पशुओं को दस्त से कैसे बचाएं

आखरी अपडेट (last updated): 02 Dec 2024

सभी पशुपालक अपने पशुओं को स्वस्थ रखना चाहते हैं, लेकिन कई बार पशुओं को कई गंभीर बीमारियां हो जाती हैं जैसे कि दस्त। दस्त को अंग्रेजी में डायरिया भी कहा जाता है। दस्त पशुओं के लिए एक गंभीर समस्या है। लंबे समय तक दस्त से पीड़ित रहने पर पशुओं में पानी की कमी हो जाती है। वहीं, कई बार पशुओं के लिए दस्तजानलेवा भी साबित हो जाता है। इससे पशुओं की मौत भी हो जाती है। दस्त लगने से पशुओं की दूध की क्षमता भी प्रभावित होती है। इससे पशुपालक को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसलिए आज इस लेख में हम अपने पशुपालक भाईयों को पशुओं को दस्त होने पर क्या करना चाहिए, इसके साथ ही इलाज के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाने हैं और पशु चिकित्सा के पास पशुओं को कब ले जाना है आदि इससे संबंधित ऐसे ही कई सवालों का जवाब हम आपको इस लेख में देने वाले हैं। बस आप पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

अंतर्वस्तु :
1. पशुओं को दस्त लगने के कारण ?
2. पशुओं में दस्त लगने के लक्षण?
3. दस्त से पशुओं को बचाने के क्या-क्या उपाय हैं?

1. पशुओं को दस्त लगने के कारण?

पशुओं को दस्त लगने के कई कारण होते हैं, लेकिन कई पशुपालकों को इस बारे में सही जानकारी नहीं होती। हम आपको बताते हैं कि आखिर किन वजहों से यह होता है। दरअसल, गाय को दस्त लगने के कारण और भैंस को दस्त लगने के कारण उनकी पाचन क्रिया का खराब हो जाने से है। साथ ही पेट में किसी तरह के संक्रमण हो जाने पर भी पशुओं को दस्त लग जाते हैं। वहीं, कई और कारणों से भी पशुओं में दस्त जैसी बीमारी देखने को मिल सकती है। जैसे की पशुओं के पेट में कीड़े हो जाना।

  • पशुओं को गंदा पानी पिलाना।
  • पशुओं को सड़ा हुआ चारा खिलाना।
  • पशुओं को ज्यादा हरा चारा खिलाना।
  • पशुओं को अधिक दिन का बासी खाना खिलाना।
  • पशुओं को ठंड लगने से भी दस्त होते हैं।
  • पशुओं को पर्याप्त मात्रा से अधिक बिनौला खिला देना।
  • पशुओं को गंदे पानी में उगी घास को खिलाना।
  • पशुओं को पानी की कमी हो जाने से भी दस्त हो जाते हैं
  • पशुओं को लिवर में कुछ समस्या आने से भी पशुओं को दस्त लग सकते हैं।

2. पशुओं को दस्त लगने के लक्षण?

How to save pashu from dast

पशुओं का बार-बार गोबर करते रहना या फिर पतला गोबर करना ये सब पशुओं में दस्त लगने के लक्षण होते हैं। कई बार ज्यादा गर्मी के कारण भी पशु को ये बीमारी हो जाती है। इसके अलावा पशुओं में दस्त लगने के कई और लक्षण भी देखने को मिलते हैं जैसे कि पशुओं के गोबर में से झाग आना।

  • पशुओं के गोबर से बदबू आना या खून आना।
  • पशुओं को बुखार आना।
  • पशुओं में कमजोरी होना।
  • पशुओं का चिड़चिड़ा होना।
  • पशुओं का सुस्त रहना।
  • पशु का सही तरह से दूध न देना।

3. दस्त से पशुओं को बचाने के क्या-क्या उपाय हैं?

How to save pashu from dast

पशुओं के दस्त का इलाज और पशुओं के दस्त रोकने की दवा इस बारे में यदि आपको नहीं पता है तो हम आपको बताते हैं कि किन उपायों के करने से पशुओं को दस्त से राहत मिल सकती है। इसके लिए पशुओं को हमेशा साफ-सुथरा चारा देना चाहिए। पशुओं को हमेशा साफ पानी पिलाएं। पशुओं के दस्त से प्रभावित होने पर उनको आहार में दही दे सकते हैं। इसके अलावा कई और उपायों की मदद से भी पशुओं को दस्त से बचाया जा सकता है।

  • पशुओं को छाछ देने से भी दस्त में आराम मिलता है।
  • पशुओं को दस्त लगने पर बिनौला देना बंद कर देना चाहिए। साथ ही पशु के आहार में अनाज की मात्रा को भी कम कर देना चाहिए।
  • भैंसों को दस्त लगने पर चारे में सरसों का तेल मिलाकर भी दे सकते हैं। इससे पशुओं को दस्त में आराम मिलेगा।
  • ठंड में भैंसों को आवश्यकता से अधिक हरा चारा नहीं खिलाना चाहिए।
  • पशुओं के पेट में कीड़े होने पर उन्हें कृमि नाशक दवा पिलानी चाहिए।
  • यदि पशुओं को दस्त लगने पर घरेलू उपचार से राहत न मिलें तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
  • कई बार पशुओं को दस्त से राहत दिलाने के लिए इंजेक्शन भी लगवाने पड़ते हैं। लेकिन यह पशु चिकित्सक के परामर्श के बाद ही लगवाएं।
  • पशुओं के दस्त की दवा के लिए पशु चिकित्सक से सपंर्क करना चाहिए। क्योंकि दस्त से बचाने के लिए बाजारों में कई दवाएं आती हैं, लेकिन कई बार ये दवाएं पशुओं को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • पशुओं के स्वास्थ्य की समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए।