डेयरी उद्योग में अच्छे मुनाफे के लिए देसी गाय पालने वालों की पहली पसंद गिर गाय है। गिर गाय अपनी अधिक दूध की क्षमता की वजह से दुनियाभर में प्रसिद्ध है। गिर गाय से जुड़ी ये बात न के बराबर लोग जानते हैं, कि गुजरात के गिर जंगल से निकली ये नस्ल आज विदेशों तक पहुंच गई है। ब्राजील देश में अधिकतर गाय गिर नस्ल की ही हैं और यहां मौजूद 80 प्रतिशत गाय कृष्णा नाम के बुल की ही वंशज हैं।
आज इस लेख के जरिए हम गिर गाय की पहचान से लेकर गिर गाय की कीमत, गिर गाय कितने दिन तक दूध देती है, और गिर गाय 1 दिन में कितना दूध देती है, ये जानकारियां साझा करेंगे। इसके अलावा गिर गाय का प्राइस (कीमत) किस आधार पर तय कर सकते हैं और गिर गाय खरीदने के फायदे क्या हो सकते हैं, ये सारी जानकारी हम आपको नीचे विस्तार से देंगे।
अंतर्वस्तु : |
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1. गिर गाय कहां पाई जाती है? |
2. गिर गाय की पहचान |
3. गिर गाय की क्या खासियत है? |
4. गिर गाय के दूध के लाभ |
5. गिर गाय पालन कैसे करें ? |
6. गिर गाय को क्या खिलाना चाहिए? |
7. गाभिन गिर का कैसे रखें ध्यान? |
8. गिर गाय की उत्पादकता बढ़ाने का तरीका |
9. गिर गाय के रोग और इलाज |
10. गिर गाय कहां से खरीदें? |
11. गिर गाय की कीमत कैसे करें तय? |
गिर गाय आज के समय में लगभग हर देश के अंदर मौजूद है। बाहरी देशों में ब्राजील ऐसा देश है जहां गिर गाय सबसे ज्यादा पाई जाती है। वहीं अगर बात करें कि गिर गाय सबसे पहले कहां पाई गई थी, तो बता दें कि इस नस्ल का वजूद सबसे पहले गुजरात के गिर जंगलों में मिला था। इसी गिर जंगल के नाम पर इस नस्ल का नाम गिरा पड़ा है।
गिर गाय की पहचान क्या है?, इस सवाल का जवाब सब अक्सर खोजते रहते हैं, इसलिए हमने गिर गाय की पहचान से जुड़े हर उस पहलू की जानकारी आपके लिए तैयार की है, जिसके आधार पर आप प्योर गिर गाय की पहचान कर पाएंगे।
गिर गाय अपनी कई खासियतों की वजह से ही में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली गाय है। गिर गाय की खासियतों के बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बता रहे हैं।
गिर यूं तो भारत में पाई जाने वाली देसी गाय की नस्ल है। लेकिन गिर गाय के चार प्रकार हैं जो आपको अमूमन देखने को मिल सकते हैं। इनकी जानकारी हम नीचे दे रहे हैं।
गाय के दूध के लाभ हम सभी ने बचपन से लेकर आज तक सुने हैं। लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि भारत में पाई जाने वाली गिर गाय के दूध में स्वर्ण के गुण भी मौजूद होते हैं। गिर गाय के दूध के लाभ संपूर्ण स्वास्थ्य पर देखने को मिलते हैं। इसके अलावा बहुत लोगों के ज़हन में गिर गाय को लेकर कई सवाल उठते हैं जैसे, गिर गाय कितना दूध देती है, कितने रुपए लीटर मिलता है और गिर गाय के दूध के लाभ क्या हैं।इन सभी सवालों के जवाब हम आपको नीचे विस्तार से दे रहे हैं।
गिर गाय पालन के लिए कुछ बुनियादी जानकारी होना बेहद जरूरी है। आपको बता दें कि गिर एक देसी नस्ल की गाय है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तो अच्छी होती है, लेकिन अगर इनके रखरखाव में लापरवाही हो तो इन्हें कई रोग हो सकते हैं और इनकी उत्पादकता भी घट सकती है। आइए जानते हैं गिर गाय पालन के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
गिर गाय पालन में सबसे पहले शेड का निर्माण करना चाहिए। इसके साथ ही गिर के आहार और पीने के साफ पानी की व्यवस्था शेड के अंदर ठीक से होनी चाहिए। अगर एक ही स्थान पर कई पशु रखनें हो तो का विस्तार अच्छी तरह से करना चाहिए। इसके साथ ही पशुओं के गोबर और मूत्र के निकास की व्यवस्था भी पशुशाला में होनी चाहिए।
ही उसके मुंह और नाक के आस पास मौजूद चिपचिपे पदार्थ को हटा देना चाहिए। इसके अलावा अगर बछड़े को सांस लेने में परेशानी हो रही हो तो उसकी छाती को दबा कर पशु को सांस दिलवानी चाहिए। इसके साथ ही बछड़े के 2 से 5 सेमी दूरी से नाभि को बांधकर नाडू को काट देना चाहिए। इसके बाद एक - दो प्रतिशत आयोडीन की मदद से नाभि को आस पास से साफ कर देना चाहिए।
गिर गाय भारत की सबसे दुधारू नस्लों में से एक है। इस नस्ल की गाय को अगर दिया जाए तो इसकी दूध उत्पादका भी बढ़ती है और ये खतरनाक बीमारियों से भी बची रहती है। गिर गाय को क्या खिलाना चाहिए या गिर गाय का भोजन क्या है ? इसकी जानकारी हम नीचे दे रहे हैं। वैसे आपको बता दें कि ये बात भी गिर गाय पालन करने वालों को पता होनी चाहिए।
100 किलो तैयार करने के लिए आपको 40 किलो गेंहू या मक्के का दलिया, 25 किलो चना व मूंग की चूरी, 10 किलो बिनौले की खली, 1 किलो नमक, 22 किलो सोयाबीन की चूरी और 2 किलो खनिज मिश्रण को मिलाकर दाना मिश्रण तैयार करना है और रोजाना गिर को 1 से 1.5 किलो देना है।
गिर गाय अगर दूध दे रही है तो उसके आहार में 25 से 30 किलो हरा चारा, और 5 से 7 किलो सूखा चारा देना चाहिए। इसके अलावा पशु को कम से कम रोजाना 40 लीटर से ज्यादा पानी भी पिलाना चाहिए।
गिर को आहार के साथ प्रोटीन, खनिज पदार्थ, विटामिन, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे तत्वों की जरूरत पड़ती है। पशु के शरीर में कब किस चीज की कमी है इसकी जांच करानी चाहिए और इसके आधार पर ये पोषक तत्व भी देने चाहिए।
जब में हो तो उसकी देखरेख से जुड़े कुछ प्रबंध करने बेहद जरूरी होते हैं। गाभिन गिर का ध्यान कैसे रखना चाहिए? इसकी जानकारी हम आपको विस्तार से दे रहे हैं
गिर गाय की हीट साइकिल 18 से 21 दिन के बाद आती है और ये 20 से 36 घंटे तक रहती है। यानी कि ये समय गिर गाय को गाभिन करने के लिए सबसे सही होता है। वहीं अगर गिर एक बार बछड़े को जन्म दे चुकी हो तो प्रसव के बाद में 45 दिन के बाद आती है और फिर ही गाय को वापिस गाभिन किया जा सकता है।
गिर गाय कितने दिन या साल में बच्चा देती है, ये सवाल बहुत से लोगों के जेहन में होता है। आपको बता दें कि एक गिर गाय जब तीन साल की होती है तो ही वो व्यस्क होती है। इसलिए तीन साल के होने के बाद ही गिर गाय बच्चे को जन्म दे पाती है। वहीं एक बार बछड़े को जन्म देने के बाद ये प्रक्रिया 8 से 10 बार तक जारी रह सकती है। यानी गाय अपने पूरे जीवनकाल में 8 से 10 बार ही बच्चा दे सकती है।
गिर गाय एक बेहद दुधारू नस्ल की गाय है। लेकिन इनकी उत्पादकता कई सारी बातों पर निर्भर करती है। ऐसे में इस सवाल का जवाब हम आपको नीचे विस्तार से दे रहे हैं।
गिर गाय का कुल दूध बढ़ाने के लिए उसे एक संतुलित आहार देना चाहिए। इसमें हरा चारा, सूखा चारा, खली, सोयाबीन, और कैल्शियम युक्त आहार देना चाहिए। इसके जरिए गिर के दूध के आहार को बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा अगर गाय के कुल आहार में वृद्धि हो जाए तो इसके जरिए भी गाय का दूध बढ़ाया जा सकता है।
गिर गाय के दूध को बढ़ाने के लिए उनके आहार में दाना मिश्रण की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए अगर गाय के दूध में फैट बढ़ाना हो तो इसके लिए पशु के सूखे चारे को बढ़ाया जा सकता है।
गाय कभी - कभी तनाव या हीट स्ट्रोक की वजह से भी दूध सही मात्रा में नहीं दे पाती। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए आपको गाय को कुछ सप्लीमेंट्स देने पड़ सकते हैं जैसे कैल्शियम जैल, हिम शक्ति, मिल्क फीड आदि, लेकिन ध्यान रहे कि ये सप्लीमेंट केवल डॉक्टर की सलाह पर ही पशु को दें।
गिर गाय अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता रखती है, लेकिन कई बार आहार में लापरवाही या सही समय पर टीकाकरण न होने की वजह से गाय खतरनाक रोगों की चपेट में आ जाती है। ऐसे में इन खतरनाक रोगों की रोकथाम और इलाज क्या हो सकता है इसकी जानकारी हम आपको नीचे दे रहे हैं।
एक खतरनाक रोग है, इसके होने पर तुरंत इलाज न कराया जाए तो इसकी वजह से गाय की मौत भी हो सकती है। ये रोग मुख्य रूप से मानसून के दौरान ही अधिक फैलता है। इस रोग से बचाव हेतु पशु का टीकाकरण हर 6 महीने में कराना चाहिए। वहीं रोग हो जाने पर सल्फाडीमीडीन, ऑक्सीटेट्रासाइक्लिन और क्लोरम फेनीकोल नाम की एंटीबायोटिक दवा पशु को देनी चाहिए।
ये रोग भी पशु को मानसून के दौरान ही परेशान करता है। इस रोग से पशु को बचाने के लिए और मानसून के दौरान पशु को खुले में चरने के लिए छोड़ना नहीं चाहिए। ये रोग होने पर पशु को नीम एवं पीपल की पत्तियों के पानी से दिन में तीन से चार बार साफ करना चाहिए। इसके अलावा फिनाइल के पानी से भी पशु की धुलाई करनी चाहिए। वहीं मुंह के छालों के लिए 1 ग्राम फिटकरी को 100 मिलीलीटर पानी में मिलाकर पशु के मुंह को दिन में कई बार धोना चाहिए।
जिसकी वजह से डेयरी उद्योग को हर साल काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इस रोग के हो जाने पर इलाज की पूरी प्रक्रिया पशु चिकित्सक के द्वारा की जाती है। वहीं रोग की रोकथाम के लिए पशु के दूध की समय - समय पर जांच करनी चाहिए, पशु के थनों की जांच करनी चाहिए, पशु का दूध दोहते समय अंगूठे का इस्तेमाल न करें।
गिर के जन्म के 6 महीने के बाद उसे पहला टीका ब्रुसेला का लगवाना चाहिए। इसके एक महीने बाद मुंह खुर और गलघोटू का टीका लगवाएं, फिर उसके एक महीने के बाद पशु को लंगड़े बुखार की टीका लगवाना चाहिए। वहीं जब गिर व्यस्क हो जाए तो हर 6 महीने में डीवॉर्मिंग करानी चाहिए। इसके अलावा गिर की डी हॉर्निंग या सींग दागने से पहले पशु चिकित्सक की सलाह जरूर ले।
गिर गाय हो या कोई अन्य नस्ल की गाय, हर बार पशु को गाभिन कराने से कुछ दिन पहले उनकी डीवॉर्मिंग जरूर करानी चाहिए। अगर डीवॉर्मिंग न कराई जाए तो इसकी वजह से पशु को गाभिन करना मुश्किल हो जाता है। अगर आप अपने पशु की डीवॉर्मिंग कराना चाहते हैं तो बाजार में ऐसी कई दवाएं हैं जिनके जरिए ये किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि पशु की डीवॉर्मिंग की दवाओं का उपयोग केवल पशु चिकित्सक की सलाह पर ही करें।
गिर गाय भले ही गुजरात राज्य के गिर जंगलों से ताल्लुक रखती है, लेकिन आज के समय में इन्हें देश के कई राज्यों समेत ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। गिर को ऑनलाइन खरीदने के लिए आपको केवल Animall ऐप इंस्टॉल करनी होगी। इस ऐप पर न केवल सबसे बढ़िया गिर गाय मिलेगी, बल्कि यहां गिर सबसे सस्ते दाम पर भी आसानी से मिल जाएगी। गिर खरीदने के लिए आपको बाहर जाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
उसके दूध, उम्र, ब्यात और उसके ब्याए हुए दिन की जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा गिर गाय के थन ठीक है या नहीं और गिर के दूध को बढ़ाने के लिए किसी तरह की दवा तो नहीं दी गई है। गिर गाय खरीदने से पहले ये सावधानियां आपको बरतनी चाहिए तभी आप ठगी के शिकार होने से बच जाते हैं।
गिर गाय की कीमत किस तरह तय की जाए ये बात बहुत से लोग जानना चाहते हैं। अगर आप भी इन्ही लोगों में से एक हैं तो आपको बता दें कि गिर गाय की कीमत उनके प्योर होने, दूध, गाभिन, ब्यात जैसी जानकारी पर ही निर्भर करती है।
गिर गाय से जुड़े कुछ सवाल |
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गिर गाय एक दिन में कितना लीटर दूध देती है ? उत्तरगिर गाय एक दिन में 30 से 80 लीटर तक दूध दे सकती है। |
गिर गाय अधिकतम कितना दूध देती है ? उत्तर गिर गाय अधिकतम 80 लीटर दूध दे सकती है। |
गिर गाय का दूध क्या रेट बिकता है ? उत्तरगिर गाय का दूध 60 रुपए से लेकर 200 रुपए लीटर बिकता है |
गुजरात में गिर गाय की कीमत क्या है ? उत्तरगुजरात में गिर गाय की कीमत 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक है। |
गिर गाय राजस्थान में कहां मिलेगी? उत्तरगिर गाय राजस्थान में खरीदने के लिए Animall ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐप डाउनलोड करके आप जहां की भी लोकेशन चुनेंगे, आपको उस जगह के आस पास की सभी गिर गाय दिखाई देने लगेंगी, फिर आप ऐप के जरिए ही गिर गाय खरीद पाएंगे। |
To improve the lives of dairy farmers in a meaningful way by making dairy farming significantly more profitable. Further, more than 15,00,000+ cattle have been sold through Animall which amounts to INR 7500cr+ of GTV. Our dairy farmers have rated us 4.8 out of 5 and 65%+ of them refer Animall to at least one friend monthly.