सभी पशुपालक अपने पशुओं को स्वस्थ रखना चाहते हैं, लेकिन कई बार पशुओं को कई गंभीर बीमारियां हो जाती हैं जैसे कि दस्त। दस्त को अंग्रेजी में डायरिया भी कहा जाता है। दस्त पशुओं के लिए एक गंभीर समस्या है। लंबे समय तक दस्त से पीड़ित रहने पर पशुओं में पानी की कमी हो जाती है। वहीं, कई बार पशुओं के लिए दस्तजानलेवा भी साबित हो जाता है। इससे पशुओं की मौत भी हो जाती है। दस्त लगने से पशुओं की दूध की क्षमता भी प्रभावित होती है। इससे पशुपालक को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसलिए आज इस लेख में हम अपने पशुपालक भाईयों को पशुओं को दस्त होने पर क्या करना चाहिए, इसके साथ ही इलाज के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाने हैं और पशु चिकित्सा के पास पशुओं को कब ले जाना है आदि इससे संबंधित ऐसे ही कई सवालों का जवाब हम आपको इस लेख में देने वाले हैं। बस आप पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
अंतर्वस्तु : |
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1. पशुओं को दस्त लगने के कारण ? |
2. पशुओं में दस्त लगने के लक्षण? |
3. दस्त से पशुओं को बचाने के क्या-क्या उपाय हैं? |
पशुओं को दस्त लगने के कई कारण होते हैं, लेकिन कई पशुपालकों को इस बारे में सही जानकारी नहीं होती। हम आपको बताते हैं कि आखिर किन वजहों से यह होता है। दरअसल, गाय को दस्त लगने के कारण और भैंस को दस्त लगने के कारण उनकी पाचन क्रिया का खराब हो जाने से है। साथ ही पेट में किसी तरह के संक्रमण हो जाने पर भी पशुओं को दस्त लग जाते हैं। वहीं, कई और कारणों से भी पशुओं में दस्त जैसी बीमारी देखने को मिल सकती है। जैसे की पशुओं के पेट में कीड़े हो जाना।
पशुओं का बार-बार गोबर करते रहना या फिर पतला गोबर करना ये सब पशुओं में दस्त लगने के लक्षण होते हैं। कई बार ज्यादा गर्मी के कारण भी पशु को ये बीमारी हो जाती है। इसके अलावा पशुओं में दस्त लगने के कई और लक्षण भी देखने को मिलते हैं जैसे कि पशुओं के गोबर में से झाग आना।
पशुओं के दस्त का इलाज और पशुओं के दस्त रोकने की दवा इस बारे में यदि आपको नहीं पता है तो हम आपको बताते हैं कि किन उपायों के करने से पशुओं को दस्त से राहत मिल सकती है। इसके लिए पशुओं को हमेशा साफ-सुथरा चारा देना चाहिए। पशुओं को हमेशा साफ पानी पिलाएं। पशुओं के दस्त से प्रभावित होने पर उनको आहार में दही दे सकते हैं। इसके अलावा कई और उपायों की मदद से भी पशुओं को दस्त से बचाया जा सकता है।
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