हर एक पशुपालक पशुओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए काफी कुछ करता है। जिससे पशु स्वस्थ रह सके और वो अच्छा लाभ अर्जित कर सकें। आज इस लेख में हम अपने पशुपालक भाइयों को एक ऐसी ही फायदेमंद चीज के बारे में बताएंगे, जिससे उनका पशु स्वस्थ रहे।
वह है डालडा घी। जी हां, अधिकांश पशुपालक पशुओं को डालडा घी देने के क्या फायदे होते हैं इससे अनजान होते हैं। आपको इस लेख में हम पशुओं को डालडा घी देने से होने वाले फायदे के बारे में बता रहे हैं। इसके साथ ही पशुओं को डालडा घी कब और कितनी मात्रा में देना चाहिए। यह भी इस लेख में बताएंगे। बस आप पूरी जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
अंतर्वस्तु : |
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1. क्या होता है डालडा घी ? |
2. पशुओं को डालडा घी देने के क्या-क्या फायदे होते हैं। |
3. पशुओं को डालडा घी कैसे दें। |
4. छोटे और बड़े पशुओं को कितनी मात्रा में डालडा घी देना चाहिए। |
5. किन पशुओं को डालडा घी नहीं देना चाहिए। |
वनस्पति तेलों द्वारा तैयार किए जाने वाले घी को डालडा घी कहते हैं। यानी डालडा घी को वनस्पति तेलों के हाइड्रोजेनेशन द्वारा बनाया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत वनस्पति तेल में निकिल पाउडर की उपस्थिति में उच्चतम तापमान पर हाइड्रोजन गैस प्रवाहित की जाती है, जिससे धीरे-धीरे यह वनस्पति घी में बदल जाता है। बता दें कि डालडा असल में वनस्पति तेल बनाने वाली कंपनी का नाम है। इसका उपयोग खाना बनाने में भी किया जाता है।
छोटे और बड़े दोनों पशुओं को डालडा घी दे सकते हैं। पशुओं को डालडा घी चने की चूरी में मिलाकर दे सकते हैं। इसके अलावा किसी भी अनाज के चूरे में डालडा घी मिलाकर पशु को खिला सकते हैं। यदि डालडा घी सिर्फ अकेले देंगे तो पशु नहीं खाते। इसलिए उन्हें किसी अनाज की चूरी में मिलाकर ही डालडा घी देना चाहिए। इसे पशु बड़े चांव से खाते हैं।
पशुओं को डालडा घी कितना दें जोकि पशुओं के लिए फायदेमंद हो। इसके लिए छोटे पशुओं के बच्चे जोकी 2 महीने से 6 महीने के बीच के होते हैं उनको 50 ग्राम तक रोजाना डालडा घी दिया जा सकता है। 6 महीने से 1 साल तक के पशुओं को रोजाना 100 ग्राम डालडा घी दे सकते हैं। यदि पशु एक साल से ऊपर का है तो उसे 200 ग्राम रोजाना डालडा घी दे सकते हैं।
बीमार पशुओं को डालडा घी या कोई भी चिकनाई वाली चीज नहीं देनी चाहिए। इससे उनके लीवर पर फर्क पड़ता है और वह चरना छोड़ देते हैं। उम्र के हिसाब से ही पशुओं को डालडा घी देना चाहिए। यदि छोटे पशुओं को अधिक मात्रा में डालडा घी देते हैं तो वह चरना छोड़ देते हैं। वहीं पर्याप्त मात्रा से ज्यादा डालडा घी पशुओं को देना हानिकारक हो सकता है। अधिक मात्रा में पशु को डालडा घी खिलाते हैं तो वह दूध देना भी कम कर देते हैं। इससे उनकी दूध देने की क्षमता पर भी असर पड़ सकता है। साथ ही लीवर में फैट जमना शुरू हो जाता है जिससे पशु बीमार पड़ सकता है।
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