पशुपालक अक्सर इस बात को लेकर परेशान रहते हैं की पशु के दूध का फैट बढ़ाने के लिए क्या करें और दूध का फैट कैस बढ़ाएं जिससे उन्हें दूध की अच्छी कीमत मिल सके और डेयरी व्यवयाय में अधिक मुनाफा हो। इसके लिए बाज़ार से कई आहार भी लाते हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई असर नहीं पड़ता है। इसलिए आज इस लेख में हम पशुपालकों को बेहद ही आसान तरीका बता रहे हैं जिससे दूध में फैट की मात्रा बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इस लेख में हम आपको दूध का फैट बढ़ाने के उपाय, कैसे और कौनसा आहार कितनी मात्रा में देकर बहुत ही आसानी से पशु के दूध का फैट बढ़ाया जा सकता है के बारे में भी बताएंगे। बाजार के दूसरे उत्पादों की तरह इस सामान्य आहार के कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। साथ ही दूध की गुणवत्ता को बेहतर करके अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। बस आप पूरी जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
अंतर्वस्तु : |
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1. दूध में कितना फैट होता है? |
2. पशुओं के दूध में फैट किन-किन चीजों से बढ़ता है? |
3. पशुओं को खनिज मिश्रण कितनी मात्रा में दें? |
4. पशुओं को विटामिन कितनी मात्रा में देना चाहिए? |
5. नस्ल का भी ध्यान रखना जरूरी |
6. आहार देते समय इन बातों का रखें ध्यान, बरतें सावधानी |
देश के ज्यादातर पशुपालक भैंस और गाय के जरिए ही दूध का व्यापार करते हैं। बता दें इनमें से गाय के दूध को पतला और भैंस के दूध को मोटा कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गाय के दूध में कम फैट पाया जाता है और भैंस के दूध में फैट अधिक होता है। क्या आप जानते हैं भैंस के दूध का फैट रेट कितना होता है और गाय के दूध का फैट रेट कितना होता है। जानकारी के अनुसार, गाय के दूध में 4 से 5 प्रतिशत फैट पाया जाता है। वहीं, भैंस के दूध में 6 से 10 प्रतिशत तक फैट रेट पाया जाता है।
आजकल पशुओं को खनिज मिश्रण देना अत्यंत आवश्यक है। जो पशु 10 से 15 लीटर दूध देता हो उसे 50 ग्राम खनिज मिश्रण दे सकते हैं। यदि पशु 20 किलो से भी अधिक दूध देता है तो उसे 50 ग्राम सुबह और 50 ग्राम शाम को खनिज मिश्रण दिया जा सकता है। इससे आपके पशुओं की सेहत भी अच्छी रहती है। साथ ही बीमारियों से दूर रहते हैं दूध के उत्पादन में वृद्धि होती है। इससे उनकी प्रजनन शक्ति भी बढ़ती है।
पशुओं को विटामिन 10 मिलीलीटर सुबह और 10 मिलीलीटर शाम को दिया जा सकता है। इससे उनकी सेहत अच्छी रहती है बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। यह पशुओं के सिंगो और त्वचा के खुरदरेपन को दूर करता है। इसके साथ ही उनके रंगत में भी निखार आता है। हालांकि, बीमार पशु को देने से पहले पशु चिकित्सक से सलाह-मशवरा ज़रूर लें।
दूध में फैट की मात्रा कितनी होगी यह गाय या भैंस की नस्ल पर भी बहुत हद तक निर्भर करता है। ऐसे में अगर दूध में फैट का स्तर अधिक चाहते हैं तो सबसे जरूरी है कि एक उन्नत नस्ल वाली गाय या भैंस खरीदें। इसके अलावा भैंस और गाय को सही मात्रा में आहार देना चाहिए और चारे को नियमित रूप से देना चाहिए। इस तरह भी दूध में फैट के स्तर को बढ़ाया जा सकता है।
गाय या भैंस को पालने वाले पशुपालक अक्सर दूध के अंदर फैट को बढ़ाने के लिए हरे चारे की मात्रा को बढ़ा देते हैं। जबकि यह पूरी तरह विपरीत असर करता है। गाय या भैंस का हरा चारा अधिक मात्रा में देने से उनकी दूध देने की क्षमता तो बढ़ जाती है, लेकिन दूध से फैट कम हो जाता है। वहीं, पशु को सूखा चारा देने से दूध में फैट की मात्रा बढ़ जाती है, लेकिन पुश की दूध देने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में पशुपालकों को पशुओं को 60 प्रतिशत हरा चारा और 40 प्रतिशत सूखा चारा देना चाहिए।
इस तरह पशु को चारा देने से दूध की गुणवत्ता भी बेहतर होगी और पशु दूध भी सही मात्रा में देगा। इसके अलावा पशुपालक इस बात पर भी सावधानी बरते कि अचानक पशु के आहार में कोई बड़ा बदलाव न करें। ऐसा करने से पशु की दूध देने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। इसके साथ ही बछड़े को गाय का आखिरी में दूध न पीने दें। जानकारी के अनुसार भैंस जो दूध दोहने के आखिरी समय पर देती हैं। उनमें सबसे अधिक फैट पाया जाता है।
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