तीनों तरीकों के बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बता रहे हैं।
जर्सी गाय को क्या खिलाने से दूध बढ़ता है? इस सवाल का जवाब हम आपको देते हैं। जर्सी गाय के आहार में ऐसी चीजों को शामिल करें जिसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक हो तो इससे गाय की दूध उत्पादन क्षमता बढ़ने लगती है। इसके अलावा जर्सी नस्ल की गाय को हरा और सूखा चारा बराबर खिलाना चाहिए। इसके साथ ही खली, मिनरल मिक्सचर भी खिलाकर उनका दूध बढ़ाया जा सकता है।
जर्सी नस्ल की गाय का दूध कम क्यों हुआ है? ये देखकर उसे सप्लीमेंट दिया जाता है। ये सप्लीमेंट कई समस्याओं के दुष्प्रभाव को दूर करते हैं और पशु के दूध को तुरंत बढ़ा देते हैं। इसका एक उदाहरण है कैल्शियम जेल, अगर पशु तनाव में है या उसका दूध अचानक कम हो गया है तो इस स्थिति के अंदर आप उसे कैल्शियम जेल दे सकते हैं। इससे उसका दूध तुरंत बढ़ जाएगा।
जर्सी गाय के दूध को बढ़ाने के लिए दाना मिश्रण भी उपयोगी होता है। दाना मिश्रण के अंदर गेहूं का दलिया, गुड़, मेथी और नारियल आदि सामग्री मिलाकर एक पाउडर तैयार किया जाता है। जिसे पशु को चारे के साथ खिलाया जा सकता है। इससे गाय के दूध देने की क्षमता में इजाफा हो जाता है।
जर्सी नस्ल की गाय एक विदेशी गाय है और इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है, जिसकी वजह से ये अक्सर बीमार पड़ने लग जाती हैं। इन्हें कई तरह के रोग हो सकते हैं, जिनके होने की वजह और इलाज के बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बता रहे हैं।
जर्सी नस्ल में ये रोग Pasteurella multocida नाम के जीवाणु की वजह से होता है। इस रोग के दौरान पशु को तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। अगर रोग के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर इसका इलाज न कराया जाए तो इसकी वजह से पशु की मौत भी हो सकती है। इसको लेकर जारी किए गए कुछ आंकड़ों की मानें तो गलघोंटू रोग के होने पर 80 प्रतिशत पशुओं की मौत हो जाती है।
ये रोग अधिकतर गाय को बारिश के दिनों के अंदर होता है। इस रोग के दौरान पशु के पैरों के खुर और मुंह में दाने हो जाते हैं और ये फूटकर घाव का रूप ले लेते हैं। इस रोग के होने पर पशु को तेज बुखार, लंगड़ा कर चलना, पैरों में सूजन होने लगती है। वहीं बात करें इसके इलाज की तो इसके लिए पशु की ताजा स्थिति को देखा जाता है, इसके बाद एंटी इंफ्लेमेटरी दवा के जरिए इसका इलाज किया जाता है।
जर्सी जैसी नस्ल की गाय में अधिक देखने को मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये नस्ल अधिक दुधारू होती है। इस रोग के होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें गलत तरीके से दूध निकालना, थनों में चोट लगना, थन में गांठ पड़ना आदि शामिल हैं।
गाय में थनैला रोग के होने पर इसका उपचार सही समय पर होना चाहिए। अगर सही समय पर इसके लक्षणों की पहचान न की जाए तो इसकी वजह से पशु खराब भी हो सकता है। अगर गाय को थनैला हो गया है तो पशु चिकित्सक अक्सर बीटा लैक्टामेज़-प्रतिरोधी पेनिसिलिन नाम की दवा की ही सिफारिश करते हैं, लेकिन ये दवा केवल पशु चिकित्सक की सलाह पर ही अपने पशु को दें।
गाय को थनैला रोग से बचाने के लिए कुछ चीजों में बदलाव करना होगा। जिसके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।
जर्सी नस्ल की गाय को गंभीर और मौसमी रोगों से बचाने के लिए कई टीके लगवाए जाते हैं। ये टीके गाय को गलघोंटू, खुरपका मुहंपका और अन्य बीमारियों से बचाते हैं।
जर्सी नस्ल की गाय की डीवॉर्मिंग करने के लिए आप दवाओं का सहारा ले सकते हैं, या फिर इसके लिए आप काली जीरी का भी उपयोग कर सकते हैं। जर्सी नस्ल की गाय की डीवॉर्मिंग हर 6 महीने में करा लेनी चाहिए। इसके अलावा अगर गाय को गाभिन करने का विचार कर रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह पर समय रहते गाय को डीवॉर्मिंग की दवा जरूर दें।
जर्सी गाय को खरीदने के लिए आप अपने आस - पास की पशु मंडी या पशु मेले में जा सकते हैं। लेकिन यहां आने जाने का खर्च और पशु को लाने का खर्च आपकी जेब पर अधिक भार डाल सकता है। इसका दूसरा विकल्प है कि आप Animall ऐप अपने फोन में डाउनलोड करें और ऐप पर रजिस्ट्रेशन करें। इसके बाद आप अपनी पसंद की जर्सी गाय खरीद सकते हैं और चाहें तो अपना पशु बेच भी सकते हैं।
सबसे सस्ती जर्सी गाय खरीदने का विकल्प भी आपको Animall ऐप पर ही मिल जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हर रोज Animall ऐप पर हजारों गाय की जानकारी अपलोड होती है।
जर्सी गाय खरीदने से पहले गाय के दूध और स्वास्थ्य की जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा गाय की ब्यात क्या है और उसकी उम्र क्या है, ये बातें भी जर्सी गाय खरीदने से पहले पता होनी चाहिए। इसके साथ ही जर्सी गाय के थनों की जांच भी सही तरह से करके ही गाय खरीदनी चाहिए।
जर्सी गाय की कीमत तय करने के लिए सबसे पहले उसका दूध देखें। इसके बाद दूध की मात्रा को 5000 से गुणा कर दें। उदाहरण के तौर पर अगर जर्सी गाय 12 लीटर दूध दे रही है तो 12 गुणा 5000 करें। इसके बाद जो भी कुल रकम निकल कर आए, वह गाय की कीमत हो सकती है। लेकिन गाय की ब्यात अगर दूसरी तीसरी है तो इस रकम में 5000 जोड़ दें और बछड़ी साथ में होने पर 3000 रुपए और जोड़ दें। इस तरह आप जर्सी गाय की कीमत तय कर सकते हैं। वैसे आपको बता दें कि जर्सी नस्ल गाय की सामान्य कीमत 40000 से लेकर 60 हजार के बीच हो सकती है।
गिर गाय से जुड़े कुछ सवाल |
---|
क्या जर्सी की सभी गायें A2 दूध देती हैं? उत्तरनहीं जर्सी की सभी गाय A2 दूध नहीं देती। |
जर्सी गाय किसका क्रॉस है ? उत्तरजर्सी गाय एक अलग नस्ल है ये किसी की क्रॉस नस्ल नहीं है। |
देसी गाय और जर्सी गाय में क्या अंतर है ? उत्तरदेसी गाय जर्सी गाय के मुकाबले कम दूध देती है। इसके अलावा जर्सी गाय का हम्प उठा हुआ नहीं होता वहीं देसी गाय का हम्प उठा हुआ होता है |
देसी गाय या जर्सी गाय कौन सी गाय का दूध बेहतर है ? उत्तरभारत में आयुर्वेद के मुताबिक जिस भी गाय का हम्प उठा हुआ होता है उनका दूध फायदेमंद होता है। ऐसे में जर्सी गाय का हम्प उठा हुआ नहीं होता और देसी गाय का हम्प उठा हुआ होता है। लिहाजा कहा जा सकता है कि देसी गाय का दूध अधिक फायदेमंद होता है। |
जर्सी गाय का मूल स्थान क्या है ? उत्तरजर्सी गाय का मूल स्थान यू.के का जर्सी द्वीप है। |
क्या हमें जर्सी गाय का दूध पीना चाहिए ? उत्तरजर्सी गाय का दूध डेनमार्क जैसे देशों में बैन बताया जाता है। हालांकि इसका दूध फायदेमंद है या नहीं इस पर शोध की आवश्यकता है। |
To improve the lives of dairy farmers in a meaningful way by making dairy farming significantly more profitable. Further, more than 15,00,000+ cattle have been sold through Animall which amounts to INR 7500cr+ of GTV. Our dairy farmers have rated us 4.8 out of 5 and 65%+ of them refer Animall to at least one friend monthly.