पंढरपुरी भैंस की संपूर्ण जानकारी पढ़ें

आखरी अपडेट (last updated): 02 Dec 2024
pandharpuri buffalo

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 को संबोधित करते हुए कहा था कि पशुधन और दूध से जुड़े व्यवसाय भारत की हज़ारों वर्ष पुरानी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहे हैं।भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। इन्हीं छोटे किसानों की वजह से आज भारत पूरे विश्व में सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है। अपने इस संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की भैंसों की बेहतरीन नस्लों के बारे में भी बताया था जिसमें मुर्रा, मेहसाणा, जाफराबादी, नीली रावी जैसी भैंसों के नाम शामिल है। पीएम ने एक और ज़बरदस्त भैंस की नस्ल का नाम अपने संबोधन लिया था जिसके बारे में आज हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं।

हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र में पाई जाने वाली पंढरपुरी भैंस की जो दूध देने की क्षमता की वजह से जानी जाती है। दूध उत्पादन के मामले में पंढरपुरी भैंस सुरती, मुर्रा और जाफराबादी नस्ल की भैंसों से पीछे नहीं है। सूखाग्रस्त क्षेत्रों में रहने के कारण इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ज़बरदस्त मानी जाती है। यह भैंस कम पानी पीकर भी ज़्यादा दूध उत्पादन करने की क्षमता रखती है। इस लेख में हम आपके साथ पंढरपुरी भैंस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करने वाले हैं जैसे, पंढरपुरी भैंस का मूल स्थान, पंढरपुरी भैंस की पहचान और विशेषताएं, पंढरपुरी भैंस 1 दिन में कितना लीटर दूध देती है, पंढरपुरी भैंस पालन, पंढरपुरी भैंस आहार, पंढरपुरी भैंस एवं मुर्रा भैंस में अंतर, पंढरपुरी भैंस खरीदने से पहले क्या सावधानी रखें, सबसे सस्ती पंढरपुरी भैंस कहां मिलेगी और इसकी कीमत आदि।

अंतर्वस्तु :
1. पंढरपुरी भैंस का मूल स्थान
2. पंढरपुरी भैंस की पहचान
3. पंढरपुरी भैंस की विशेषताएं
4. पंढरपुरी भैंस 1 दिन में कितना लीटर दूध देती है
5. पंढरपुरी भैंस कहां से खरीदें
6. पंढरपुरी भैंस की कीमत

1. पंढरपुरी भैंस का मूल स्थान

how to raise pandharpuri buffalo

पंढरपुरी भैंस मूल रूप से महाराष्ट्र के सोलापुर के पंढरपुर गांव में पाई जाती है और इसी गांव के नाम पर इसका नाम पंढरपुरी पड़ा है। इसके अलावा ये भैंस महाराष्ट्र के बार्शी, अक्कलकोट ,सांगोला, मंगलवेड़ा, मिराज, कर्वी, शिरोल, रत्नागिरी, सांगली और कोल्हापुर में भी पाली जाती है। पंढरपुरी भैंस की इस नस्ल को धारवाड़ी के नाम से भी जाना जाता है। महाराष्ट्र में पंढरपुरी भैंस का पालन सबसे ज़्यादा होता है। ऐसा माना जाता है कि पंढरपुरी भैंसों को 150 से अधिक वर्षों से पाला जा रहा है। ऐसा कहते हैं कि स्थानीय गवली समुदाय ने दूध उत्पादन के लिए इन भैंसों को पाला था और कोल्हापुर के पहलवानों को ताज़ा दूध की आपूर्ति के लिए इन भैंसों को कोल्हापुर से शाही संरक्षण प्राप्त था।

2. पंढरपुरी भैंस की पहचान

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पंढरपुरी भैंस मूल रूप से महाराष्ट्र के सोलापुर के पंढरपुर गांव में पाई जाती है और इसी गांव के नाम पर इसका नाम पंढरपुरी पड़ा है। इसके अलावा ये भैंस महाराष्ट्र के बार्शी, अक्कलकोट ,सांगोला, मंगलवेड़ा, मिराज, कर्वी, शिरोल, रत्नागिरी, सांगली और कोल्हापुर में भी पाली जाती है। पंढरपुरी भैंस की इस नस्ल को धारवाड़ी के नाम से भी जाना जाता है। महाराष्ट्र में पंढरपुरी भैंस का पालन सबसे ज़्यादा होता है। ऐसा माना जाता है कि पंढरपुरी भैंसों को 150 से अधिक वर्षों से पाला जा रहा है। ऐसा कहते हैं कि स्थानीय गवली समुदाय ने दूध उत्पादन के लिए इन भैंसों को पाला था और कोल्हापुर के पहलवानों को ताज़ा दूध की आपूर्ति के लिए इन भैंसों को कोल्हापुर से शाही संरक्षण प्राप्त था।

  • 86.51% पंढरपुरी भैंस काले रंग की होती हैं लेकिन 13.14% भैंसों का रंग भूरा देखने को मिल सकता है।
  • इनके सींग तलवार की तरह लंबे होते हैं और लगभग रीढ़ की हड्डी को छूते हैं जिनकी लंबाई 45-50 सेंटीमीटर तक होती है। इन भैंसों के सींग इन्हें बहुत आकर्षित बनाते हैं।
  • कुछ पंढरपुरी भैंसों के शरीर पर सफेद धब्बे भी देखने को मिलते हैं। ये धब्बे ज़्यादातर माथे, थूथन,पैर और शरीर के पिछले हिस्से पर होते हैं।
  • बड़े आकार की पंढरपुरी भैंसों का शरीर कठोर और मज़बूत होता है।
  • इनका सिर लंबा और पतला होता है, जबकि नाक की हड्डी थोड़ी बड़ी होती है।
  • पंढरपुरी भैंसों की गर्दन लंबी व पतली होती है और इसके कान बड़े व झुके हुए होते हैं।

3. पंढरपुरी भैंस की विशेषताएं

jaffrabadi bhains specialties

पंढरपुरी नस्ल की भैंस अपनी बेहतर प्रजनन क्षमता के लिए जानी जाती हैं। यह हर 12-13 महीने में ब्याने की क्षमता रखती है और प्रजनन के बाद 305 दिन तक यह दूध दे सकती है। दूध देने की क्षमता की वजह से पशुपालकों में मशहूर पंढरपुरी भैंस के दूध में फैट की मात्रा भरपूर पाई जाती है। इसके दूध से उच्च क्वॉलिटी का घी, मक्खन और दही जैसे विभिन्न डेयरी प्रोडक्ट्स का उत्पादन किया जाता है। पंढरपुरी भैंस के दूध का इस्तेमाल महाराष्ट्र में मिठाइयों के साथ कई व्यंजन बनाने में भी किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कोल्हापुर के पहलवानों को ताज़ा दूध की आपूर्ति के लिए इन भैंसों को कोल्हापुर से शाही संरक्षण प्राप्त था। पंढरपुरी भैंस जिन इलाकों में पाई जाती है वो ज़्यादातर सूखाग्रस्त क्षेत्रों में आते हैं। इस वजह से पंढरपुरी भैंसें सूखे के प्रति सहनशील मानी जाती हैं।

पंढरपुरी भैंस पालन, इसका पालन पोषण बहुत कम लागत वाला माना जाता है । पंढरपुरी भैंस मौसम की विपरीत परिस्थितियों के लिए भी काफी अनुकूल मानी जाती है और इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी ज़बरदस्त होती है। पंढरपुरी भैंस एवं मुर्रा भैंस में अंतर, मुर्रा भैंस को 1 लीटर दूध के लिए 6-7 लीटर पानी की आवश्यकता पड़ती है जबकि सूखे के प्रति सहनशीलता के लिए पहचाने जाने वाली पंढरपुरी भैंस कम से कम पानी में भी अपनी दूध उत्पादन क्षमता को बरकरार रखने में सक्षम होती है।

4. पंढरपुरी भैंस 1 दिन में कितना लीटर दूध देती है

pandharpuri bhains milk

भाकृअनुप- राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (ICAR-NBAGR) द्वारा पंजीकृत पंढरपुरी भैंस 1 दिन में 6 से 8 लीटर तक दूध उत्पादन करती है। इसके उच्च गुणवत्ता वाले दूध में 6 से 8 प्रतिशत तक फैट पाया जाता है। एक ब्यात में पंढरपुरी भैंस 1400 लीटर से ज़्यादा दूध देती है।

पंढरपुरी भैंस आहार, सही रखरखाव मिलने पर और

जैसे, मक्का, जई, मूंगफली, सोयाबीन, हरा चारा, साइलेज, विटामिन, खनिज, गन्ना, धान और पानी की सही मात्रा आदि देने पर ये प्रतिदिन 15 लीटर तक भी दूध देने की क्षमता रखती है। पंढरपुरी भैंसों को गेहूं का भूसा, धान का भूसा, गन्ने का अवशेष, मक्का और ज्वार भी दिया जा सकता है।

5. पंढरपुरी भैंस कहां से खरीदें

buying and selling pandharpuri bhains

पंढरपुरी भैंस खरीदने से पहले आपको इसकी पहचान के बारे में जानकारी होना ज़रूरी होता है। पहचान के बारे में पता होने पर आप सही भैंस का चुनाव कर सकते हैं और साथ ही ठगी का शिकार होने से भी बच सकते हैं। आपको बता दें कि पंढरपुरी भैंस खरीदने के लिए आप अपने आस पास के पशुपालकों से संपर्क कर सकते हैं या फिर किसी पशु मेले में जाकर भी इसे खरीद सकते हैं।

सबसे सस्ती पंढरपुरी भैंस कहां मिलेगी :

सबसे सस्ती पंढरपुरी भैंस कहां से खरीदना है इस विषय को लेकर पशुपालक अधिकतर चिंतित रहते हैं, लेकिन अब आपको किसी भी प्रकार की चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। अब

पर ही आपको सबसे सस्ती पंढरपुरी भैंस मिल जाएगी। इस ऐप पर रोज़ाना पशुपालक पंढरपुरी भैंस बेचने के लिए अपने पशु की फ़ोटो, वीडियो, ब्यात, दूध क्षमता और क़ीमत की जानकारी साझा करते हैं।

पंढरपुरी भैंस खरीदने से पहले सावधानी :

पंढरपुरी भैंस खरीदने से पहले कई तरह की बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है जैसे- :

  • खरीदने से पहले पंढरपुरी भैंस के थन और अडर क्वॉलिटी की जांच करा लें।
  • पशु है या नहीं इसकी भी पुष्टि किसी अच्छे पशु चिकित्सक से करा लें।

पशु शारीरिक रूप से स्वस्थ है या नहीं :

  • पंढरपुरी और ब्यात के बारे में भी जानकारी जुटा लें।

भैंस की उम्र :

  • पंढरपुरी भैंस ने पिछली ब्यात में कितना दूध दिया था और 1 दिन में कितना लीटर दूध देती है ये जानकारी भी आपको पता होनी चाहिए।

6. पंढरपुरी भैंस की कीमत

pandharpuri bhains price

एक पंढरपुरी भैंस की कीमत उसके दूध की मात्रा, ब्यात, उम्र और उसके साथ मौजूद पाड़ा है या पाड़ी इस पर भी निर्भर करती है। आमतौर पर एक सामान्य पंढरपुरी भैंस की कीमत 40 हज़ार से लेकर 80 हज़ार तक हो सकती है। अगर आप पशुपालक से मोल-भाव करते हैं तो यह आपको कम दाम में भी मिल सकती है।

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